home page

Cheque Bounce New Rules : चेक बाउंस होने पर अब नए नियम, जेल, दोगुना जुर्माना, कोर्ट फीस जाने क्या होगा?

Cheque Bounce New Rules : बड़े लेन-देनों के लिए आज भी कई लोग चेक का यूज करते हैं। चेक से लेन-देन करना बेहद आसान है, लेकिन इससे जुड़े कुछ नियम होते हैं। किंतू अब चेक से जुड़े नियमों के साथ ही 1 अप्रैल 2025 से चेक बाउंस के नियम सख्त हो गए हैं। अब इन नए नियमों (Rules Of  Cheque Bounce ) के तहत जेल, दोगुना जुर्माना आदि नियमों में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। आइए जानते हैं इन नए नियमो के बारे में। 

 | 
Cheque Bounce New Rules : चेक बाउंस होने पर अब नए नियम, जेल, दोगुना जुर्माना, कोर्ट फीस जाने क्या होगा?

HR Breaking News (Cheque Bounce Rules) चेक से जुड़ी भुगतान व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए चेक बाउंस को लेकर नियम सख्त कर दिए गए हैं। इन नियमों को इसलिए सक्ष्त किया गया है ताकि धोखाधड़ी पर रोक लगाई जा सकें।

 

 

अगर आप भी चेक (Cheque Bounce New Rules)से लेन-देन करते हैं तो आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि चेक बाउंस के नियमों में क्या बड़े बदलाव हुए हैं ओर इन नियमों का ग्राहकों पर क्या असर होगा।

 

 

चैक बाउंस को लेकर कौन से बदले नियम
 

नियमो के मुताबिक अगर कोई जानबूझकर चेक बाउंस करता है, तो इसके लिए पहले उसे कड़ी सजा मिलेगी। अगर ऐसा कोई मामला होता है तो ऐसे में  दोषी को दो साल तक की जेल का प्रावधान है और चेक की रकम के दोगुने तक जुर्माना भी हो सकता है।

सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि कोर्ट में चलने वाले चेक बाउंस मामलों की सुनवाई भी अब जल्दी होगी। मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court Cheque Rules)की ओर से भी इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए खास निर्देश जारी किए हैं।


इससे पहले नियमों (Cheque Bounce New Rules ) के तहत शिकायत दर्ज कराने के लिए एक महीने का समय होता था, लेकिन अब शिकायत दर्ज कराने का समय बढ़ाकर तीन महीने कर दिया गया है। इसका फायदा यह होगा कि इससे शिकायतकर्ता को अपनी बात रखने के लिए ज्यादा समय मिल सकेगा।

ऑनलाइन मोड के जरिए भी कर सकेंगे शिकायत
 

अब नए नियमो के तहत चेक बाउंस (What is a dishonoured cheque)   से जुड़ी शिकायतें ऑनलाइन की जा सकती हैं और ऐसे मामलों में डिजिटल सबूतों पर भी जोर दिया गया है। ऐसा होने पर शिकायत दर्ज कराने में ज्यादा सहूलियत होगी। नियमों के हिसाब से अब बैंकों के लिए एक जैसी प्रक्रिया लागू की गई है। यानी की अब चेक बाउंस का मामला  किसी भी बैंक से जुड़ा हुआ होगा तो भी एक समान तरीके से एक्शन लिया जाएगा।


अब अगर चेक बांउस होता है तो चेक बाउंस होने पर 24 घंटे के अंदर ही खाताधारक और चेक पाने वाले दोनों को SMS और ईमेल के जरिए सूचित किया जाएगा और किस वजह से चेक बाउंस हुआ, इसका कारण भीबताया जाएगा।

अकांउट हो सकता है फ्रीज
 

नियमो(check bounce ke niyam) के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति काचेक लगातार तीन बार बाउंस होता है, तो बैंक की ओर से उस अकांउट को को अस्थायी रूप से फ्रीज किया जा सकता है। यह कदम इसलिए उठाया गया है, ताकि भुगतान प्रणाली में अनुशासन बनाया जा सकें।

चेक बाउंस होने से बचने के तरीके
 

कई कारणों के चलते चेक बाउंस  (Cheque Bounce )होता है। अगर चेक बाउं होने से बचाना चाहते हैं तो खाते में पर्याप्त बैलेंस रखें, जिससे चेक बाउंस न हो। इसके साथ ही चेक पर तारीख और प्राप्तकर्ता का नाम सही तरीके से भरें ताकि चेक बाउंस न हो।

इसके अलावा अच्छी क्वालिटी की स्याही का यूज करें और फटे या खराब चेक का इस्तेमाल बिल्कूल न करें और चेक पर दो लाइनें खींचकर उसे "Account Payee" बनाएं। चेक बाउंस होने से बचाने के लिए समय-समय पर बैंक स्टेटमेंट चेक करते रहें। अगर किसी कारण के चलते चेक की पेमेंट में देरी होती है तो सामने वाले को पहले से सूचित कर दें।

चेक बाउंस पर सजा के प्रावधान
 

चेक बाउंस (Reasons of Cheque Bounce )होना एक कानूनी अपराध माना जाता है। नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 (Negotiable Instruments Act, 1881) की धारा 138 के तहत चेक बाउंस होना जुर्म माना जाता है।

इस एक्ट के तहत व्यक्ति को दो साल तक की जेल, चेक की राशि के दोगुने तक जुर्माना, कोर्ट फीस और कानूनी खर्च जैसी सजा हो सकती है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि 100 रुपये से 750 रुपये तक का जुर्माना भी वसूला जा सकता है।

News Hub