CIBIL Score : नहीं भर पा रहे रहे लोन की EMI तो कर लें ये 4 काम, सिबिल स्कोर नहीं होगा खराब
Loan EMI : लोन लेने के बाद इसकी ईएमआई भरना लोन लेनदार के लिए चुनौती भरा काम होता है। एक भी ईएमआई मिस या बाउंस होने पर सिबिल स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है। अगर आपने भी कोई लोन लिया है और इसकी ईएमआई (loan EMI rules) भरने में समस्या हो रही है तो आप ये 4 काम कर लें। इससे आपकी ईएमआई भी समय पर भरने में आसानी होगी और आपका सिबिल स्कोर भी खराब नहीं होगा।

HR Breaking News : (Cibil score update)। जब भी फाइनेंशियल जरूरत में लोन की जरूरत पड़ती है तो सबसे पहले इसकी ईएमआई भरने पर जरूर विचार कर लेना चाहिए, नहीं तो बाद में यह परेशानी का कारण बन सकती है। अगर आप ईएमआई भरने में असमर्थ हुए तो आपका सिबिल स्कोर (cibil score news) गड़बड़ा जाएगा। अगर इस तरह की परेशानी कभी आपको आती भी है तो आप यहां पर बताए गए 4 तरीके आजमाकर ईएमआई (loan EMI) भरने की मुश्किलों से पीछा छुड़ा सकते हैं और अपने सिबिल स्कोर को खराब होने से बचा सकते हैं।
1. बैंक पहुंचकर करें यह काम-
अगर आपको लोन की ईएमआई (loan EMI chukane ke niyam) भरने में समस्या हो रही है तो सबसे पहले बैंक में जाकर मैनेजर से इस बारे में बातचीत करें। उनको सही स्थिति से अवगत कराएं और अगर आपने जानबूझ कर ईएमआई मिस नहीं की है तो इस बारे में भी बताएं। उस बैंक (bank news) शाखा के मैनेजर से ही बात करना उचित होगा, जहां से आपने लोन लिया है। पूरी समस्या को सही से बताएं और भविष्य में ऐसा न होने का भरोसा भी दिलाएं। इससे आपकी समस्या का समाधान निकल सकता है। बातचीत करने पर ईएमआई बाउंस (EMI bounse reasons) होने के बाद बैंक की ओर से जो पेनल्टी लगा दी जाती है, वह भी कम हो सकती है।
2. सिबिल स्कोर को लेकर करें रिक्वेस्ट-
हर बैंक तीन माह बाद सिबिल स्कोर (cibil score rules) के लिए ग्राहक की रिपोर्ट भेजता है। ऐसे में आप एक दो माह तक ईएमआई मिस होने पर सिबिल स्कोर की पॉजिटिव रिपोर्ट के लिए गुहार लगा सकते हैं। लगातार तीन किस्त मिस होने पर सिबिल स्कोर खराब (how to improve cibil score) होने के पूरे चांस हैं। सिबिल स्कोर खराब होने के बाद अगली बार लोन मिलने में मुश्किल हो सकती है।
3. ईएमआई को करवा सकते हैं होल्ड-
कई बार ऐसी स्थिति होती है कि लोन ईएमआई (loan EMI rules) की तारीख पर तो पैसा नहीं होता, लेकिन बाद में आपके पास पैसा होने की निश्चितता होती है। ऐसे में आप बैंक जाकर इस स्थिति के बारे में बताएं और मैनेजर से किस्त को होल्ड करने के लिए कहें। इसके लिए आप आवेदन लगा सकते हैं। तय बातचीत के आधार पर पैसों का इंतजाम होने पर किस्त को चुका सकते हैं। इससे आपको इमरजेंसी के समय ईएमआई (how to pay loan EMI) चुकाने में राहत मिलेगी।
4. एरियर EMI पर करें विचार-
अक्सर ऐसा भी होता है कि लोगों की सैलरी उस समय नहीं आती, जब ईएमआई (EMI payment rules) भरनी होती है। ईएमआई आमतौर पर महीने के शुरू के सप्ताह में भरनी होती है और सैलरी कई बार दूसरे या तीसरे सप्ताह तक आती है। इस स्थिति में जब तक सैलरी आती है तब तक ईएमआई मिस (EMI bounse hone par kya kre) हो जाती है। ऐसे में बेहतर होगा कि लोन लेने से पहले ही एरियर ईएमआई (arrear EMI) का ऑप्शन चुनें या फिर बाद में भी मैनेजर से बात करके इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। एरियर ईएमआई को एडवांए ईएमआई भी कहा जा सकता है।