CIBIL Score knowledge : लोन लेने के लिए क्यों अहम है सिबिल स्कोर और क्रेडिट स्कोर, लोन लेने वाले समझ लें दोनों का अंतर

HR Breaking News, Digital Desk - (CIBIL Score )जब भी हम लोन लेने के लिए बैंक जाते है तो बैंक वाले सबसे पहले सिविल स्कोर और क्रेडिट स्कोर को चेक करते है। हालांकि क्रेडिट स्कोर और सिविल स्कोर शब्द का इस्तेमाल एक दूसरे के स्थान पर किया जाता है।
दरअसल, ट्रांसयूनियन CIBIL लिमिटेड को पहले क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड (CIBIL) के नाम से जाना जाता था। यह एक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है। इसके अलावा, भी तीन क्रेडिट रेंटिंग एजेंसियां है, जिनका एक्सपेरियन, सीआरआईएफ हाई मार्क और इक्विफैक्स है। वहीं, क्रेडिट स्कोर एक अहम मैट्रिक है, जो लोन लेते वक्त बड़ा बहम रोल निभाता है।
CIBIL Score और क्रेडिट स्कोर के बीच अंतर?
आसान शब्दों में कहें तो, सिबिल स्कोर और क्रेडिट स्कोर के बीच का मुख्य अंतर यह है कि सिबिल स्कोर देश में सिबिल क्रेडिट ब्यूरो की ओर से जारी किया जाता है, जबकि क्रेडिट स्कोर मात्र केवल किसी व्यक्ति वित्तीय क्षमता के आंकलन करने के लिए किया जाता है, जो कई क्रेडिट ब्यूरो की ओर से निर्धारित हो सकता है। सिविल स्कोर 300 से 900 के बीच होता है और इसमें व्यक्ति के क्रेडिट हिस्ट्री, कर्ज और चुकौती की जानकारी शामिल होती है।
CIBIL Score कैसे तय होता है?
CIBIL स्कोर कर्ज लेने वाले ग्राहक के क्रेडिट हिस्ट्री (credit history)को तीन अंकों में बताता है और यह व्यक्ति के क्रेडिट प्रोफाइल को रिफ्लेक्ट करता है। सिविल स्कोर 300 से 900 अंकों के बीच होता है। किसी व्यक्ति का सिविल स्कोर जितना ज्यादा होता है, उसे उतना अच्छा माना जाता है और उसे क्रेडिट कार्ड या लोन मिलने मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
जानकारी के मुताबिक, 750 से अधिक का कोई भी स्कोर एक अच्छा CIBIL स्कोर है और यह बैंक या लोन देने वाली संस्थाओं को आपके ऋण आवेदन का आकलन करने और उसे पास करने में मदद करता है।