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CIBIL Score : ईएमआई बाउंस होने के बाद नहीं चुकाना पड़ेगा जुर्माना, जान ले ये नियम, सिबिल स्कोर पर भी नहीं होगा असर

EMI Bounce Rule : महंगाई के इस दौर में अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिए लोग अक्सर लोन (Loan new rule) का सहारा लेते है। देश के सभी बैंक लोगों को उनकी जरुरतों के अनुसार लोन प्रदान करते है। बैंक लोगों को कई प्रकार के लोन (EMI kya hota h) प्रदान करता है। कई बार पैसे न होने के कारण लोगों को ईएमआई भरने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस खबर में जानिए ईएमआई बाउंस होने पर आप कैसे सिबिल स्कोर खराब होने से बचा सकते है। 
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CIBIL Score : ईएमआई बाउंस होने के बाद नहीं चुकाना पड़ेगा जुर्माना, जान ले ये नियम, सिबिल स्कोर पर भी नहीं होगा असर

HR Breaking News (CIBIL Score Rule)। मिडिल क्लास व्यक्ति आज के समय महंगाई ज्यादा होने के कारण अपनी मूलभूत सुविधाओं (Loan for basic needs) को पूरी करने के लिए लोन का सहारा लेते है। पिछले कुछ सालों में महंगाई (Dearness Rate) में काफी ज्यादा इजाफा हुआ है।

महंगाई के दौर में लोग घर बनाने, बाईक और कार खरीदने (car loan) व अपनी अन्य जरुरतों को पूरी करने के लिए बैंक से लोन लेते है। बैंक लोगों को आसानी से कम ब्याज (low interest loan) दर पर लोन प्रदान करता है। किसी कारणवश लोग समय पर किश्त न भरने के कारण सिबिल स्कोर खराब होने का शिकार हो जाते है। 

बैंक ने ईएमआई पर सख्त किए नियम


देश के सभी सरकारी एवं निजी बैंक लोगों (Banking rule in india) को उनके सिबिल स्कोर (CIBIL Score Check) के आधार पर लोन प्रदान करवाते है। पिछले कुछ सालों में फ्रॉड से बचने के लिए बैंकों से ईएमआई से संबंधित अपने नियमों में बदलाव किया है। बैंक और उधारदाताओं ने ईएमआई (EMI rule) को लेकर अपने नियमों में बदलाव किया है। ईएमआई का भुगतान (EMI Payment) करते समय एक दिन की भी देरी होने पर लोगों को बड़ा जुर्माना भरना पड़ता है। 

देर से भुगतान करने पर देना पड़ता है ब्याज


भारतीय बैंक लोन (bank loan Process) की किश्तों का देरी से भुगतान करने पर लोगों से मोटा ब्याज वसूलते है। सभी बैंक अपने नियमों के अनुसार लोगों से ब्याज वसूलते है। बैंक अपने नियमों में समय -समय पर बदलाव करते रहते है। पिछले कुछ सालों में बैंकों ने समय पर ईएमआई (EMI Deposit rule)का भुगतान न करने पर लगने वाले ब्याज की दरों में बढ़ौतरी की है। आरबीआई नियमों (RBI rule) के अनुसार, खाता केवल तब ओवरड्यू माना जाएगा जब वह बिलिंग स्टेटमेंट (Billing statement) में दी गई तारीख से तीन दिन से अधिक समय तक बकाया हो।

बैंकों में जुर्माने की राशि है अलग


भारत के सभी बैंक ग्राहक से समय पर ईएमआई (CIBIL Score check free) का भुगतान न करने पर ज्यादा ब्याज वसूलते है। देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों (EMI in Private bank) में से एक HDFC बैंक 100 से 1,300 तक का जुर्माना लगाता है। वहीं, महिंद्रा कोटक बैंक ईएमआई (EMI rate) का देरी से भुगतान करने पर बैंक चूक की गई राशि का 8% वसूलता है। वहीं, ICICI बैंक भी 100 से 1,000 तक का जुर्माना ग्राहक से वसूलता है। सभी बैंक इस प्रकार के जुर्माने में समय-समय पर बदलाव करते रहते है। 

ईएमआई से क्रेडिट स्कोर होता है खराब


ग्राहक को लोन प्रदान करते समय बैंक किश्त (EMI last date ) की राशि और तिथि निर्धारित करता है। ग्राहक को उस तिथि से पहले उस राशि का भुगतान करना अनिवार्य होता है। समय पर ईएमआई का भुगतान न करने का सीधा असर ग्राहक के सिबिल स्कोर पर पड़ता है। किसी भी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर 36 महीनों की क्रेडिट हिस्ट्री (Credit history) पर निर्भर करता है। चूकी हुई ईएमआई को जितनी जल्दी हो सके चुका देना और ऑटो-पेमेंट सेट करना, ताकि भविष्य में चूक को रोका जा सके। लिहाजा अधिकतम नुकसान होने से पहले जल्दी से कार्रवाई करना जरूरी है।