CIBIL Score : केवल सिबिल स्कोर नहीं, लोन लेने के लिए ठीक रखनी होंगी ये 3 चीजें
Cibil score rules : अक्सर लोग सोचते हैं कि लोन लेने के लिए सिर्फ सिबिल स्कोर अच्छा होना ही काफी है, लेकिन असल में लोन पाने के लिए और भी कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी पड़ती हैं। लोन लेने में कोई अड़चन न आए, इसके लिए अच्छे सिबिल स्कोर (how to maintain cibil score) के अलावा आपको खासकर 3 चीजें दुरुस्त करनी होंगी। आइये जानते हैं इनके बारे में डिटेल से।
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Hr Breaking News (bank loan cibil score) : किसी भी तरह का लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर का बेहतर होना तो जरूरी है ही, लेकिन इसके अलावा भी कुछ और चीजें हैं जो लोन मिलने में मदद करती हैं। जब बैंक में लोन के लिए अप्लाई करते हैं या लोन लेने बैंक में जाते हैं तो सिबिल स्कोर (CIBIL Score ) के अलावा इन सभी जरूरी चीजों पर पर बैंक की सीधी नजर पड़ती है। इनके बारे में जानकारी न होने पर आप अच्छा सिबिल स्कोर होते हुए भी लोन (important things required for loan) से वंचित रह सकते हैं।
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1. Debt-to-Income (DTI) Ratio की होती है जरूरत
ग्रॉस सैलरी की तुलना करके Debt-to-Income डेब्ट टू इनकम के रेश्यो को कैलकुलेट किया जाता है बैंक लोन देने से पहले आपकी मासिक आय और कर्ज के भुगतान का रेश्यो(Debt-to-Income Ratio) जरूर देखता है। यह रेश्यो यह बताता है कि आपकी सैलरी के मुकाबले आपको कितनी किस्तें चुकानी होती हैं। अगर यह रेश्यो (DTI ratio kya hai) कम होता है, तो यह आपके लोन मिलने की संभावना को बढ़ा सकता है, क्योंकि इसका मतलब है कि आपके पास अपनी मासिक आय के बाद ज्यादा पैसा बचता है।
यह रेश्यो (loan ke liye Debt-to-Income ratio) कम होने पर दर्शाता है कि आपकी ग्रोस सैलरी अनुसार आप पर कर्ज का असर कम पड़ रहा है। वहीं ज्यादा रेश्यो कर्ज के असर की भी अधिकता को बताता है। यह रेश्यो इसलिए भी जरूरी है (Debt-to-Income ratio kyo jruri hai) क्योंकि इससे बैंक को यह समझने में मदद मिलती है कि आपने पहले से कितने कर्ज ले रखे हैं और आपके पास नए लोन चुकाने की कितनी क्षमता है यानी नया कर्ज चुकाने में कितने समर्थ हैं। इसके लिए कहीं किसी प्रकार का कोई जोखिम तो नहीं है।
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2- EMI/NMI Ratio का यह होता है काम
EMI और NMI का मतलब क्रमश: Equated Monthly Installments और Net Monthly Income है। सिबिल स्कोर के अलावा EMI/NMI रेश्यो भी लोन लेने में अहम भूमिका निभाता है। इससे बैंक यह तय करते हैं कि जो मासिक आय आप अर्जित कर रहे हैं, उसमें से कितना आपकी ईएमआई पर खर्च होगा।अगर आपकी EMI/NMI 50 से लेकर 55 प्रतिशत है, तब आपको लोन मिलने में आसानी रहेगी। लेकिन इससे ज्यादा अनुपात होने पर बैंक लोन देने में ईएमआई (loan EMI rules) के न भरे जाने का जोखिम मानते हैं। अगर लोन मिलता भी है तो अधिक ब्याज दर पर मिलेगा।
3- Loan-to-Value Ratio (LTV) की भूमिका
Loan-to-Value Ratio का रोल ज्यादातर होम लोन के लिए कैलकुलेट किया जाता है। इससे बैंक को कई जोखिमों को समझने में मदद मिलती है। इस अनुपात के अनुसार आपके लोन (LTV Ratio for loan)की असेट या कोलेट्रल लोन की तुलना में कितनी वैल्यू है, यह समझा जाता है।
लोन को सिक्योर करने के लिए बैंक यह LTV रेश्यो (loan ke liye LTV ratio kyo jruri hai) जानते हैं। इसे देखकर बैंक लोन संबंधी नियम और शर्तें भी तय करता है। इस रेश्यो की लोन में अहम भूमिका होती है।
इन सब बातों का भी रखें ध्यान
मेंटेन रखें सिबिल स्कोर का यह आंकड़ा : आमतौर पर 750 व 900 के बीच सिबिल स्कोर (Good CIBIL Score) को अच्छा माना जाता है और लोन लेते समय आपको परेशानी नहीं होगी व सस्ती ब्याज दर पर लोन मिल जाएगा। 750 से कम सिबिल स्कोर (acha cibil score kitna hota hai) आपके लिए लोन मिलने की राह में परेशानी बन सकता है। इसलिए फटाफट लोन मिल जाए, इसके लिए आप 750 या इससे ऊपर का सिबिल स्कोर मेंटेन रखें।
क्रेडिट बिलों के भुगतान में न करें देर
सिबिल स्कोर एक पैमाना होता है, जिसमें तीन अंकों वाली संख्या होती है, जो आमतौर पर 300 से 900 तक होती है। यह आपके लोन लेने की क्षमता को दर्शाता है और यह आपके क्रेडिट इतिहास (credit history) पर आधारित होता है, जैसे कि आपने पुराने लोन या क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान समय पर किया है या नहीं। अगर आप समय पर अपने कर्ज और बिल चुकाते हैं, तो आपका सिबिल स्कोर बेहतर हो सकता है। लेकिन यदि आप कभी भुगतान में देरी करते हैं या डिफॉल्ट करते हैं, तो आपका सिबिल स्कोर खराब (cibil score khrab hone ke karn) हो सकता है, जो आपके लोन के आवेदन को प्रभावित करता है।
CIBIL Score है अच्छा तो कई टेंशन होंगी दूर
सिबिल स्कोर खराब होने के जितने नुकसान हैं, इसके अच्छे होने के उतने ही लाभ भी हैं। बैंकों के लिए यह स्कोर एक महत्वपूर्ण कसौटी होता है, जिस पर बैंक अपने ग्राहक को पहले चेक करता है कि ग्राहक को लोन लेन योग्य है या नहीं। अच्छा सिबिल स्कोर होने पर आपको लोन जल्दी और कम ब्याज दर पर मिल सकता है। साथ ही, कई बार बैंक आपको पहले से मंजूर किए गए लोन यानी प्री अप्रूव्ड लोन (pre approved loan kaise milega) के ऑफर भी दे सकते हैं। सिबिल स्कोर अच्छा होने का सबसे बड़ा फायदा आपको यह भी मिल सकता है कि कुछ मामलों में तो आप इंस्टेंट लोन (instant loan rules) भी पा सकते हैं, यानी उधर से लोन फटाफट पास और इधर से झट से पैसे आपके खाते में आ जाएंगे।
CIBIL Score खराब तो सब काम होगा खराब
अगर आपका सिबिल स्कोर खराब (how to improve cibil score) है, तो आपको लोन लेते समय हर कदम पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। सबसे पहले तो सबसे बड़ी चुनौती यही होगी कि आपको लोन मिलने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को देखकर ही लोन मंजूर करते हैं। इसके अलावा, खराब सिबिल स्कोर (cibil score ko kaise sudhare) के कारण आपको लोन पर ज्यादा ब्याज दर चुकानी पड़ सकती है। यही नहीं, आपको अधिक प्रीमियम भी भरना पड़ सकता है। इसके साथ ही, यदि आप घर या कार का लोन लेने की सोच रहे हैं, तो भी आपको मुश्किलें जरूर होंगी। सबसे बड़ी बात यह है कि लोन की मंजूरी (loan manjoor kaise hoga) में देरी भी हो सकती है, जो आपके प्लान्स को प्रभावित कर सकती है।