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ITR भरते वक्त भूलकर भी न करें ये 10 गलतियां, 100 प्रतिशत मिलेगा इनकम टैक्स का नोटिस

Income Tax Return: आईटीआर दाखिल करना कई कारणों से महत्वपूर्ण है. मुख्य रूप से यह इनकम टैक्स एक्ट के तहत एक कानूनी दायित्व को पूरा करता है. अगर आप भी आईटीआर भरने जा रहे हैं तो आपको कुछ चीजों का खास ध्यान रखना होगा.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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HR Breaking News (नई दिल्ली)। आपको इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करना जटिल लग सकता है, लेकिन कुछ सामान्य गलतियों से बचकर आप प्रक्रिया को आसान बना सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपको अपना बकाया रिफंड मिल जाए. हालांकि आईटीआर फाइल करते समय अनजाने में कुछ गलतियां हो सकती हैं. ये गलतियां आपको भारी पड़ सकता है. ऐसे में इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय आपको सावधानी रखनी चाहिए.

अपना आईटीआर दाखिल करना कई कारणों से महत्वपूर्ण है. मुख्य रूप से यह इनकम टैक्स एक्ट के तहत एक कानूनी दायित्व को पूरा करता है. टैक्स कानूनों और रेगुलेशंस का पालन करने के साथ ही आईटीआर के जरिए आपकी अलग-अलग सोर्सेज से होने वाली इनकम की जानकारी सरकार को मिलती है. यह आपको फाइनेंशियल प्लानिंग का मौका देता है और लोन या वीजा आवेदनकर्ता के लिए भी आईटीआर एक जरूरी दस्तावेज होता है.


ITR फाइल करते समय न करें ये 10 गलतियां-

  • गलत पर्सनल इन्फॉर्मेशन- अपना आईटीआर फॉर्म फाइल करते समय सुनिश्चित करें कि सभी जानकारियां जैसे नाम, PAN, पता और बैंक अकाउंट डिटेल्स फॉर्म में सही ढंग से भरे गए हैं.
  • गलत ITR फॉर्म चुनना- अपनी आय सोर्सेज और अपनी आय के प्रकार के आधार पर सही आईटीआर फॉर्म का चुनाव करें. गलत फॉर्म भरने से जुर्माना लग सकता है.
  • अपनी इनकम की पूरी जानकारी न देना- सैलरी, ब्याज से इनकम, रेंट की इनकम, कैपिटल गेन सहित आय के सभी सोर्सेज से मिलने वाली इनकम की जानकारी अपने आईटीआर में दें. सभी आय सोर्सेज की रिपोर्ट नहीं करने से जुर्माना लग सकता है.
  • TDS क्रेडिट को नजरअंदाज करना- अपने नियोक्ता या डिडक्‍टर की ओर से जारी किए गए फॉर्म 16/16 ए से टीडीएस के डिटेल्स को आईटीआर में जरूर दिखाएं. इसकी सही जानकारी न देने पर नोटिस और जुर्माना हो सकता है.
  • निवेश और कटौतियों की अधूरी जानकारी- आयकर कानून की धारा 80सी, 80डी, 80जी के तहत एलिजिबल टैक्स बेनिफिट्स का दावा करने के लिए सभी निवेशों, खर्चों और कटौतियों की सही-सही घोषणा करें.
  • ब्याज की इनकम को छिपाना- सेविंग्स अकाउंट्स, एफडी या अन्य सोर्सेज से अर्जित ब्याज की सही-सही जानकारी दी जानी चाहिए. ऐसा नहीं करने पर जुर्माना लग सकता है.
  • फॉर्म 26 एएस का मिलान नहीं करना- अपने आईटीआर में स्टेटमेंट को फॉर्म 26 एएस के साथ क्रॉस-चेक करें. इसमें आपके टीडीएस, टैक्स भुगतान और अन्य इनकम टैक्स संबंधी जानकारियों की डिटेल्स होती है.
  • समय पर आईटीआर फाइल न करना- यह बहुत महत्वपूर्ण बात है. आईटीआर भरने के लिए आखिरी तारीख के अंतिम क्षण तक प्रतीक्षा न करें. आईटीआर देर से फाइल करने पर जुर्माना लग सकता है.
  • आईटीआर को वेरीफाई नहीं करना- आईटीआर को ऑनलाइन फाइल करने के बाद, इसे आधार ओटीपी, नेटबैंकिंग आदि के जरिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से या तय समय के भीतर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को एक अपने हस्ताक्षर के साथ एक फिजिकल कॉपी भेजकर वेरीफाई करना जरूरी होता है. वेरिफिकेशन न करने पर आईटीआर फाइलिंग अमान्य हो जाती है.
  • जरूरी रिकॉर्ड नहीं रखना- अपनी आय, निवेश और टैक्स कटौतियों से संबंधित सभी डाक्यूमेंट्स, रसीदों और सबूतों का रिकॉर्ड संभाल कर रखें, क्योंकि वेरिफिकेशन के लिए या भविष्य में किसी कर जांच के मामले में इनकी जरूरत पड़ सकती है.