home page

HRA क्लेम करते वक्त न करें ये गलती, 100 प्रतिशत घर आ जाएगा इनकम टैक्स का नोटिस

HRA - टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर। दरअसल आपको बता दें कि टैक्सपेयर टैक्स बचाने के चक्कर में इनकम टैक्स फाइल करते समय फर्जी हाउस रेंट स्लिप लगा देते हैं, लेकिन अब ऐसा करना आपको भारी पड़ सकता है। क्योंकि अब ITR भरते समय फर्जी हाउस रेंट स्लिप लगाने वालों को आयकर विभाग का सीधे नोटिस भेज दे रहा है।
 | 

 HR Breaking News, Digital Desk- नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो चुका है. अब लोग वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर फाइल करेंगे. इस दौरान अक्सर यह देखने को मिलता है कि लोग टैक्स बचाने के चक्कर में इनकम टैक्स फाइल करते समय फर्जी हाउस रेंट स्लिप लगा देते हैं, लेकिन अब ऐसा करना आपको भारी पड़ सकता है, क्योंकि अब ITR भरते समय फर्जी हाउस रेंट स्लिप लगाने वालों को आयकर विभाग का सीधे नोटिस भेज दे रहा है. अगर आप पकड़े जाते हैं तो कार्रवाई भी हो सकती है. भारी जुर्माना भी देना पड़ सकता है.

क्या कहता है डिपार्टमेंट?

आयकर विभाग का कहना है कि आईटीआर भरते समय फर्जी हाउस रेंट स्लिप लगाना कानूनन गलत है और इसको रोकने के लिए आयकर विभाग ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है. आईटीआर भरते समय फर्जी कागजों का इस्तेमाल करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. मनी9 की रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में बड़ी संख्या में लोग इनकम टैक्स से बचने के लिए हाउस रेंट की फेक स्लिप लगा देते हैं, इसी को देखते हुए अब आयकर विभाग लगाम लगाने की तैयारी कर चुका है.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ऐसी गतिविधियों पर पिछले साल से ही लगाम लगाना शुरू कर दिया है, जिससे आपको फर्जी हाउस रेंट स्लिप लगाने पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ा सकता है. इस बार आयकर विभाग नई तकनीक पर काम कर रहा है, जिससे फर्जी हाउस रेंट स्लिप लगाने वालों की पहचान करना आसान हो जाएगा.

ऐसे होती है कार्रवाई-

आयकर विभाग की मानें तो इनकम टैक्स के नए आईटीआर फॉर्म और संशोधित नए फार्म-16 को इस तरह से बनाया गया है कि जिसमें गलत और फर्जी डॉक्यूमेंट लगाने वालों की कंप्यूटर आधारित प्रक्रिया से पहचान आसानी से की जा सकेगी. अगर किसी भी शख्स का डेटा में कम्प्यूटर जांच के दौरान सही नहीं पाया गया तो फिर आयकर विभाग की ओर से सीधे नोटिस भेजा जा सकता है.

यानी फर्जी रेंट स्लिप लगाने वालों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. आयकर विभाग का कहना है कि नया फार्म-16 से इलेक्ट्रॉनिक मैचिंग के जरिए फॉर्म में दर्ज किए गए आंकड़ों का मिलान करेगा, यानी फॉर्म में भरे आंकड़ों का आयकर विभाग अपने तमाम सोर्स के जरिए वेरीफाई करेगा.