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Employees Gratuity Calculation : 10 साल की नौकरी पर मिलेगी 4,03,846 रुपये ग्रेच्युटी, कर्मचारी समझ लें कैलकुलेशन

Employees Gratuity Calculation : ग्रेच्‍युटी वो रकम है जो कर्मचारी को लंबे समय तक कंपनी में बेहतर सेवाएं देने के बदले रिवॉर्ड के तौर पर दी जाती है. मान लीजिए आपने भी अपनी कंपनी (company) में 10 साल तक काम किया है तो आपको 4,03,846 रुपये ग्रेच्युटी दी जाएगी...

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Employees Gratuity Calculation : 10 साल की नौकरी पर मिलेगी 4,03,846 रुपये ग्रेच्युटी, कर्मचारी समझ लें कैलकुलेशन

HR Breaking News, Digital Desk- (Gratuity Calculation Formula) किसी कंपनी में लगातार 5 साल तक काम करने वाला कर्मचारी नौकरी छोड़ने पर ग्रेच्युटी पाने का हकदार होता है. ग्रेच्युटी की राशि का निर्धारण एक विशेष फॉर्मूले के आधार पर किया जाता है, जिसमें कर्मचारी के काम के वर्षों, वेतन और अन्य कारकों को ध्यान में रखा जाता है.

ग्रेच्‍युटी वो रकम है जो कर्मचारी को लंबे समय तक कंपनी में बेहतर सेवाएं देने के बदले रिवॉर्ड के तौर पर दी जाती है. मान लीजिए आपने भी अपनी कंपनी (company) में 10 साल तक काम किया है और आपकी आखिरी सैलरी 70,000 रुपए रही, तो ऐसे में आपको ग्रेच्‍युटी के तौर पर कंपनी कितनी रकम देगी? यहां जानिए इस बारे में.

ये है Gratuity Calculation Formula-

ग्रेच्‍युटी की गणना का फॉर्मूला है: (आखिरी सैलरी) x (कंपनी में कार्यकाल) x (15/26)। आखिरी सैलरी का मतलब पिछले 10 महीनों की औसत सैलरी है, जिसमें मूल वेतन, महंगाई भत्ता (DA) और कमीशन शामिल होते हैं. एक महीने में सामान्यत: चार रविवार होते हैं, जिससे काम के दिन 26 माने जाते हैं. ग्रेच्‍युटी की गणना 15 दिनों के आधार पर की जाती है. इस फॉर्मूले का उपयोग कर्मचारियों को उनकी सेवा के समाप्ति पर मिलने वाली ग्रेच्‍युटी की राशि निकालने के लिए किया जाता है.

₹70,000 सैलरी, 10 साल की नौकरी पर कितना मिलेगा पैसा-

ग्रेच्‍युटी फॉर्मूले के कैलकुलेशन (gratuity calculation) के हिसाब से देखें तो अगर आपने किसी कंपनी में 10 सालों तक काम किया और आपकी आखिरी सैलरी 70,000 रुपए थी तो कैलकुलेशन का फॉर्मूला बनेगा (70000) x (10) x (15/26). कैलकुलेशन करने पर योग आएगा 4,03,846 रुपए, ये रकम आपको ग्रेच्‍युटी के तौर पर दी जाएगी. इस तरह से आप अपनी आखिरी सैलरी और नौकरी के साल के आधार पर इस फॉर्मूले से कैलकुलेशन कर सकते हैं.

इस स्थिति में अलग होती है कैलकुलेशन-

जब कंपनी या संस्थान Gratuity Act के तहत रजिस्टर्ड न हो तो कर्मचारी ग्रेच्‍युटी एक्‍ट के तहत नहीं आते हैं. लेकिन ऐसे में अगर कंपनी चाहे, तो स्‍वेच्‍छा से कर्मचारी को ग्रेच्‍युटी दे सकती है, लेकिन ऐसे में ग्रेच्‍युटी (gratuity) तय करने का फॉर्मूला अलग हो जाता है. ऐसे में Gratuity की रकम, हर साल के लिए आधे महीने की सैलरी के बराबर होगी. लेकिन महीने भर काम करने के दिनों की संख्या 30 दिन मानी जाएगी, 26 नहीं.
 

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