Farming Businees Ideas : खेत में ये 5 पेड़ लगाकर बन सकते हैं करोड़पति, 30 हजार रुपये किलो बिकती है इसकी लकड़ी
HR Breaking News (नई दिल्ली)। देश में पारंपरिक खेती कर गेहूं, धान, चावल, चना, उड़द आदि उगाने की जगह अब किसान नकदी फसलों या उन फसलों को प्राथमिकता दे रहे हैं जिसकी देखभाल कम करनी पड़े और जिस से कमाई अधिक हो. अगर आप भी खेती का कोई ऐसा ही तरीका ढूंढ रहे हैं तो आज हम आपको उन पांच पेड़ों के बारे में जानकारी दे रहे हैं जिसे आप अपने खेत में लगाकर 15-20 साल की अवधि में करोड़ों रुपए की कमाई कर सकते हैं.
दिलचस्प तथ्य यह है कि इन पेड़ों की शुरुआत में एक 2 साल तक देखभाल करने के अलावा आपको ज्यादा मेहनत करने की भी आवश्यकता नहीं होती. यह पेड़ ना सिर्फ लकड़ी के लिहाज से महंगे बिकते हैं, बल्कि इनमें से कई पेड़ों की फल(fruits of trees), पत्तियां, खाल और जड़ आदि भी बहुत महंगे बिकते हैं.
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में रहने वाले किसान शशि सिंह परंपरागत खेती में काफी परेशानी महसूस कर रहे थे. करीब 65 बीघे खेत में उन्हें बीज, कीटनाशक और खाद आदि की लागत काफी आती थी और मौसम की मार की वजह से कई बार उन्हें नुकसान उठाना पड़ता था.
इसके बाद एक बार उन्हें एक कृषि मेले में इन पेड़ों के बारे में जानकारी मिली. यूपी के फतेहपुर के किसान शशि सिंह ने 2007 में अपने पूरे खेत में यह पेड़ लगाकर छोड़ दिए. इसके बाद अब उनके यह पेड़ किसान शशि सिंह पर धनवर्षा रहे हैं.
शशि सिंह ने करीब 10 बीघे जमीन में सफेद चंदन के पेड़ लगाए थे. इसके साथ उन्होंने शुरुआत में तीन-चार साल तक छोटे-छोटे अन्य पौधे लगाकर उससे भी काफी कमाई की. अगर आप अपने खेत में चंदन के पेड़(sandalwood trees in the field) लगाते हैं तो इससे आपको काफी कमाई हो सकती है.
चंदन की लकड़ी बाजार में ₹30000 प्रति किलो के हिसाब से बिकती है, इससे इत्र भी बनाया जाता है. इसके साथ ही कई उत्पादों में चंदन का फ्लेवर डाला जाता है. चंदन की बेहतरीन मांग को देखते हुए किसानों के लिए इसे उगाना लाभ का सौदा साबित हो सकता है. 15 साल की अवधि के बाद चंदन के एक पेड़ से करीब 50 किलो तक लकड़ी प्राप्त की जा सकती है.
शशि सिंह ने अपने 15 बीघा खेत में सागवान के पेड़ लगाए थे. उन्होंने मानसून सीजन में सागवान का पेड़ लगाकर पहले साल उसकी अच्छे से देखभाल की और समय-समय पर सागवान के डाल की छंटाई करते रहे जिससे पेड़ की ऊंचाई बढ़ाने में मदद मिले.
सिंह ने कहा कि 1 एकड़ में सागवान का पेड़ लगाकर एक करोड़ की कमाई की जा सकती है. सागवान बाजार में बिकने वाली सबसे महंगी लकड़ी में से एक है. इससे फर्नीचर और प्लाई तैयार किया जाता है. सागवान की लकड़ी टिकाऊ होती है और इसकी खेती में जोखिम बहुत कम है और मुनाफा बहुत अच्छा है.
भारत की आबादी 130 करोड़ को पार कर गई है और बहुत से लोग गांव छोड़कर शहरों में अपना घर बना रहे हैं. इस वजह से घर की जरूरत के हिसाब से लकड़ी के लिए की मांग काफी तेजी से बढ़ रही है. सागवान की लकड़ी के बाद गम्हार दूसरा पेड़ है जिसे खेमर के नाम से भी जाना जाता है. देश के कई इलाके में इसे गम्हार, कुम्हारी और सीवन भी कहते हैं. यह पेड़ भारत में यूपी, एमपी, राजस्थान और महाराष्ट्र में पाया जाता है.
शशि सिंह ने इमारती लकड़ी के रूप में बेचने के लिए अपने खेत के आठ बीघे में गम्हार के पेड़ लगाए थे. इसकी लकड़ी से खिलौने, कृषि उपकरण और फर्नीचर आदि तैयार किए जाते हैं जबकि इसकी पत्तियों का उपयोग(use of leaves) दवाई बनाने में किया जाता है. गम्हार का पेड़ अल्सर जैसी समस्या से राहत दिलाने में काफी उपयोगी साबित हो सकता है. गम्हार का पेड़ बहुत तेजी से बढ़ता है. मध्यम वर्षा वाले क्षेत्र में इसे खेत की मेड़, उबड़ खाबड़ जमीन पर भी लगाया जा सकता है.
अगर आप फल की खेती करते हैं तो साथ में गम्हार के पेड़ लगाने से भूमि में नाइट्रोजन और फास्फोरस की मात्रा बढ़ जाती है. शशि सिंह ने कहा कि 1 एकड़ में गम्हार का पेड़ लगाकर भी 20 साल में 500 पौधे से एक करोड़ रुपए की कमाई की जा सकती है.
बाजार में सफेदे के पेड़ की काफी मांग है. इसकी कीमत भी आज बाजार में अच्छी मिलती है. सफेदे को कई जगह यूकेलिप्टस भी कहा जाता है. इसकी खेती में कम पानी की आवश्यकता होती है और विपरीत मौसम का भी असर नहीं पड़ता. सफ़ेदे का पेड़ तेजी से बढ़ता है और इसकी लकड़ी से फर्नीचर, कागज की लुगदी बनाई जाती है.
सफ़ेदे का 8 से 10 साल में एक पेड़ तैयार हो जाता है. किसान इससे 10 से 12 लाख रुपए की आसानी से कमाई कर सकते हैं. 1 एकड़ में सफ़ेदे की खेती से 15-20 साल में एक करोड़ रुपए कमा सकते हैं. सफ़ेदे की लकड़ी ₹10 किलो के आसपास दिखती है.
अगर आप अपने खेत में कम मेहनत कर अधिक कमाई करना चाहते हैं तो आप महोगनी के पेड़ लगा सकते हैं. महोगनी की लकड़ी की बाजार में काफी मांग है. इस लकड़ी से फर्नीचर बनाया जाता है. इसकी लकड़ी लाल एवं भूरे रंग की होती है, जिस पर पानी का कोई असर नहीं होता. इस वजह से महोगनी की लकड़ी काफी टिकाऊ होती है. महोगनी के बीज को बेचकर भी अच्छी कमाई की जा सकती है. इसके बीज का औषधीय महत्व है. महोगनी के पेड़ की पत्तियों से खाद तैयार किया जाता है. इसके फल व पत्तों से कैंसर, ब्लड प्रेशर, अस्थमा, सर्दी, मधुमेह जैसे कई अन्य रोगों की दवाइयां बनाई जाती है.