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नए टैक्स रेजीम को लेकर FM Nirmala Sitharaman ने कह दी ये बात, 1 अप्रैल से बदल जायेंगे नियम

income tax : आज से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो गया है और जल्दी ही इनकम टैक्स भरने की तारीख भी बता दी जाएगी।  ऐसे में सोशल मीडिया पर इनकम टैक्स को लेकर और old and new tax regime को लेकर बहुत सारी  खबरें भी वायरल हो रही है और इन खबरों का आम टैक्स पेयर्स पर काफी तगड़ा असर पड़ रहा है।  क्या है ये खबरें, आइये नीचे विस्तार से जानते हैं 
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HR Breaking News, New Delhi : टैक्‍सपेयर्स (Taxpayers) के लिए बड़ी खबर है. आज 1 अप्रैल से नया वित्‍तवर्ष (2024-25) शुरू होने के साथ ही वित्‍त मंत्रालय ने इनकम टैक्‍स को लेकर बड़ा बयान जारी कर दिया. वित्‍त मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर चल रही कुछ खबरों पर प्रतिक्रिया दी है और करदाताओं के लिए नए टैक्‍स रिजीम (New Tax Regime) को लेकर स्थिति स्‍पष्‍ट कर दी है. गौरतलब है कि सरकार ने पिछले वित्‍तवर्ष से ही नए टैक्‍स रिजीम को बाई डिफॉल्‍ट यानी स्‍वत: लागू कर दिया है.

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वित्‍त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्‍तवर्ष के लिए टैक्‍स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस बारे में जो भी खबर सोशल मीडिया पर चल रही है, वह पूरी तरह बेबुनियाद है और टैक्‍सपेयर्स को इस पर ध्‍यान नहीं देना चाहिए. मंत्रायल ने यह भी कहा है कि भले ही न्‍यू टैक्‍स रिजीम को बाई डिफॉल्‍ट लागू किया गया है, लेकिन करदाता अपना आईटीआर भरने तक इसमें बदलाव कर सकते हैं और जब चाहे पुराने टैक्‍स रिजीम को अपना सकते हैं. आकलन वर्ष 2024-25 के लिए भी करदाताओं को अपनी पसंद का टैक्‍स रिजीम चुनने का विकल्‍प मिलेगा.


हर साल बदल सकते 
वित्‍त मंत्रालय ने कहा है कि करदाताओं को हर साल अपना टैक्‍स रिजीम बदलने की भी सुविधा दी गई है. ऐसे करदाता जिनकी बिजनेस से कोई इनकम नहीं है, उन्‍हें हर साल अपना टैक्‍स रिजीम बदलने का विकल्‍प दिया जाता है. ऐसे करदाता चाहें तो एक साल नया टैक्‍स रिजीम अपना सकते हैं और अगले साल अपनी सुविधा के अनुसार पुराने रिजीम का चुनाव कर सकते हैं. आगे के साल में फिर बदलाव कर सकते हैं.

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अगर खुद नहीं किया चुनाव तो…
वित्‍त वर्ष 2024-25 से नए टैक्‍स रिजीम को बाई-डिफॉल्‍ट यानी स्‍वत: लागू कर दिया है. अगर कोई करदाता अपना रिजीम चुनना भूल जाता है या फिर जानबूझकर नहीं चुनता है तो उसे पर स्‍वत: नया टैक्‍स रिजीम लागू हो जाएगा. ऐसे करदाता की आमदनी से नए रिजीम के अनुसार टैक्‍स काट लिया जाता है.