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सोना चांदी तो ठीक है, इस धातु की भी बढ़ी तगड़ी डिमांड, 5 साल में डबल हो जाएंगे रेट

zinc demand in india : अक्सर आपने देखा होगा कि सोने चांदी के भाव बेशक महंगे हो लेकिन इसकी डिमांड हर रोज बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं उसे धातु के बारे में जिनकी डिमांड सोने चांदी से भी कुछ खास है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया जा रहा है कि इस धातु की कीमतें 5 साल में डबल हो जाएगी। आइए खबर में जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।
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HR Breaking News (नई दिल्ली)। स्टील सहित बुनियादी ढांचा क्षेत्र (infrastructure sector) भारी निवेश से अगले पांच से 10 साल में देश में जिंक की मांग दोगुनी होने की उम्मीद है। इंटरनेशनल जिंक एसोसिएशन (International Zinc Association) ने रविवार को यह बात कही। भारत में जस्ता की मांग (demand for zinc in india)काफी हद तक स्टील मार्केट की ग्रोथ पर निर्भर करती है, क्योंकि इसका उपयोग मुख्य रूप से स्टील को जंग से बचाने के लिए (To protect steel from rust) किया जाता है।


इंटरनेशनल जिंक एसोसिएशन (International Zinc Association) के वैश्विक निदेशक मार्टिन वान लियूवेन ने कहा, ‘‘मुझे अगले पांच से 10 साल में जिंक के लिए मांग दोगुनी होने की उम्मीद है। भारत में प्राथमिक और परिष्कृत जिंक मार्केट वर्तमान में 800 से 1,000 टन सालाना के करीब है और हम भारत में जो विकास देख रहे हैं उसके आधार पर कहा जा सकता है कि इसमें वृद्धि का एक शानदार अवसर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अतिरिक्त स्टील कैपेसिटी में भारी निवेश देख रहे हैं और…इस्पात को अभी भी ‘गैल्वेनाइज्ड कोटिंग्स’ द्वारा संरक्षित करने की आवश्यकता है। हम देखते हैं कि नई गैल्वनाइजिंग लाइन के लिए बहुत सारी योजनाएं और निवेश चल रहे हैं। इसलिए मुझे भारत में जस्ता की मांग (demand for zinc in india) बढ़ने की उम्मीद है।’’


भारत में जिंक की मौजूदा मांग (Current demand for zinc in India) 800 से 1,000 टन प्रति वर्ष है। उन्होंने कहा कि भारत में जिंक यूजर्स बहुत कम हैं। देश में इसकी प्रति व्यक्ति खपत लगभग आधा किलोग्राम है और यह वैश्विक औसत से काफी कम है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप भारत में जिंक के उपयोग को देखें, तो यह प्रति व्यक्ति लगभग आधा किलोग्राम है। वहीं इसका वैश्विक औसत चार किलोग्राम प्रति व्यक्ति है।

वहीं दक्षिण कोरिया, यूरोप, अमेरिका जैसे विकसित देशों में यह छह से सात किलोग्राम तक जा सकता है।’’ चालू कैलेंडर साल के लिए जस्ता क्षेत्र के परिदृश्य पर उन्होंने कहा कि दुनिया हरित ऊर्जा की ओर स्थानांतरित हो रही है। सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) में मजबूत वृद्धि देखी जा रही है। ऐसे में 2024 जस्ता क्षेत्र के लिए काफी बड़ा अवसर है।