Gold Rate : 10 कारणों से बढ़ रहे सोने के दाम, 1 लाख तक जाएगी कीमत या आएगी गिरावट, जानिए एक्सपर्ट की राय

HR Breaking News (Gold Rate) अप्रैल माह के शुरुआती सप्ताह में जहां सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई थी। वहीं, पिछले सात दिनों में दो बार सोने की कीमतों ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
अभी कुछ दिन ही पहले सोना अपने अब तक के ऑल टाइम हाई रिकॉर्ड पर पहुंचा था। इससे निवेशकों में जहां खुशी थी वहीं, आम लोगों को चिंता होने लगी थी।
110 प्रतिशत हुई बढ़ौतरी
लगातार बढ़ती सोने की कीमतों पर सभी अपनी निगाहें लगा कर बैठे हैं। अगर हम सोने की कीमतों (Gold Rate) में बढ़ोतरी की बात करें तो वर्ष 2025 के इन 4 महीनों में अब तक कुल 25% की बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं, पिछले 5 साल की अगर बात करें तो यह बढ़ोतरी 110% तक रही है।
सोने पहुंचा 98 हजार पार
अगर हम पिछले हफ्ते में सोने की कीमतों की बात करें तो देश की राजधानी दिल्ली के सराफा बाजार में सोने की कीमत (Gold Rate) 98,100 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड पर पहुंच गई थी। वहीं, एमसीएक्स पर इस दौरान सोने की कीमत 95,239 रुपये रही।
उतार चढ़ाव जारी
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव अंतरराष्ट्रीय व घरेलू बाजार दोनों में ही देखने को मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमत (Gold Rate) 3350 डॉलर से भी ज्यादा हो गई है। ऐसे में अनुमान लगाया गया है कि पिछले 5 साल में सोने के दाम में 110 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
सोने के कीमतें बढ़ने के कारण
सोने की कीमतों (Gold Rate) में बदलाव आने के पीछे कई कारण होते हैं। कभी घरेलू बाजार के हालात तो कभी अंतरराष्ट्रीय बाजार की हालात से भी सोने की कीमतों में बदलाव दर्ज किया जा सकता है।
चलिए जानते हैं कि ऐसे क्या कारण हैं जिनकी वजह से सोने के दामों में हाल फिलहाल में इतनी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
सोने को लेकर वैश्विक स्थितियां
अगर हम सोने की बढ़ती कीमतों की बात करें तो एक प्रमुख कारण दुनिया के जो वर्तमान में हालात बने हुए हैं वह है। जिस तेजी के साथ दुनिया भर में तनाव बढ़ रहा है उससे भी सोने की कीमतों (Gold Rate) में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
कुछ समय पहले अमेरिका ने अपनी नई टैरिफ नीति की घोषणा की थी, जिसके बाद से वैश्विक बाजारों में काफी हलचल देखने को मिली थी। इसी के बाद चीन ने भी अमेरिका पर अपना टैरिफ बढ़ाया है। ऐसे में अमेरिका, चीन, रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति हो गई हैं।
आपसी तनातनी का बना माहौल
साथ ही दुनिया भर के अन्य जगहों पर भी हालत कुछ ऐसे ही हैं। काफी देशों के बीच आपसी तनातनी चल रही है। ऐसे में लोग सोने (Gold Rate) को एक सुरक्षित निवेश मान रहे हैं, जिसकी वजह से सोने की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था का सोने पर असर
वैश्विक अर्थव्यवस्था का असर भी सोने की कीमतों पर साफ-साफ दिखाई देता है। वर्तमान में अमेरिका, जर्मनी, चीन और जापान जैसे कई बड़े देशों की अर्थव्यवस्था उतनी तेजी से नहीं चल रही है। इसे देखते हुए अर्थशास्त्रियों ने आशंका जताई है कि दुनिया में एक बार फिर मंदी आ सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो वैश्विक स्तर पर मंदी आने से व्यवसाय प्रभावित होगा।
इसी आशंका के चलते कुछ लोग सोना ज्यादा खरीद रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि सोने में पैसा लगाना एक सुरक्षित विकल्प है। यही वजह है कि निवेशकों का रुझान सोने की तरफ कुछ ज्यादा ही बढ़ रहा है। इससे बाजार में सोने की डिमांड बढ़ रही है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर की स्थिति
सोने की कीमतों पर महंगाई का असर साफ देखने को मिल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कुछ समय पहले कई देशों पर रिसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया था। इससे तय हो गया था कि आने वाले समय में महंगाई बढ़ेगी। ठीक वैसा ही हो रहा है, जिसका असर सोने की कीमतों पर साफ दिखाई दे रहा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर की कीमतों में हो रहा उतार-चढ़ाव भी सोने की कीमतों पर असर डालता है अगर डॉलर कमजोर होता है तो सोना खरीदने वाले दूसरे देशों के लिए यह आसान हो जाता है और वह अपने पास ज्यादा सोना (Gold Rate) अर्जित करने लग जाते हैं। इससे बाजार में सोने की मांग बढ़ जाती है, जिसका ही परिणाम है कि सोने की कीमतें भी लगातार बढ़ने लग जाती हैं।
केंद्रीय बैंकों द्वारा की जा रही सोने की खरीद
सभी देशों के केंद्रीय बैंक इस समय अपने पास सोने का बहुत ज्यादा भंडार करने में लगे हैं। सभी देशों के निवेशकों को लगता है कि सोना (Gold Rate) एक निवेश का सुरक्षित जरिया है, इसके चलते केंद्रीय बैंक भी सोने में अपना निवेश कर रहे हैं।
इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की मांग काफी ज्यादा बढ़ रही है और सोने की कीमतों में बहुत इजाफा हो रहा है। आने वाले समय में अगर ऐसे ही केंद्रीय बैंक सोने की खरीदारी करते रहे तो सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी देखने को हमें मिलेगी।
लोगों का सोने के प्रति आकर्षण
सोना हमेशा से ही लोगों की प्राथमिकता रहा है। हमारे देश में तो हर शुभ अवसर पर सोने की खरीद करना बेहद अच्छा माना जाता है। यही कारण है कि लोग अक्सर सोना खरीदते दिखाई जाएंगे। अभी कुछ दिनों में एक बार फिर शादियों का सीजन शुरू होने वाला है, जिसमें सोने के आभूषणों (Gold Rate) की मांग अधिक रहती है।
ऐसे में लोग और ज्यादा सोना खरीदेंगे, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ-साथ घरेलू बाजार में भी सोने की डिमांड बढ़ जाएगी और सोने की कीमतों में एक बार फिर इजाफा होगा।
ब्याज दरों में कटौती होना
आरबीआई (RBI) की ओर से लगातार दो बार रेपो रेट में कटौती की जा चुकी है। इससे लोगों का ब्याज का भार कम हो गया है और ब्याज दरें सस्ती हो गई हैं। ऐसे में लोगों को ईएमआई (EMI) का बोझ भी कम लगने लगा है और लोग निवेश के लिए सोना खरीद रहे हैं।
लोगों को लगता है कि सोना अपने पास अर्जित करने से उन्हें भविष्य में इसका फायदा होगा और यही कारण है कि सोने की डिमांड बाजार में बढ़ रही है। इससे सोने की कीमतों (Gold Rate hike) पर भारी असर पड़ता है और सोना महंगा हो जाता है।
डॉलर पर निर्भरता
दुनिया के कई ऐसे देश हैं जो डॉलर पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में उनकी अर्थव्यवस्था पर डॉलर की कीमतों का असर साफ दिखाई देता है। इसीलिए डॉलर से संबंधित किसी भी तरह की आशंका से बचने के लिए वह सभी देश अभी सोने में निवेश करना ही सुरक्षित मान रहे हैं। यही कारण है कि सोने की कीमतें कुछ हद तक बढ़ रही हैं।
वर्तमान में बैंकिंग सेक्टर की स्थिति
हाल ही में कई बैंकों ने एचडी और सेविंग अकाउंट पर ब्याज दरों में कटौती की है। फिलहाल बैंकिंग सेक्टर में तनाव काफी अधिक बढ़ा हुआ है, इसलिए लोग सोने को निवेश का बेहतरीन विकल्प मान रहे हैं।
सोने की डिमांड अधिक होना और सप्लाई कम होना
वर्तमान में हर कोई एक सुरक्षित निवेश करना चाहता है। लोग अपने पैसे को कहीं भी किसी भी माध्यम से अटकाना नहीं चाहते हैं। यही कारण है कि सोना सुरक्षित विकल्प है। इसी के चलते बाजार में अंतरराष्ट्रीय स्तर व घरेलू स्तर पर सोने की मांग (Gold demand) बहुत अधिक हो रही है।
जबकि सोने की सप्लाई कम हो रही है। सोने की सप्लाई कम होने के पीछे टैरिफ भी एक वजह है। यही कारण है कि सोने की कीमतें बढ़ रही हैं। सोने की डिमांड और सप्लाई का अंतर सोने की कीमतों पर साफ झलकता है।
गोल्डमैन ने लगाया अनुमान
सोने की कीमतों को लेकर विशेषज्ञ गोल्डमैन तीन बार अपना अनुमान लगा चुके हैं। उन्होंने हर बार आने वाले समय में सोने की कीमतों को बढ़ना ही बताया है। वर्तमान की परिस्थितियों को देखते हुए गोल्डमैन का कहना है कि सोने के रेट 4500 डॉलर तक जा सकते हैं।
वहीं, अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा स्थितियों को देखते हुए सोने के रेट में ज्यादा गिरावट होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। एमसीएक्स पर सोने (MCX Gold Rate) के रेट 99 हजार रुपये तक जा सकते हैं। वहीं, अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव से यह कीमतें आने वाले समय में 1,25,000 रूपये तक बढ़ सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परिस्थितियों का असर सोने की कीमतों की पर साफ-साफ दिखाई दे रहा है। ऐसे में आने वाले समय में सोने की कीमतों में कितनी अधिक बढ़ोतरी होगी या फिर कुछ गिरावट होगी यह वैश्विक परिस्थितियों पर काफी हद तक निर्भर करता है।