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Gold Rate : सोने में 11 प्रतिशत की गिरावट, यह हैं 5 कारण

Gold Prices : साल 2025 की शुरुआत से ही सोने की कीमतें सातवें आसमान के आंकड़े को टच कर रही है। सोने की कीमतों ने इस साल बढ़ोतरी के मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं। लगातार बढ़ रहे सोने के भाव को देख सोना खरीदारों के मुंह लटके हुए थे लेकिन अब सोने की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। सोने में अब 11% की गिरावट देखी जा रही है। आइए खबर में जानते है उन पांच कारणों के बारें में जिनकी वजह से सोने की कीमतों में गिरावट आई है।
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Gold Rate : सोने में 11 प्रतिशत की गिरावट, यह हैं 5 कारण

HR Breaking News : (Gold Prices Today) पिछले कई दिनों से सोने और चांदी दोनों कीमती धातुओं की कीमतों में काफी ज्यादा तेजी देखने को मिल रही थी, लेकिन अब सोने की कीमतें उल्टे कदम चलने लगी है। बीते कुछ दिनों से सोने की कीमतें डाउन आ रही है। सोने की कीमतों में आ रही इस गिरावट को देख सोना खरीदारों के चेहरे पर चमक आ गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना अपने रिकॉर्ड हाई से करीब 11% गिर चुका है। वहीं, चांदी भी अपने उच्च स्तर से 16% से ज्यादा टूट चुकी है। भारत में भी दोनों कीमती धातुओं के दाम में बड़ी गिरावट आई है।
 

 

 

इस वजह से गिर रहे सोने-चांदी के भाव


सेफ-हेवन की मांग हुई कम: अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव (trade tensions) कम होने के बाद निवेशक अब सोना-चांदी जैसी सुरक्षित एसेट से पैसा निकालकर शेयर बाजार और अन्य जोखिम वाले निवेशों में जा रहे हैं।


डॉलर की मजबूती: अमेरिकी डॉलर फेडरल रिजर्व की पॉलिसी मीटिंग (dollar strength) से पहले और अमेरिकी कंपनियों के मजबूत तिमाही नतीजों के चलते और मजबूत हुआ है। डॉलर के मजबूत होने से गोल्ड और सिल्वर अन्य धातुओं में महंगे हो जाते हैं, जिससे ग्लोबल डिमांड घटती है।


बुलबुले का संकेत : सोने और चांदी के दाम (Gold and silver prices) रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे। कुछ एक्सपर्ट का मानना था कि यह कीमतों में बुलबुले का संकेत हो सकता है। इसके चलते निवेशक सोना-चांदी में नए निवेश (Investing in gold and silver) से बचने लगे।


मुनाफावसूली (Profit Booking): सोने और चांदी की कीमतों (Gold And Silver Rates) में बीते महीनों में तेज उछाल आया था। अब कई निवेशक मुनाफा निकालने के लिए बेच रहे हैं, जिससे कीमतों पर दबाव पड़ा है।


औद्योगिक मांग में कमी: खासकर चांदी की मांग (Silver demand) उद्योगों में कम हुई है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर सेक्टर से कमजोर ऑर्डर आने के कारण चांदी की कीमतों में गिरावट (Silver Rate Down) देखी जा रही है।

 

 

सबसे बड़ा फैक्टर ट्रेड रिलेशन सुधरना 


सोने और चांदी में गिरावट (Gold And Silver Rate Down) की सबसे बड़ी वजह अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील को लेकर बढ़ती उम्मीदें हैं। खबरों के मुताबिक दोनों देशों के टॉप अधिकारियों ने एक समझौते का फ्रेमवर्क तय कर लिया है और इस हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात भी हो सकती है।


अमेरिका और चीन के रिश्तों में सुधार (US-China relations improve) की संभावना से सोने के बाजार पर असर पड़ा है। इससे निवेशक सोने और चांदी जैसे सुरक्षित निवेशों से पैसे निकालकर शेयर बाजार और अन्य जोखिम भरे निवेशों में लगा रहे हैं। इसका कारण यह है कि जब अमेरिका और चीन के रिश्ते अच्छे होते हैं, तो निवेशकों का विश्वास बढ़ता है और वे जोखिम भरे निवेशों में पैसा लगाने लगते हैं। इससे सोने की मांग (Demand for gold) कम हो रही है और इसकी कीमतें प्रभावित हो रही हैं।

 

 

गोल्ड की चमक फीकी का कारण शेयर बाजार 


दुनियाभर के शेयर बाजारों में तेजी आ रही है। जापान, अमेरिका और यूरोप के शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। वहीं, तेल की कीमतें कम हो रही हैं क्योंकि OPEC ने उत्पादन बढ़ाने की योजना बनाई है। इस स्थिति में, निवेशकों के लिए सोने और चांदी जैसे सुरक्षित निवेशों में पैसा लगाना कम आकर्षक हो गया है। वे अब शेयर बाजार जैसे जोखिम भरे निवेशों में पैसा लगाने को तरजीह दे रहे हैं।
यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड का दाम एक बार फिर $3,900 प्रति औंस के नीचे आ गए हैं। वहीं, चांदी भी $46 प्रति औंस के नीचे फिसल गई है। सोना अपने पीक पर $4,381 तक पहुंच गया था। वहीं, चांदी ने $54 का लेवल टच किया था। इस हिसाब से गोल्ड में 11% और चांदी में 16% से ज्यादा गिरावट आई है।


सेंट्रल बैंक पॉलिसी पर नजर


इस हफ्ते निवेशकों की नजर फेडरल रिजर्व की बैठक पर है, जहां ब्याज दर में कटौती की उम्मीद है। आमतौर पर ब्याज दर घटने से सोने की कीमतें बढ़ती हैं, लेकिन अगर निवेशकों का विश्वास ग्लोबल ग्रोथ में मजबूत बना रहता है, तो इसका असर सीमित हो सकता है। इसके अलावा, यूरोपियन सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ जापान से इस हफ्ते कोई बड़ी पॉलिसी चेंज की उम्मीद नहीं है।

भारतीय बाजार में भी दिखा असर


भारत में भी सोने-चांदी  की कीमत ग्लोबल ट्रेंड के मुताबिक कमजोर हुई हैं।


Gold: 24 कैरेट सोना इस वक्त MCX पर करीब ₹1.18 लाख प्रति 10 ग्राम के आसपास चल रहा है। डॉलर की मजबूती और मुनाफावसूली से इसकी कीमतों में दबाव आया है।
India Bullion & Jewellers Association (IBJA) की वाइस प्रेसिडेंट अक्षा कंबोज ने कहा, 'सोना अब भी सेफ-हेवन एसेट बना हुआ है, लेकिन फिलहाल इसका ट्रेंड सतर्क है। निवेशक अब क्लियर सिग्नल मिलने का इंतजार कर रहे हैं।'

Silver: चांदी की कीमतें ₹1.40 (Silver Price) लाख प्रति किलो तक आ गई हैं, जो हाल के हाई से नीचे हैं। चांदी एक इंडस्ट्रियल और प्रेशियस दोनों तरह की मेटल है, इसलिए कमजोर औद्योगिक मांग और निवेशक सेंटिमेंट दोनों ने इसकी कीमत पर दबाव डाला है।


कंबोज ने कहा कि लंबी अवधि के लिए चांदी में संभावनाएं बनी हुई हैं। लेकिन फिलहाल सावधानी से 'गिरावट पर खरीदारी' की रणनीति अपनानी चाहिए।

लॉन्ग टर्म नजरिया अभी भी पॉजिटिव


सोने की कीमतें (Gold Price) हाल ही में थोड़ी कम हुई हैं, लेकिन फिर भी इस साल अब तक लगभग 53% का अच्छा रिटर्न दिया है। अक्टूबर में सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थीं और $4,381 प्रति औंस तक पहुंच गई थीं। यह उछाल सेंट्रल बैंक बायिंग, भू-राजनीतिक अनिश्चितता और रेट-कट की उम्मीदों से सपोर्टेड था।


चांदी भी इस साल अच्छा प्रदर्शन कर रही है और टॉप परफॉर्मिंग कमोडिटीज में से एक है। इसकी मांग क्लीन एनर्जी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में बढ़ रही है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि लॉन्ग टर्म में सोने और चांदी (gold and silver return) में अभी भी अच्छा रिटर्न देने की क्षमता है।