Haldiram Story: चाची से हुनर सीख भतीजे ने शुरू की थी हल्दीराम, फिर ऐसे बढ़ता गया कारोबार
HR Breaking News, Digital Desk- भारत के लोगों को जब भी नमकीन खाने का मन करता है तो उन्हें हल्दीराम की याद आती है. देश में स्नैक्स के मामले में यह नाम वर्षों से लोकप्रिय है. देश की 8 पीढ़ियां हल्दीराम के नमकीन का स्वाद लेती आ रही है. आप भी आए दिन हल्दीराम की भुजिया सेव या मिठाई खाते होंगे. लेकिन, क्या आपको पता है नमकीन बनाने वाली इस कंपनी का इतिहास 100 साल से ज्यादा पुराना है.
पिछले 8 दशकों से कंपनी स्नैक्स और मिठाई इंडस्ट्री (industry) पर राज कर रही है. 1918 में खुली एक छोटी-सी दुकान के तौर पर शुरू हुई इस कंपनी का सालाना रेवेन्यू 8000 करोड़ से ज्यादा हो गया. यह ब्रांड आज देश-विदेश में फेमस है. नमकीन की दुकान से अरबों डॉलर की कंपनी बनने की हल्दीराम की सफलता की कहानी बेहद दिलचस्प है.
मां के दिए नाम से फेमस हुए गंगा बिसन उर्फ हल्दीराम-
हल्दीराम की स्थापना गंगा बिसन अग्रवाल ने की थी. उनकी मां उन्हें प्यार से हल्दीराम बुलाती थीं और इसी नाम से वे देश-दुनिया में प्रसिद्ध हो गए. महज 10 साल की उम्र में गंगा बिशन ने 1918 में अपने पिता की दुकान पर काम करना शुरू कर दिया. इस दौरान वे अपनी चाची की बताई रेसिपी (recipe) के अनुसार भुजिया बनाते और बेचते थे. लेकिन, परिवार से विवाद होने के कारण उन्होंने घर छोड़ दिया. इसके बाद 1937 में हल्दीराम ने बीकानेर में अपनी पहली दुकान शुरू की जहाँ उन्होंने बीकानेरी भुजिया बेचना शुरू किया.
बदला अंदाजा तो लोगों को खूब भाई भुजिया-
गंगा बिशन अग्रवाल उर्फ हल्दीराम जी ने भुजिया को लेकर अपनी रेसिपी में कई बदलाव किए, जो लोगों को काफी स्वादिष्ट लगे. इन बदलावों के कारण उनकी बिक्री बढ़ी और कई ग्राहक उनके पास पहुंचे. एक समय जब हल्दीराम कोलकाता में एक शादी में शामिल हुए, तो उन्होंने वहां एक दुकान खोलने का फैसला किया. बीकानेर भुजिया के बिजनेस को आगे बढ़ाने की दिशा में यह उनका पहला कदम था. इसके बाद अगले तीन दशकों में उनका बिजनेस नागपुर और फिर राजधानी दिल्ली में भी पहुंचा.
इसके देश के प्रमुख शहरों के साथ-साथ विदेशों में भी हल्दीराम के कई स्टोर खुले. 1993 में ही हल्दीराम ने अमेरिका समेत लगभग 50 देशों में अपने नमकीन और मिठाई उत्पादों का निर्यात करना शुरू कर दिया.
रिपोर्ट के अनुसार, हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड का राजस्व FY22 में 3,622 करोड़ रुपये था, जबकि हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड का राजस्व FY22 में 5,248 करोड़ रुपये था. मर्जर के बाद इस बिजनेस यूनिट का रेवेन्यू 8,870 करोड़ रुपये हो जाता है. एनालिस्ट ने कहा कि इससे हल्दीराम का अनुमानित मूल्यांकन वित्त वर्ष 2022 में उसके कारोबार की बिक्री का 10 गुना हो गया है, जो लगभग 83,000 करोड़ रुपये है.