HDFC बैंक की तरफ से ग्राहकों को मिला दिवाली तोहफा, लोन रेट में हुई कटौती
HR Breaking News : एचडीएफसी बैंक ने दिवाली से पहले अपने ग्राहकों को एक बड़ा तोहफा दिया है। अगर आप बैंक से लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। दरअसल एचडीएफसी बैंक ने अपनी लोन रेट में कटौती की घोषणा की है। एचडीएफसी बैंक द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद उन उधारकर्ताओं को राहत मिली है जिनके ब्याज बैंक की MCLR से जुड़े हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि बैंक द्वारा उठाए गए इस कदम से ग्राहकों की EMI कम होने की उम्मीद है।
एमसीएलआर दरों में कटौती को लेकर उठाया गया कदम
बैंक ने चुनिंदा अवधियों पर अपनी MCLR में 15 आधार अंकों तक की कटौती की है। इस संशोधन के बाद, HDFC बैंक की MCLR अब ब्याज अवधि के आधार पर 8.40% से 8.65% के बीच है। पहले, ये दरें 8.55% से 8.75% के बीच थीं।
MCLR अब 8.55% से घटकर 8.45% रुपये हो गया है। जबकि एक महीने की दर घटकर 8.40% हो गई है। तीन महीने की दर 15 आधार अंकों की कटौती के साथ 8.45% हो गई है और छह महीने और एक साल की MCLR दरें अब 8.55% हैं, यानी हर में 10 आधार अंकों की कमी। लंबी अवधि के लिए, दो साल की दर 8.60% और तीन साल की दर 8.65% है।
मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट को समझें
MCLR का मतलब मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (Meaning of MCLR), ये वो न्यूनतम ब्याज दर है जो कोई बैंक किसी ऋण पर ले सकता है। यह अधिकांश Home Loan, Personal Loan और Business Loan के लिए आधार के रूप में काम करता है। RBI द्वारा 2016 में लागू किया गया, एमसीएलआर यह सुनिश्चित करता है कि उधारकर्ताओं से बैंक की निधियों की लागत से कम ब्याज न लिया जाए, जब तक कि निर्दिष्ट न किया गया हो।
HDFC बैंक की फिलहाल आधार दर 8.90% है, जो 19 सितंबर, 2025 से प्रभावी है। बैंक के बेंचमार्क पीएलआर (बीपीएलआर) को भी संशोधित कर 17.40% प्रति साल कर दिया गया है।
EMI पर भी पड़ेगा असर
एमसीएलआर से जुड़े personal loan और home loan लेने वालों को इस संशोधन के बाद अपनी EMI कम होने की उम्मीद है। HDFC बैंक की होम लोन दरें, जो रेपो रेट से जुड़ी हैं, वर्तमान में 7.90% से 13.20% के बीच हैं, जो उधारकर्ता की प्रोफाइल और लोन के प्रकार पर निर्भर करती हैं।
बैंक अपनी होम लोन ब्याज दरों (home loan interest rates) की गणना पॉलिसी रेपो रेट (policy repo rate) पर 2.4% से 7.7% का मार्जिन जोड़कर करता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि उधारकर्ताओं की दरें व्यापक मौद्रिक नीति (monetary policy) के अनुरूप रहें और बैंक की उधार लागत को प्रतिबिंबित करें।
