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Home Loan Default Rule : लोन डिफॉल्ट होने पर क्या करें, लोन लेने वाले जान लें जरूरी बात

Home Loan EMI : लोन लेने के बाद जब ईएमआई मिस होती है तो लोनधारक के लिए कई मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं। लगातार ईएमआई मिस (EMI miss hone ke nuksan) होने पर लोन डिफॉल्ट हो जाता है और कर्जदार को कोई रास्ता नहीं सूझता। अगर आपने भी लोन ले रखा है तो इन जरूरी बातों को जान लें, ताकि लोन डिफॉल्ट (Home Loan Default) होने की स्थिति में हर तरह की परेशानी से बच सकें।

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Home Loan Default Rule : लोन डिफॉल्ट होने पर क्या करें, लोन लेने वाले जान लें जरूरी बात

HR Breaking News - (loan default)। घर खरीदने के लिए अधिकतर लोग होम लोन (home loan news) का ही सहारा लेते हैं। लोन लेने के बाद हालात ऐसे भी बन जाते हैं कि पूरी वित्तीय स्थिति गड़बड़ा जाती है। होम लोन डिफॉल्ट होने पर बैंक (bank news) भी लोनधारक पर तरह तरह की कार्रवाई करने लगता है। इससे लोन लेने वाले की समस्याएं और बढ़ जाती हैं। लेकिन आप इन बातों को जानकर अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं और वित्तीय स्थिति को फिर से मजबूत कर सकते हैं। 

लोन के नियम व  शर्तों को पहले ही समझ लें-


कभी भी लोन लेते समय पहले ही इससे जुड़ी ब्याज दरों, नियम व शर्तों (home loan rules and conditions) को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए। होम लोन पर लगने वाले सभी चार्जेज के बारे में भी जान लें। लोन एग्रीमेंट (loan agreement) में तमाम नियम व शर्तें होती हैं, इन्हें पहले ही समझ लें। इससे आपके लोन डिफॉल्ट (loan default effects) होने के कम से कम चांस होंगे। लोन की शर्तों को समझने के लिए बैंक या किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट की मदद भी आप ले सकते हैं। 


बैंक पहुंचकर रखें अपनी बात -


किसी वजह से होम लोन डिफॉल्ट (loan default hone par kya kre) हो भी जाए तो बैंक को सच्चाई से अवगत कराएं। उसे स्थिति के बारे में बातचीत करें जिसके कारण आप नियमित रूप से किस्त नहीं भर पा रहे हैं। बैंक (bank loan process) को भविष्य में समय पर किस्त भरने का भी भरोसा दिलाएं। बैंक की ओर से आपको लोन रीस्ट्रक्चरिंग या रीपेमेंट (loan repayment tips) प्लान जैसी राहत दी जा सकती है।

लोन रीस्ट्रक्चर का उपाय करें-


होम लोन डिफॉल्ट होने  पर आप लोन रीस्ट्रक्चरिंग (loan restucturing) का उपाय अपना सकते हैं। लोन की शर्तें इसके तहत बदली जा सकती हैं। लोन रीस्ट्रक्चर करने का मतलब ही लोन भुगतान को आसान बनाना होता है। इसके लिए बैंक आपके लोन की अवधि को बढ़ा सकता है, ईएमआई को कम कर सकता है या फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट (home loan interest rates) में बदलाव कर सकता है। इस तरह के बदलाव से आपको राहत दे सकते हैं।


रीफाइनेंसिंग से मिल सकती है राहत -


लोन रीस्ट्रक्चर पर बात न भी बने तो आप होम लोन की रीफाइनेसिंग (loan refinancing) करा सकते हैं। यह किसी अन्य वित्तीय संस्थान के साथ आप कर सकते हैं। लोन ट्रांसफर के विकल्प से बात बने तो यह भी सोच सकते हैं। वर्तमान लोन को चुकाने (loan repayment rules) के लिए नया लोन लेने के ऑप्शन पर भी आप विचार कर सकते हैं।  हालांकि लोन चुकाने के लिए दूसरा लोन लेते हैं तो इसके लिए अधिक शुल्क (home loan charges) जोड़े जा सकते हैं। 

प्रॉपर्टी बेचकर कैसे निकालें समाधान -


होम लोन को चुकाने के लिए अंतिम विकल्प के रूप में आप प्रॉपर्टी बेचने (property selling tips) के विकल्प पर भी विचार कर सकते हैं। होम लोन के बदले आपके पास प्रोपर्टी तो है ही, इस प्रॉपर्टी की मौजूदा मार्केट वैल्यू के बारे में पता करें व अपनी लोन राशि व ईएमआई (home loan EMI) आ आकलन करें। प्रोपर्टी बेचकर आपका लोन चुकता हो सकता है और पैसे भी बच सकते हैं, जिनसे आप नई शुरुआत भी कर सकते हैं।

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