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Home Loan EMI Bounce : लगातार होम लोन की की तीन किस्त नहीं भरने पर क्या होगा, लोन लेने वाले जान लें नियम

Home Loan EMI Bounce : अगर कोई एक व्यक्ति लगातार तीसरे ईएमआई भुगतान में चूक करता है, तो इसे बैंक मामूली चूक मानता है और रिमाइंडर भेजता रहता है. लेकिन यदि 90 दिनों या तीन महीने के अंदर ईएमआई का भुगतान नहीं किया गया तो बैंक लेता है ये एक्शन... लोन लेने वाले जरूर जान लें इस नियम को-

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Home Loan EMI Bounce : लगातार होम लोन की की तीन किस्त नहीं भरने पर क्या होगा, लोन लेने वाले जान लें नियम

HR Breaking News, Digital Desk- (Home Loan EMI) होम लोन डिफॉल्ट आपके वित्तीय भविष्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है. इससे आपकी साख कमजोर होती है, जिससे भविष्य में लोन प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है. यदि आप तीन महीने तक अपनी EMI नहीं चुकाते हैं, तो बैंक आपको चेतावनी देगा, लेकिन यदि आप लगातार तीन महीने तक भुगतान नहीं करते हैं, तो आप डिफॉल्टर लिस्ट (defaulter list) में डाल दिए जाएंगे. यह स्थिति आपकी वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकती है और भविष्य में आपके लिए लोन लेना और भी मुश्किल बना सकती है.

पहली EMI देने से चूक जाने पर क्या होगा?

पहली ईएमआई डिफॉल्ट (EMI Default) के बाद, बैंक आपको एसएमएस और ईमेल के जरिए पेमेंट रिमाइंडर (payment reminder) भेजेगा. रिमाइंडर में एक लिंक भी शामिल हो सकता है, जिसके ज़रिए आप ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं. लेंडर देरी की वजह से EMI के साथ बकाया लोन राशि पर 1-2 प्रतिशत का जुर्माना लगा सकता है. एक बार जब आप यह भुगतान कर देते हैं, तो आपका लोन अकाउंट (l̥oan account) खाता पहले की तरह फिर से शुरू हो जाएगा.

दूसरी बार चूकने पर क्या होगा?

दूसरी EMI डिफॉल्ट होने पर लेंडर आपको चेतावनी देगा और पेनल्टी शुल्क सहित राशि का तत्काल भुगतान करने के लिए कहेगा. आपकी वित्तीय स्थिति के अनुसार, आपको भुगतान के लिए कुछ समय मिल सकता है. लेकिन इस स्थिति से बैंक अलर्ट होगा. इसलिए, दूसरी डिफॉल्ट से बचने के लिए जल्दी से अपनी EMI चुकता कर दें.

तीसरी बार डिफॉल्ट होने पर क्या होगा?

अगर कोई एक व्यक्ति लगातार तीसरे ईएमआई भुगतान में चूक करता है, तो इसे बैंक मामूली चूक मानता है और रिमाइंडर भेजता रहता है. लेकिन यदि 90 दिनों या तीन महीने के अंदर ईएमआई का भुगतान नहीं किया गया, तो लेंडर बकाया राशि की वसूली के लिए संपत्ति की नीलामी (property auction) शुरू कर सकता है. बैंक-बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी के अनुसार, देरी होने पर लेंडर बकाया ईएमआई पर 1% -2% प्रति महीने का जुर्माना (fine) लगाता है. यदि भुगतान में लगातार चूक होती है, तो लेंडर ग्राहक के लोन को एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) के रूप में चिह्नित करता है और वसूली प्रक्रिया शुरू करता है. आमतौर पर, इसे एनपीए (NPA) के रूप में चिह्नित करने से पहले नोटिस भेजा जाता है.

ईएमआई डिफॉल्ट का आपके क्रेडिट स्कोर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

अगर आप लगातार तीन ईएमआई (EMI) पर चूक करते हैं और 90 दिनों से अधिक के लिए बकाया राशि के भुगतान में और देरी करते हैं, तो लेंडर आपको डिफॉल्टर मान लेता है. यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट (Credit report) में एक एनपीए के रूप में दिखाई देगा, जिससे आपके क्रेडिट स्कोर (credit score) में तेजी से गिरावट आएगी. इससे आपको भविष्य में लोन लेने में दिक्कत हो सकती है.