Home Loan EMI Calculator : होम लोन लेते समय 90 प्रतिशत लोग करते हैं ये गलती, फिर कर्ज चुकाने में लग जाता है डबल समय
Home Loan EMI Calculator : हालांकि, अधिकतर लोग होम लोन लेते समय एक सामान्य गलती करते हैं. यह गलती समय के साथ उन्हें ज्यादा ब्याज चुकाने पर मजबूर करती है, जिससे उनका लोन 20 साल में चुकाने की बजाय लंबा खिंच जाता है... ऐसे में आप सही रणनीति अपनाकर इससे बच सकते है-

HR Breaking News, Digital Desk- (Home loan) हर व्यक्ति का सपना होता है अपना घर होना, लेकिन अधिकांश लोग होम लोन की आवश्यकता महसूस करते हैं. वे अपनी बचत भी इसमें लगाते हैं. हालांकि, अधिकतर लोग होम लोन लेते समय एक सामान्य गलती करते हैं. यह गलती समय के साथ उन्हें ज्यादा ब्याज चुकाने पर मजबूर करती है, जिससे उनका लोन 20 साल में चुकाने की बजाय 25-30 साल तक खिंच जाता है. सही रणनीति अपनाना इस समस्या से बचने का उपाय है. (bank Home loan)
कैसे बढ़ जाती है होम लोन की अवधि?
जब ब्याज दरों में बदलाव होता है तो इसकी वजह से होम लोन चुकाने की अवधि बढ़ जाती है. अधिकतर लोग शुरुआत में इस पर ध्यान नहीं देते. बाद में जब उन्हें पता चलता है कि उनके लोन की अवधि तो बहुत लंबी हो गई है, तो वह बैंक से इसकी शिकायत करते हैं. (How does the tenure of home loan increase?)
एक उदाहरण के साथ इसे अच्छे से समझते हैं-
मान लीजिए कि आपने 8 प्रतिशत की दर पर 30 लाख रुपये का लोन (loan) 20 साल के लिए लिया. इस तरह आपकी ईएमआई (EMI) करीब 25,093 रुपये की बनेगी. होम लोन अधिकतर बैंक फ्लोटिंग रेट पर देते हैं. यानी आपके होम लोन की दर इस बात पर निर्भर करेगी कि रेपो रेट (repo rate) कितना है. रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (reserve bank of india) की तरफ से तमाम बैंकों को लोन दिया जाता है. मान लेते हैं कि होम लोन लेने के 5 साल बाद आपके होम लोन की दर 11 फीसदी हो जाती है.
इस वक्त आपके होम लोन का आउटस्टैंडिंग प्रिंसिपल अमाउंट (Outstanding principal amount of home loan) 26 लाख रुपये के करीब बचेगा, क्योंकि शुरुआती सालों की ईएमआई में ब्याज का हिस्सा अधिक होता है, जबकि प्रिंसिपल अमाउंट का हिस्सा कम होता है.
5 साल बाद की स्थिति में आपको लगेगा कि ईएमआई के अब 15 साल बचे हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता है. दरअसल, ब्याज दर बढ़ने के साथ ही वह आपके लोन की अवधि के साथ एडजस्ट कर दिया जाता है. ऐसा इसलिए करते हैं ताकि ग्राहकों पर अधिक ईएमआई (home loan emi) का बोझ ना पड़े. वहीं बैंक चाहते भी हैं ऐसा ही करना, क्योंकि आप जितने ज्यादा दिनों तक ईएमआई देते रहेंगे, आपसे बैंक की कमाई उतनी ही ज्यादा होगी. तो अगर आपकी ईएमआई (EMI) पहले जितनी 25,093 रुपये के करीब ही रखी जाती है तो आपके लोन की बची हुई अवधि 15 साल नहीं, बल्कि 28 साल हो जाएगी. यहां अगर आपकी ईएमआई 15 साल के हिसाब से देखी जाए तो वह बढ़कर 29,500 रुपये के करीब हो जाएगी. इस तरह जो लोग आप 20 साल में चुकाने वाले थे, उसे चुकाने में आपको करीब 33 साल लग जाएंगे.
ऐसे हालात से कैसे बचाएं खुद को?
अगर आप नहीं चाहते कि आपके होम लोन की अवधि बढ़ जाए, तो जब-जब ब्याज दरें बढ़ें, तो आपको बैंक से बात कर के अपने हम लोन की रीस्ट्रक्चर (Restructure) करवाना होगा. यानी आपको बैंक से कहना होगा कि वह अवधि ना बढ़ाए, बल्कि ईएमआई को नई ब्याज दर के हिसाब से बढ़ा दे. अधिकतर ग्राहक यही गलती करते हैं और बैंक से लोन को रीस्ट्रक्चर नहीं कराते हैं.