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Home Loan EMI Calculator : घर खरीदना फायदेमंद या किराए पर रहना ज्यादा बेहतर, एक्सपर्ट ने बताई काम की बात

Buying Vs Renting Home: आज की इस बढ़ती महंगाई को देखते हुए आम लोगों को खुद का घर खरीदना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में किराए के घर (Flat purchasing idea) में रहने वाले लोगों की भी कमी नहीं है, लेकिन  क्या आप जानते हैं कि वित्तीय लिहाज से खुद का घर खरीदना ज्यादा फायदेमंद होता है या फिर किराए पर रहना ज्यादा फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं इस बारे में एक्सपर्ट का क्या कहना है।
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Home Loan EMI Calculator : घर खरीदना फायदेमंद या किराए पर रहना ज्यादा बेहतर, एक्सपर्ट ने बताई काम की बात

HR Breaking News - (property news updates) । घर बनाना किसी भी व्यक्ति की लाइफ का एक बड़ा मूमेंट होता है। खुद  का घर बनाने के लिए बड़ी पूंजी की जरूरत होती है। ऐसे में कई लोग कन्फयूज रहते हैं कि खुद का घर बनाना चाहिए या फिर किराए के घर (Flat Purchasing tips) में रहना ज्यादा फायदेमंद है। अगर आप भी इस बात को  लेकर सोच विचार में रहते हैं तो इसके लिए एक्सपर्ट् ने काम की बात बताई है।

जानिए क्या है दोनों के फायदे-नुकसान-


अपना खुद का घर(Benefits of Flat purchase)  लेने में कई फायदे हैं तो कई नुकसान भी है। वहीं, दूसरी ओर किराए के घर में  रहने के कई फायदे हैं तो कई नुकसान भी है। ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जिनके पास नया घर खरीदने का पूरा पैसा होता है। वरना इस महंगाई के जमाने में तो ज्यादातर लोग तो लोन लेकर ही घर खरीदते हैं। होम लोन (home loan rates)एक बेहद महंगा लोन हहोता है और होम लोन का सीधा कनेक्शन रेपो रेट से है। 

रेपो रेट का होम लोन पर असर-


अगर रेपो रेट (Repo rate kya hai) बढ़ता है तो इससे लोन की लागत बढ़ती है। इससे पहले आरबीआई की ओर से रेपो रेट में मई 2022 से ढाई प्रतिशत बढ़ौतरी कर  चुका है, इस बढ़ौतरी के बाद लोन की दरें करीब 6.5 प्रतिशत पर थीं अब 9 प्रतिशत से ऊपर हैं। उसके बाद RBI ने अप्रैल 2023 की मॉनिटिरी पॉलिसी में रेपो रेट (Repo rate in monetary policy) 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है, जिसके बाद लोगों में उम्मीद है कि अब  रेपो रेट में बढ़ौतरी नहीं होगी।


कितनी लगती है ब्याज दरें-


एसबीआई (State bank of india)का नाम देश के सबसे सेफ बैंकों की लिस्ट में शुमार है। अगर आप इस बैंक से होम लोन लेते हैं तो इस बैंक की होम लोन दरें (Home loan interest rates) अभी 9.15 प्रतिशत से शुरू हो रही हैं। हम एक उदाहरण से आपको समझाते हैं । जैसे कि आप जो खरीद रहे हैं उसकी कीमत 50 लाख रुपये हैं। अगर आप किसी भी शहर में ठीक-ठाक लोकेशन पर  3बीएचके अपार्टमेंट लेते हैं तो इसकी कीमत 50 लाख रुपये के आस-पास होती  है। 


इस तरह से करें ईएमआई का केलकुलेशन-


मान लों जैसे कि आप 20 प्रतिशत डाउनपेमेंट खुद के पास से करने वाले हैं और उसमे से 80 प्रतिशत यानी 40 लाख रुपये का होम लोन लेने वाले हैं तो केलकुलेशन के हिसाब से होम लोन 20 साल के लिए लिया है तो इसकी ब्याज दरें 9.15 प्रतिशत पर 40 लाख रुपये का लोन लेने पर उसकी मंथली EMI ( Equated Monthly Instalment)36,376 रुपये बनेगी। इस हिसाब से देखा जाए तो आपको 20 साल में बैंक को 87 लाख 30 हजार 197 रुपये चुकाने होंगे, जिसमें से 40 लाख रुपये मूलधन होगा और बाकी का बचा 47 लाख रुपये आप ब्याज के रूप में बैंक को देंगे। हिसाब लगाया जाए तो ये घर (house prices in india) आपको 20 साल बाद तकरीबन एक करोड़ रुपये का पड़ेगा। आपको बता दें कि रियल एस्टेट सेक्टर की सालाना ग्रोथ रेट 5-6 प्रतिशत है। इस हिसाब से जो घर आज 50 लाख रुपये का है, वो 20 साल बाद 1.3 से 1.6 करोड़ रुपये का होगा।

किराये पर रहने का पूरा केलकुलेशन-


अगर खुद का घर लेने के बजाय बात करें किराए के घर (house for rent) की तो अगर आप 50 लाख के घर में रहते हैं तो इसके लिए आपको वैसे ही कम से कम 20,000 रुपये के आस-पास किराया देना पड़ेगा। ऐसे में किराए पर रहने पर आपके कम से कम 16,376 रुपये बचते हैं। आप इन पैसों को बढ़ाने के लिए इन्वेस्टमेंट स्कीम में निवेश (Investing in an investment scheme)कर सकते हैं। आप इन बचे हुए पैसों को SIP के जरिए निवेश कर  12 प्रतिशत का अनुमानित रिटर्न पा सकते हैं और इस हिसाब से 20 साल बाद आपके लगभग 1 करोड़ 58 लाख रुपये की बचत होगी। आपके डाउनपेमेंट की 10 लाख रुपये की रकम को अलग से एकमुश्त निवेश करने पर कुल 96 लाख 46 हजार 293 रुपये मिलेंगे। इस हिसाब से गणित करने पर आपके पास 20 साल बाद तकरीबन ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा होंगे। ऐसे में देखा जाए तो किराए पर रहना भी आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

जानिए रेंट पर रहने के प्रोफिट-


अगर आप खुद का घर लेने के बजाय किराए के घर (kiraye ke ghr ke fayde)में रहते हैं तो ये ईएमआई के मुकाबले थोड़ा सस्ता हो सकता है। ऐसा होने पर अगर आपकी नौकरी बदलती है या फिर आपको लोकेशन पसंद नहीं आता है तो आप  आसानी से घर बदल सकते हैं। 

किराए पर रहने के नुकसान-


रेंट (Rent pr rhne ke nuksan) पर रहने  के जहां एक ओर फायदे हैं तो वहीं कई नुकसान भी है। जैसे कि अगर आप किराए पर रहते हैं तो आपको  कोई रिटर्न नहीं मिलता है । रियल एस्टेट बाजार (real estate market)के आंकड़ों को देखें तो रेंट का किराया हर साल किराया 8 से 10 प्रतिशत बढ़ता है। इसके साथ ही आप बिना मकान मालिक के मर्जी से घर में कुछ भी नहीं करा सकते हैं।


घर खरीदने के फायदे-


अगर आप अपनी बड़ी पूंजी जोड़कर और अपनी ईएमआई(Property buying tips)  भरकर अपना खुद का घर बना रहे हैं तो यानी की आप एक एसेट बना रहे हैं। होम लोन के नियमों  (home loan rules) के अनुसार आप होम लोन पर प्रिंसिपल रिपेमेंट पर 80C के तहत डेढ़ लाख रुपये और सेक्शन 24 के तहत ब्याज पर 2 लाख रुपये की ब्याज छुट का लाभ (benefit of interest rebate)उठा सकते हैं। ऐसा होने पर आपको बार- बार शिफ्टिंग और मकान मालिक के झिकझिक नहीं सुननी पड़ती है।

जानिए  क्या है घर खरीदने के नुकसान-


अगर आप अपना घर खरीदते हैं तो इसके लिए भी आपको थोड़े समय तक  वित्तीय परेशानियों से जुझना पड़ सकता है।  इसके लिए आपको डाउनपेमेंट, स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज जैसे खर्च करना पड़ता है और इसके अलावा आपको  EMI  (Home Loan EMI) का बोझ भी उठाना पड़ सकता है। अगर आपको इमरजेंसी में पैसों की जरूरत पड़ती है तो पैसों की जरूरत पड़ने पर आप अपनी संपत्ति(Property prices  ) को बेच भी सकते हैं।