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Home Loan EMI Calculator: मकान खरीदते वक्त याद रखें ये फॉर्मूला, न EMI का पड़ेगा बोझ, न पैसों के लिए होगी चिकचिक

मिडिल क्‍लास खासकर नौकरीपेशा को मकान हमेशा पूरी प्‍लानिंग और कैलकुलेशन के साथ खरीदना चाहिए, इससे मकान की जरूरत भी पूरी हो जाएगी और घर का बजट भी नहीं गड़बड़ाता. यहां जानिए खास फॉर्मूला जो सब कुछ आसान बना सकता है.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
 
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HR Breaking News (नई दिल्ली)। मिडिल क्‍लास के लिए मकान खरीदना एक बहुत बड़ी उपलब्धि होती है. खासकर उन लोगों के लिए जो नौकरीपेशा हैं और हर महीने 60 से 70 हजार रुपए की सैलरी से अपने घर का गुजारा करते हैं. ऐसे लोग ज्‍यादातर होम लोन लेकर मकान या फ्लैट खरीदते हैं. लेकिन हर महीने लोन की ईएमआई चुकाने से सैलरी का एक बड़ा हिस्‍सा खर्च हो जाता है. वहीं होम लोन लंबी अवधि का लोन होता है, ऐसे में ये स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है और इसके कारण कई बार घर का बजट गड़बड़ा जाता है और पैसों को लेकर घर में बात-बात पर चि‍कचिक शुरू हो जाती है. तमाम घरों की ये आम कहानी है. 


लेकिन अगर आप मकान को पूरी प्‍लानिंग और कैलकुलेशन के साथ खरीदें, तो इससे आपकी मकान की जरूरत भी पूरी हो जाएगी और आप घर की सभी जरूरतों को भी आसानी से पूरा करते रहेंगे. फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट दीप्ति भार्गव कहती हैं कि मकान या फ्लैट खरीदने के मामले में हर किसी को खासकर नौकरीपेशा को 3/20/30/40 का फॉर्मूला अपनाना चाहिए. इससे मकान खरीदने के बाद भी परिवार पर बहुत ज्‍यादा दबाव नहीं पड़ेगा और घर का बजट भी नहीं गड़बड़ाएगा. 

ऐसे समझें फॉर्मूला


इस फॉर्मूले में 3 का मतलब है आप जो भी मकान खरीदने जा रहे हैं, उसकी लागत आपकी कुल वार्षिक आय से तीन गुना से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए. यानी अगर आपकी वार्षिक आय 10 लाख रुपए है तो आप 30 लाख रुपए तक का मकान या फ्लैट खरीद सकते हैं.

20 की बात करें तो इसका मतलब लोन के टेन्‍योर से है. एक मिडिल क्‍लास व्‍यक्ति को इतने बड़े खर्च के लिए लोन की जरूरत पड़ती ही है. वैसे तो लोन की अवधि जितनी कम हो, उतना बेहतर होता है. लेकिन ईएमआई बोझ न बने और आप इसे आसानी से चुकाते रहें, इसके लिए आप लोन का टेन्‍योर अधिकतम 20 साल तक तय कर सकते हैं. इससे ज्‍यादा बिल्‍कुल न करें.  

30 का मतलब आपकी ईएमआई से है. आप जो भी कमाते हैं, उसकी 30 प्रतिशत से ज्‍यादा आपकी ईएमआई नहीं होनी चाहिए. मान लीजिए कि आप हर महीने 70 हजार रुपए कमाते हैं तो आपकी ईएमआई 21 हजार से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए.

40 का मतलब है आपके डाउन पेमेंट से. जब भी आप कोई फ्लैट लेते हैं, तो आपको उसका डाउन पेमेंट करना होता है. कोशिश करिए कि आप 40 फीसदी तक डाउन पेमेंट कर सकें. इससे आपको लोन कम से कम लेना होगा और कम लोन लेंगे तो उसे छोटी किस्‍तों में और कम समय में चुका सकते हैं. जैसे मान लीजिए आपकी वार्षिक इनकम 10 लाख रुपए है और आपने 30 लाख का फ्लैट खरीदा, तो आपको करीब 12 लाख रुपए डाउन पेमेंट कर देना चाहिए. ऐसे में आपको सिर्फ 18 लाख रुपए का लोन लेना पड़ेगा. इस स्थिति में जो ईएमआई बनेगी, वो इतनी नहीं होगी कि आप आसानी से चुका न सकें.

18 लाख के लोन पर कितनी बनेगी EMI?


अगर आप SBI से 18 लाख रुपए का होम लोन ले रहे हैं, तो SBI Home Loan Calculator के हिसाब से देखें तो इस पर 9.55 फीसदी का ब्‍याज लगेगा. ऐसे में आप इसे 15 सालों के लिए लेते हैं तो ईएमआई 18,850 रुपए देनी होगी और 20 सालों के लिए लेते हैं तो 16,837 रुपए देनी होगी. ऐसे में आपकी सारे काम आसानी से होते रहेंगे.