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Home Loan EMI Formula : महीने की इतनी कमाई है तो ही खरीदें खुद का घर वरना किराए पर रहने में फायदा, समझिये फॉर्मूला

Home Loan : आज के दौर में हर कोई अपना खुद का घर खरीदना चाहता है लेकिन इसे खरीदने के लिए हर माह होने वाली इनकम काफी मायने रखती है। हर महीने होने वाली कमाई पर ही ये निर्भर होता है कि मकान खरीदा (buying house loan calculator) जाए या किराये पर रहा जाए। इस बात को समझने के लिए एक फॉर्मूला भी आपको काफी काम आ सकता है। इस फॉर्मूले से आप जान सकते हैं कि हर महीने कितनी कमाई होने पर घर खरीदना फायदेमंद रहता है। 

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Home Loan EMI Formula : महीने की इतनी कमाई है तो ही खरीदें खुद का घर वरना किराए पर रहने में फायदा, समझिये फॉर्मूला

HR Breaking News - (flat buy or rent)। अपने व अपने परिवार के लिए घर तो हर कोई खरीदना चाहता है, पर महंगाई के इस दौर में घर खरीदना आसान काम नहीं है। बिना सोचे समझे व कमाई का अनुमान लगाए बिना इस तरह का सौदा आपकी पूरी लाइफ का बजट भी बिगाड़ सकता है। ऐसे में अधिकतर लोग यही कहते हैं कि इससे अच्छा है कि आप किराये (smart planning for buying home) पर रहकर ही बजट को संतुलित रखें। घर खरीदने से पहले हर महीने की आय का आकलन करना जरूरी है। इसके बाद ही घर खरीदने या घर के लिए होम लोन लेने का फैसले लें। 


सैलरी के हिसाब से ही लें फैसला-


अगर आपके पास नौकरी है तो ही आपको घर लेने के बारे में सोचना चाहिए और होम लोन (home loan intrest rate) के बारे में भी सैलरी को देखते हुए ही फैसला लेना चाहिए। आमतौर पर जब होम लोन ले रहे हों तो लोन की ईएमआई आपकी सैलरी से 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। हालांकि इसके लिए एक अच्छे लेवल की सैलरी (home loan as per salary) भी होनी जरूरी है।

 यानी कम सैलरी पर होम लोन से मकान खरीदने की बात सिरे नहीं चढ़गी। आजकल होम लोन की कम से कम ईएमआई (smart home buying tips) ही 25 हजार के आसपास होती है। इससे कम की ईएमआई तो तब होगी जब घर की कीमत हजारों में हो और अब ठीक ठाक आकार वाले घरों की कीमत भी लाखों में होती है। इसलिए ईएमआई भी इतनी ऊंची तो होती ही है। अब आपको उस फॉर्मूले (financial formula for home loan) के बारे में भी बता दें, जिसके आधार पर आप घर लेना, घर के लिए होम लोन लेना या रेंट पर रहना तय कर सकते हैं।


सैलरी और ईएमआई के अनुपात को भी जानें-


अगर आपकी मासिक सैलरी 1 लाख रुपये है तो आप होम लोन (home loan ki EMI calculation) या घर खरीदने के लिए सोच सकते हैं, क्योंकि इस सैलरी का 25 प्रतिशत हिस्सा यानी 25 हजार रुपये होम लोन की ईएमआई के रूप में दे सकते हैं और उसके बाद आपके पास बाकी खर्चों के लिए भी पैसा बच जाएगा। आमतौर पर होम लोन (home loan) की ईएमआई 25 हजार से कम तो होती नहीं और होम लोन चुकाने में अक्सर कई साल लगते हैं, क्योंकि डाउन पेमेंट कम होगी तो किस्तें भी कई साल की बनेंगी। इसलिए अगर सैलरी (salary for home loan) 50 से 60 हजार रुपये ही है तो करीब 45 से 50 प्रतिशत ही होम लोन की ईएमआई में चला जाएगा। इसलिए आपका बाकी का बजट गड़बड़ा सकता है। ऐसे में घर या होम लोन लेने के बजाय रेंट पर रहना ही ठीक रहेगा।


कम सैलरी में बनाए ये प्लान-


अगर आपकी मासिक सैलरी 50 से 70 हजार रुपये के बीच है, तो ऐसे में आपको किराये के मकान में ही रहकर पैसों की बचत करनी चाहिए, जिसके बाद जब आपकी सैलरी (sufficient salary for home loan) बढ़कर एक लाख के आसपास हो जाए तो ऐसे में आप ज्यादा डाउन पेमेंट देकर घर को खरीद सकते हैं। अगर आप ज्यादा डाउन पेमेंट देते हैं तो ऐसे में आपको कम किस्तों का भुगतान करना होगा और आप पर होम लोन (home loan) का बोझ भी कम पड़ता है। 


कम सैलरी होने पर करें ये काम-


वित्तीय तौर के हिसाब से माना जाता है कि अगर आपकी सैलरी एक लाख रुपये है, तो ऐसी परीस्थिति में आपको 30 से 35 लाख रुपये तक का घर खरीदने (Financial tips) का फैसला लेने होता है। वहीं अगर आपकी सैलरी डेढ़ लाख रुपये है तो ऐसे में आपको 50 लाख रुपये तक का बजट बनाना काफी सही रहने वाला है। हर हाल में सैलरी का अधिकतम 25 फीसदी राशि ही होम लोन की EMI होनी चाहिए और 40-50 लाख का घर लेने पर एक लाख सैलरी वाले के लिए उस सैलरी की लगभग 25 प्रतिशत ही ईएमआई बनेगी।


जरूरत के हिसाब से ही लें फैसला-


अगर आप घर खरीदने के बारे में विचार कर रहे हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको अपनी जरूरत को देख लेना चाहिए। और जरूरत के हिसाब से ही लोन लेना चाहिए। आपको अपनी जॉब प्रोफाइल (JOB profile) और सैलरी को मध्य नजर रखते ही घर खरीदने का निर्णय लेना चाहिए। अगर आप सबसे पहले घर ले रहे हैं तो ऐसे में आपको उस शहर में एक तरह से बंधकर ही रहना होगा। अधिकतर लोगों को करियर ग्रोथ (Career growth) की वजह से कई बार एक शहर से दूसरे शहर में जाना पड़ जाता है। ऐसे में आपको घर लेने से पहले ये सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपकी नौकरी पक्की है या नहीं क्योंकि नए शहर में जाकर किराये पर रहना और फिर अपने घर को किराये पर देना वो उचित नहीं समझा जाता है।


इस बात का भी रखें ध्यान-


अगर आप घर खरीदने के बारे में विचार कर रहे हैं तो आपको प्रॉपर्टी का चयन जरूर से ही कर लेना चाहिए। अगर आप फ्लैट खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो ऐसे में उस फ्लैट की लोकेशन भी काफी ज्यादा मेटर करती है। फ्लैट को लेते समय इस बात का ध्यान दें कि हर साल कम से कम 8 फीसदी की बढ़ोतरी हो। इसकी वजह से महंगाई के हिसाब से फ्लैट की कीमत (Flat price in Delhi) में भी तेजी देखने को मिले यानी 20 साल के बाद फ्लैट की मौजूदा कीमत बॉयिंग प्राइस की तुलना में तिगुनी होनी चाहिए। 


इन जगहों पर ही खरीदे फ्लैट-


अगर आप घर में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो फिर आपके लिए फ्लैट को खरीदने ही बेहतर ऑप्शन रहेगा। वहीं अगर टीयर-2 या टीयर-3 शहरों में प्रॉपर्टी खरीदने (property buying tips) के बारे में सोच रहे हैं तो आपको लैंड से जुड़ा ही घर खरीदना चाहिए। अगर लैंड से जुड़ा घर नहीं मिल पा रहा है तो आप जमीन ही खरीद सकते हैं। हमेशा से फ्लैट के मुकाबले जमीन ने बेहतर रिटर्न दिया है। वहीं जमीन (land buying tips) पर आप अपनी मन मर्जी के मुताबिक ही घर को बनवा सकते हैं। 
 

अक्सर लोग करते हैं ये गलती-


आमतौर पर देखने को मिल जाता है कि कुछ लोग पहली नौकरी (job ke hisab se loan) के साथ ही में खुद का घर और कार खरीद लेते हैं और EMI (EMI for home loan) की बोझ तले दब जाते हैं। जिसकी वजह से उन्हें आगे चलकर बिल्कुल गलत फैसला साबित है। इसलिए जरूरत के हिसाब से ही आपको फैसला लेना चाहिए और कमाई को आधार बनाकर फैसले लेंगे तो वित्तीय मुश्किलों से भी आप बच सकते हैं। साथ ही रिटायमेंट (retirement tips) के समय पर आप अच्छी खासी रक्म को भी जमा कर सकते हैं।