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Home Loan EMI : होम लोन की किस्त नहीं भरने पर होंगे ये 5 बड़े नुकसान, लोन लेने वाले जरूर जान लें काम की बात

Home loan EMI Rules :खुद का घर खरीदने या बनाने का सपना हर किसी का होता है। इस सपने को पूरा करने के लिए अक्सर लोग होम लोन भी लेते हैं। कई बार ऐसी परिस्थितियां बनती हैं कि होम लोन लेने के बाद इसकी ईएमआई भरने में ऋणदाता असमर्थ हो जाते हैं। होम लोन की ईएमआई (home loan EMI) न भरने  के कई नुकसान हैं। आइये जानते हैं इन नुकसानों व समाधान के बारे में खबर में।

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Home Loan EMI : होम लोन की किस्त नहीं भरने पर होंगे ये 5 बड़े नुकसान, लोन लेने वाले जरूर जान लें काम की बात

HR Breaking news - (ब्यूरो)। वैसे तो किसी भी तरह के लोन की ईएमआई न भरना लोन लेने वाले के लिए नुकसानदायी ही होता है, लेकिन होम लोन की ईएमआई न भरने से कई बड़े नुकसान होते हैं, जिससे आपकी वित्तीय स्थिति तो गड़बड़ा ही जाती है, साथ ही बैंक व कानूनी कार्रवाई का भी आपको सामना करना पड़ता है।

 

ऐसे में जरूरी है कि जब होम लोन की ईएमआई (home loan process) चुकाने में असमर्थ हो जाएं तो क्या करना चाहिए, ताकि हर तरह की परेशानी से बचा जा सके। आइये आपको बताते हैं इसका क्या हल निकल सकता है।

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EMI न भरने पर यह हो सकती है कार्रवाई

 

 

 

होम लोन की अधिक ब्याज दरों, मुद्रास्फीति और अचानक आने वाली आर्थिक व वित्तीय समस्याओं के कारण होम लोन की ईएमआई चुकाना कई बार लोन लेने वालों के लिए मुश्किल हो जाता है। फिर इसके कई दुष्परिणाम सामने आते हैं। होम लोन की ईएमआई समय पर न चुकाने वाले को बाद में भारी जुर्माना देना पड़ता है, साथ ही सिबिल स्कोर भी खराब (Cibil Score Down) हो जाता है। इसके अलावा घर या प्रोपर्टी जब्त और नीलाम हो सकता है। इससे भी बड़ी समस्या यह होती है कि कानूनी कार्रवाई तक का सामना करना पड़ सकता है।

अगर आप होम लोन की ईएमआई (home loan EMI) भरने से चूक भी जाते हैं तो बैंक जाकर अपनी स्थिति बताएं व बैंक अधिकारियों से बात करके हल निकालने का रास्ता अपनाएं, नहीं तो आपको ये 5 बड़े नुकसान होंगे-

 

1. भरना पड़ेगा भारी जुर्माना -

 होम लोन की ईएमआई भरने से चूकने पर लोन देने वाले बैंक या वित्तीय संस्थान लोन लेने वाले से भारी जुर्माना राशि वसूलते हैं। दिखने में बेशक यह कम लगे लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है, यह राशि बढ़ती जाती है। यह जुर्माना राशि होम लोन की ईएमआई (home loan Default hone ke nuksan) का ही एक हिस्सा होता है। इसलिए समय पर ईएमआई भरना ठीक रहता है।

2. सिबिल स्कोर होगा खराब-


होम लोन की ईएमआई मिस करते ही सिबिल स्कोर (cibil score kaise sudhare) पर वितरीत व नकारात्मक प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है। जब आप ईएमआई नहीं चुका पाते हैं तो सिबिल स्कोर बेहद खराब हो जाता है और फिर इसे ठीक होने में भी लंबा समय लग जाता है। सिबिल स्कोर  तीन अंकों में होता है जो किसी की क्रेडिट हिस्ट्री को भी दर्शाता है। यह 300 से लेकर 900 के बीच होता है। इसके खराब होने से भविष्य में भी लोन मिलना मुश्किल हो जाता है। अच्छा सिबिल स्कोर (how to improve cibil score) ही कम ब्याज दरों पर लोन दिलाने में सहायक होता है।

3. घर हो सकता है नीलाम-

ईएमआई न चुकाना पर तीसरा बड़ा नुकसान ये हो सकता है कि जिस घर को खरीदने या बनाने का सपना बुना था, उस पर ग्रहण लग सकता है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि ईएमआई (home loan EMI) न चुकाने पर वह घर लोन राशि की वसूली के लिए जब्त या नीलाम हो सकता है। इस जोखिम से बचने के लिए आप ईएमआई (EMI) न चुका पाने की स्थिति में तुरंत बैंक में जाकर इसके समाधान के लिए अन्य विकल्पों पर बातचीत कर सकते हैं, ताकि बैंकिंग कार्रवाई से बचने का रास्ता भी खोजा जा सके।


4. लोन नहीं होगा ट्रांसफर -

कई बार होम लोन लेने वाले विशेष वित्तीय परिस्थितियों के कारण लोन ट्रांसफर का विकल्प भी चुनते हैं। बता दें कि अगर पहले ही होम लोन की ईएमआई नहीं चुकाई है तो फिर लोन ट्रांसफर (loan transfer kaise krayen) होने में भी भारी दिक्कत आपको फेस करनी पड़ेगी। हो सकता है कि यह ट्रांसफर ही न हो। हो सकता है आपको कम ब्याज दर पर होम लोन देने वाले बैंक (sasta home loan kaise milega) का विकल्प तो मिल जाए, लेकिन आपके लोन की पहले ही ईएमआई चूकने की बात को देखते हुए बैंक आवेदन को ही रिजेक्ट कर सकता है।

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5. हो सकती है कानूनी कार्रवाई -

होम लोन ईएमआई चूकने पर जो सबसे बड़ी समस्या आती है, वह यह है कि आप कानूनी पचड़े में भी फंस सकते हैं। इसलिए बेहतर है कि समय पर ही ईएमआई भरें व अपनी वित्तीय क्षमताओं को देखते हुए लोन लें व उसकी ईएमआई की अवधि उसी तरह से सेट कराएं जो आप समय पर भरने में सक्षम हों। फिर भी अगर किस्त भरने से चूक जाते हैं तो अपने बैंक से संपर्क करके रास्ता निकालने के तरीकों पर भी बात करें। बैंक आपके लोन की ईएमआई भरने के प्लान को रिसेट करके, कम ब्याज दर करके या ईएमआई की अवधि बढ़ाकर कोई न कोई राहत दे सकता है। ऐसा करके आप कानूनी कार्रवाई व लोन डिफॉल्टर (loan default) होने जैसी कई परेशानियों से बच सकते हैं।