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Home Loan : 20 साल के लिए 30 लाख का होम लोन लेने पर महीने की कितनी बनेगी EMI, बैंक जाने से पहले समझ लें कैलकुलेशन

Home Loan : अपना ड्रीम होम प्लान करते समय होम लोन की ब्याज दरों की पूरी जानकारी होना ज़रूरी है. ऐसे में बैंक जाने से पहले आपकी ये कैलकुलेशन समझ लेना बेहद जरूरी है कि 20 साल के लिए 30 लाख का होम लोन लेने पर महीने की ईएमआई कितनी बनेगी-
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Home Loan : 20 साल के लिए 30 लाख का होम लोन लेने पर महीने की कितनी बनेगी EMI, बैंक जाने से पहले समझ लें कैलकुलेशन

HR Breaking News, Digital Desk- (SBI Home Loan EMI Calculation) अपना ड्रीम होम प्लान करते समय होम लोन की ब्याज दरों की पूरी जानकारी होना ज़रूरी है. देश के सबसे बड़े बैंक, SBI में होम लोन की शुरुआती ब्याज दर 9.15% है. यदि आप 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन लेते हैं, तो आपकी मासिक EMI और कुल चुकाया जाने वाला ब्याज कुछ इस तरह होगा- (bank home loan)

SBI Home Loan EMI Calculation-

SBI की वेबसाइट (website) पर उपलब्‍ध जानकारी के मुताबिक 750 या उससे ज्‍यादा के सिबिल स्‍कोर (cibil score) होने पर कस्‍टमर को शुरुआती 9.15 प्रतिशत पर होम लोन ऑफर (home loan offer) कर रहा है. अब मान लेते हैं कि आपको 30 लाख रुपये का लोन 20 साल के लिए लेना है, तो मौजूदा शुरुआती ब्‍याज दर पर आपकी EMI कितनी बनेगी. साथ ही अगर लोन की ब्‍याज दरे पूरे टेन्‍योर औसतन इतनी ही रहती हैं, तो आप कुल कितना ब्‍याज चुकाएंगे.  

लोन अमाउंट: 30 लाख रुपये 
लोन टेन्‍योर: 20 साल 
ब्‍याज दर: 9.15% सालाना 
EMI: ₹27,282 
कुल टेन्‍योर में ब्‍याज: ₹35,47,648 
कुल पेमेंट: ₹65,47,648 

इस तरह, अगर लोन की अवधि पूरी होने तक आपका कुल भुगतान 65,47,648 रुपये होगा. इसमें करीब आधा से ज्‍यादा रकम 35,47,648 रुपये आप बतौर ब्‍याज चुकाएंगे. हालांकि, यह जान लें कि अपने सिबिल स्‍कोर और लोन रिपेमेंट (loan repayment) की कैपेसिटी के आधार पर आप होम लोन की ब्‍याज दरों में बार्गेन कर सकते हैं. फ्लोटिंग रेट पर ब्‍याज (floating rate interest) दरें मौजूदा रेट से कम हो सकती हैं.

Repo rate के घटने-बढ़ने का होता है असर -

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित रेपो रेट वह दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक उससे धन उधार लेते हैं. अक्टूबर 2019 से, RBI ने बैंकों के लिए फ्लोटिंग रेट वाले पर्सनल, ऑटो और होम लोन को रेपो रेट से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है. इसका मतलब है कि अधिकांश बैंक अब होम लोन को रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (Repo Linked Lending Rate) पर पेश करते हैं, जिसे एक्सटर्नल बेंचमार्क रेट (External Benchmark Rate) भी कहा जाता है. इसलिए, जब RBI रेपो रेट में बदलाव करता है, तो आपके होम लोन (home loan) की ब्याज दर सीधे प्रभावित होती है.