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House Construction Rules 2025 : खेती की जमीन पर घर बनाने से पहले जान लें नियम, वरना हो जाएगी बड़ी मुश्किल

House Construction Rules 2025 : आमतौर पर लोग जमीन खरीदकर उस पर मकान बनाने की सोचते हैं। कई लोग तो खेत की जमीन पर ही प्लॉटिंग करके मकान बना लेते हैं। ऐसा करने से पहले आप यह जरूर जान लें कि जिस खेत वाली भूमि पर आप घर बनवा रहे हैं, वह कार्य नियमों  के विरुद्ध तो नहीं ? क्योंकि इसके लिए अब नियम (house construction new rules) बदल चुके हैं, ऐसा करने पर आपको कई बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।  

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House Construction Rules 2025 : खेती की जमीन पर घर बनाने से पहले जान लें नियम, वरना हो जाएगी बड़ी मुश्किल

Hr Breaking News (house construction news rules) :  अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग अपने खेत में ही घर बनाकर रहने लगते हैं। सरकार के नियमों के अनुसार खेती की जमीन को फसलों के लिए ही रखा जाता है। 
उस पर घर बनाना वैध नहीं है। बिना सरकार की अनुमति व खेती भूमि और रिहायशी भूमि से जुड़ी जरूरी प्रक्रियाओं को पूरी किए बिना खेत में घर (construction rules on agriculture land) बनाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। खेत में घर बनाने के भी नियम होते हैं।

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सरकार की मंजूरी लेना जरूरी


अगर आपने कृषि भूमि खरीदी है या खरीदने का प्लान है और उस पर घर बनाना चाहते हैं, तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान  (construction ban on agricultural land) रखना होगा। कृषि भूमि पर घर बनाना इतना आसान नहीं है। भले ही आपकी पूरी मालिकाना हक हो, आप इसे बिना सरकारी मंजूरी के घर बनाने के लिए नहीं इस्तेमाल कर सकते। 


इसके लिए कुछ खास नियम होते हैं, और आपको सरकार से अनुमति लेनी होती है। इसलिए, अगर आप कृषि भूमि (Conversion of land from agricultural to non agricultural) पर घर बनाने का सोच रहे हैं, तो पहले संबंधित अधिकारियों से मंजूरी लेना जरूरी है। नहीं तो आपका मकान ध्वस्त हो सकता है और उसके निर्माण में लगी पूंजी बेकार जा सकती है।
 

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इसे माना जाता है खेती भूमि

 

खेती भूमि वह जमीन होती है जिसका उपयोग फसल उगाने के लिए किया जाता है। इसमें वे सभी जमीनें शामिल हैं, जहां साल दर साल फसलें उगाई जाती हैं। इसके अलावा, कृषि भूमि को ऐसे क्षेत्रों के रूप में भी माना जाता है जो स्थायी चरागाहों, खेती और अन्य कृषि गतिविधियों के लिए उपयुक्त होती हैं। 
इस भूमि का मुख्य उद्देश्य कृषि कार्यों व पशुपालन के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे किसान अपनी जरूरत की फसलें उगा सकें और मुनाफा कमाते हुए अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें।
 

 

इन बातों का भी रखें ध्यान 

 

कृषि भूमि पर घर, फैक्ट्री या उद्योग बनाने की अनुमति नहीं होती है, ऐसा कानून का प्रावधान है। अगर आप इस पर घर  या फैक्ट्री बनाते हैं ताे आप पर कार्रवाई की जा सकती है। यदि आप इस तरह का निर्माण करना चाहते हैं, तो सबसे पहले उस भूमि को गैर-कृषि भूमि में बदलवाना होता है। तभी आप खेत में मकान बना  सकते हैं। यह जरूरी है कि आप संपत्ति खरीदने से पहले यह जांच लें कि जिस जमीन पर निर्माण हो रहा है, वह कृषि भूमि (agriculture land) से बदली हुई है या नहीं।
 यदि जमीन पहले कृषि कार्य के लिए दी गई थी या उपयोग में लाई जा रही थी, तो उसे गैर-कृषि उपयोग के लिए बदलवाना जरूरी होता है। यह प्रक्रिया कानून के अनुसार होती है ताकि भूमि का उपयोग सही तरीके से किया जा सके।
 

ऐसे बदल सकते हैं खेती की जमीन को रेजिडेंसियल में

 

भारत में कृषि भूमि को गैर-कृषि भूमि में बदलने की प्रक्रिया हर राज्य में अलग हो सकती है, क्योंकि कृषि से जुड़ा मामला राज्य सरकारों के अधीन होता है। इस प्रक्रिया को शुरू करने के  आपको एक आवेदन पत्र भरकर भू राजस्व विभाग के अधिकारी को भेजना होता है, जिसमें आप यह बताएंगे कि भूमि का रूपांतरण (conversion of agricultural land) क्यों जरूरी है। जब कृषि भूमि का उपयोग (use of agricultural land) बदलने की अनुमति मिल जाती है, तो इसके लिए एक निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होता है, जो संपत्ति के प्रकार और उसकी स्थिति पर निर्भर करता है।
 

देनी पड़ेगी यह जानकारी


खेत की भूमि को गैर-कृषि भूमि में बदलने के लिए आवेदन करते समय आपको जमीन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी देनी होती है, जैसे कि उसका आकार, सीमाएं, मिट्टी की स्थिति और फसलों का प्रकार। इसके अलावा, पहले और वर्तमान मालिकों के नाम  भी साफ तौर पर बताए जाने चाहिए। सभी लंबित बकाया राशि का भुगतान करना जरूरी है, और इसका प्रमाण भी आवेदन में शामिल किया जाना चाहिए। 
उपायुक्त या कलेक्टर केवल तब अनुमति देंगे जब उन्हें यह सुनिश्चित हो जाएगा कि सभी आवश्यक शर्तें (House Construction Rules in farm) पूरी की गई हैं और जमीन अब कानूनन पाक साफ है और भूमि मालिक व भूमि को लेकर कुछ बकाया आदि नहीं है।