House Construction : खेती की जमीन पर घर बना सकते हैं या नहीं, निर्माण शुरू करने से पहले जान लें नियम
House Construction : आप खेत में मकान बनाने की सोच रहे हैं या ऐसी ज़मीन खरीदने की? तो जरा रुकिए. कृषि भूमि पर बिना इजाज़त मकान बनाना आपको भारी पड़ सकता है. दरअसल, खेतिहर जमीन से जुड़ा एक नियम है. जिससे जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी है-

HR Breaking News, Digital Desk- आप खेत में मकान बनाने की सोच रहे हैं या ऐसी ज़मीन खरीदने की? तो जरा रुकिए. कृषि भूमि पर बिना इजाज़त मकान बनाना आपको भारी पड़ सकता है और आपका मकान तोड़ा भी जा सकता है. दरअसल, खेतिहर जमीन से जुड़ा एक नियम है जो आपको बिना जरूरी प्रोसेस के कृषि भूमि पर मकान बनाने की इजाजत नहीं देता है.
इसके अलावा कुछ लोग खेतिहर जमीन पर प्लॉट बनाकर बेच देते हैं. ऐसी जमीन खरीदने पर भी आपका पैसा डूब सकता है. लिहाजा दोनों ही हालात में पैसे गंवाने से पहले इससे जुड़े नियम को समझ लेना ही बेहतर होगा.
दरअसल, खेती की जमीन पर उसका मालिक भी बिना परमिशन के घर नहीं बना सकता है. ऐसे में कहीं घर बनवाने के बाद आपको उसे गिराना नहीं पड़े, इसलिए आपको इससे जुड़े नियमों को जानना लेना चाहिए.
क्या होती है खेती योग्य जमीन?
खेती योग्य भूमि वह ज़मीन है जहां फ़सलें उगाई जाती हैं, जिसमें स्थायी चारागाह और कृषि कार्य (Permanent pastures and agricultural work) वाली जगहें भी शामिल हैं. किसान हर साल इस पर फ़सल उगाते हैं. हालांकि, इस ज़मीन पर मालिकाना हक़ होने के बावजूद, आप बिना सरकारी अनुमति के घर नहीं बना सकते.
खेती की जमीन पर घर बनवाने के लिए क्या करें?
खेती की ज़मीन पर घर बनाने के लिए पहले कन्वर्जन कराना ज़रूरी है, जिसके तहत कृषि भूमि को आवासीय भूमि में बदला जाता है. यह नियम कुछ ही राज्यों में लागू है. कन्वर्जन के लिए आपको शुल्क का भुगतान करना होता है और साथ ही म्यूनिसिपल काउंसिल (Municipal Council) या ग्राम पंचायत से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेना भी अनिवार्य है. इन औपचारिकताओं के बाद ही आप अपनी खेती की ज़मीन पर घर का निर्माण कर सकते हैं.
कैसे होता है जमीन का कनवर्जन?
खेती योग्य भूमि को आवासीय बनाने के लिए आपको कनवर्जन (conversion) कराना होगा. इसके लिए पहचान पत्र, फसलों का रिकॉर्ड, किरायादारी, और मालिकाना हक (ownership rights) जैसे दस्तावेज ज़रूरी हैं. साथ ही, लैंड यूटिलाइजेशन प्लान (land utilization plan), सर्वे मैप (map), और लैंड रेवेन्यू की रसीद भी देनी होगी. सुनिश्चित करें कि उस जमीन पर कोई बकाया राशि या मुकदमा न हो.