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PF खाताधारकों को कितने साल की नौकरी पर मिलेगी पेंशन, जानिए EPFO के नियम

EPFO - प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों की सैलरी का एक हिस्सा प्रॉविडेंट फंड (PF) के लिए कटता है। यह राशि हर महीने उनके PF खाते में जमा होती है। लेकिन, पेंशन के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं, जिनके आधार पर व्यक्ति पेंशन के हकदार बनता है...ऐसे में आइए नीचे खबर में जान लेते है उन्हीं शर्तों के बारे में-

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PF खाताधारकों को कितने साल की नौकरी पर मिलेगी पेंशन, जानिए EPFO के नियम

HR Breaking News, Digital Desk- (PF) प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत लगभग हर व्यक्ति अपनी कमाई में से कुछ न कुछ बचत करता है और उसे ऐसे वित्तीय साधनों में निवेश करता है, जो उच्च रिटर्न प्रदान करें। इस दृष्टि से पीएफ (प्रोविडेंट फंड) खाता एक उत्कृष्ट विकल्प है।

यह व्यक्ति की भविष्य में आर्थिक समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है और रिटायरमेंट (retirment) के समय पेंशन की चिंता को कम करता है। पीएफ खाता धारकों को ईपीएस-95 के तहत पेंशन का लाभ मिलता है, हालांकि इसके लिए कुछ निश्चित शर्तें हैं, जिन्हें खाताधारक को मानना आवश्यक है।

क्या है EPS?

PF अकॉउंट होल्डर्स का यह जान लेना जरूरी है कि आखिर EPS क्‍या होता है? अक्‍सर लोग EPS को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं। बता दें कि यह एक पेंशन स्‍कीम है, जिसे ईपीएफओ (EPFO) की ओर से मैनेज किया जाता है। इस स्‍कीम के तहत मौजूदा और नए ईपीएफ मेम्‍बर्स शामिल होते हैं। इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए केवल एकमात्र शर्त है, जिसे कर्मचारी को पूरा करना जरूरी होता है। ईपीएफओ के नियमों (EPFO Rules) के मुताबिक कोई भी कर्मचारी 10 साल नौकरी करने के बाद पेंशन पाने का हकदार हो जाता है।

EPFO करता है मैनेज-

कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) को ईपीएफओ (EPFO) ने 19 नवंबर, 1995 को शुरू किया था, जो कि संगठित क्षेत्र में कर्मचारियों के रिटायरमेंट की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से एक सामाजिक सुरक्षा कि पहल है। इसे EPFO द्वारा मैनेज किया जाता है और यह योजना 58 वर्ष की आयु तक पहुंचने वाले पात्र कर्मचारियों को पेंशन (employees pension) लाभ की गारंटी देती है। नियमों को देखें तो 9 साल 6 महीने की सर्विस को भी 10 साल के बराबर काउंट किया जाता है। अगर नौकरी का वक्त साढ़े 9 साल से कम है, तो फिर उसे 9 साल ही गिना जाएगा, ऐसी स्थिति में कर्मचारी Pension Account में जमा राशि को रिटायरमेंट की उम्र से पहले भी निकाल सकते हैं लेकिन वे पेंशन के हकदार नहीं होते हैं।

PF की कैलकुलेशन-

प्राइवेट सेक्टर (private sector) में काम करने वाले लोगों की सैलरी का एक बड़ा हिस्सा PF के तौर पर कटता है, जो हर महीने कर्मचारी के PF अकाउंट में डिपॉजिट हो जाता है। अगर आप 10 साल तक प्राइवेट नौकरी भी कर लेते हैं तो पेंशन लेने के हकदार हो जाते हैं। नियम के मुताबिक, कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12 प्रतिशत हिस्‍सा हर महीने PF अकाउंट में जमा होता है। जिसमें से कर्मचारी का पूरा हिस्सा EPF में जाता है, जबकि नियोक्ता का 8.33% हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है और 3.67% हर महीने EPF में जाता है।

10 साल से कम टेन्योर पर सवाल-

बताया गया कि 10 साल की नौकरी करने के बाद ही पेंशन पक्की हो जाती है, तो अब सवाल उठता है कि अगर कर्मचारी ने 5-5 साल के लिए दो अलग-अलग संस्थानों में काम किया है, तो फिर क्या होगा? या दोनों नौकरी के बीच दो साल का गैप था, तो क्या वो कर्मचारी पेंशन (employees pension) का हकदार होगा या नहीं? नियम देखें तो जॉब में गैप के बावजूद पूरी नौकरी को जोड़कर 10 साल का टेन्‍योर पूरा करने पर भी पेंशन (Pension) का लाभ मिलता है। यहां जरूरी है कि हर नौकरी में कर्मचारी अपना UAN नंबर न बदलें, पुराना UAN नंबर ही जारी रखना होगा। यानी कुल 10 साल का टेन्योर सिंगल UAN पर पूरा होना चाहिए। क्योंकि अगर नौकरी बदलने से बाद भी UAN एक ही रहता है और पीएफ खाते (PF Account) में जमा पूरा पैसा उसी UAN में दिखेगा।

UAN नंबर क्या है?

यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) 12 अंकों का एक स्थायी पहचान संख्या है, जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा प्रत्येक सदस्य को प्रदान की जाती है। यह नंबर कर्मचारी के पूरे Berufsleben में अपरिवर्तित रहता है, चाहे वह कितनी भी नौकरियां बदले। यूएएन के अंतर्गत कई सदस्य आईडी (ID) हो सकती हैं, लेकिन सभी आईडी एक ही UAN से जुड़ी होती हैं, जिससे कर्मचारियों को अपने पीएफ खाते (pf account) का प्रबंधन करना आसान हो जाता है।

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