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क्रेडिट कार्ड के लिए कितना CIBIL Score जरूरी, बैंक जाने से पहले जान लें ये बात

Credit card rule : आज के समय में बढ़ती जरूरतों की वजह से लोगों को क्रेडिट कार्ड की जरूरत पड़ जाती है। क्रेडिट कार्ड की मदद से आप इंस्टेंटली अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। क्रेडिट कार्ड (Credit cards) के लिए सिबिल स्कोर काफी ज्यादा जरूरी है। अगर आप क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने के बारे में सोच रहे हैं तो बैंक जाने से पहले आपको कुछ बातों को जान लेना चाहिए। 

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क्रेडिट कार्ड के लिए कितना CIBIL Score जरूरी, बैंक जाने से पहले जान लें ये बात

HR Breaking News :  (Credit card eligibility) जब भी आप बैंक में क्रेडिट कार्ड या लोन लेने के लिए जाते हैं तो बैंक पहली मिनट में ही आपके सिबिल स्कोर को चेक करता है। क्रेडिट कार्ड देने के लिए भी बैंक आपके सिबिल (CIBIL score) स्कोर को जरूर जानना चाहेगा। सिबिल स्कोर की मदद से ही बैंक आपको इस तरह की वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराता है। अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो कोई भी बैंक आपको काफी आसानी से लोन उपलब्ध करा देता है। क्रेडिट कार्ड के लिए भी सिबिल स्कोर की ही जरूरत होती है। 

जानिये क्या होता है सिबिल स्कोर-


सिबिल स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है। सिबिल स्कोर (range of CIBIL score) की रेंज 300 से लेकर 900 अंकों तक की होती है। यह आपके लोन लेने की योग्यता उपलब्ध कराती है। इसके अलावा आपके पुराने लोन, क्रेडिट कार्ड के बिल आदि के आधार पर ही इस संख्या को तय किया जाता है। अगर आप अपने सारे कर्जों (debt effect on CIBIL score) और कार्ड बिल का समय पर भुगतान करते रहते हैं तो ऐसी परिस्थिति में आपका सिबिल स्कोर और भी ज्यादा बेहतर हो जाता है। जबकि अगर आप लोन का डिफॉल्ट करते हैं तो ऐसे में आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है।

इतना सिबिल स्कोर होने पर मिल जाएगा क्रेडिट कार्ड-


अगर आपका सिबिल स्कोर 300-500 के बीच में है तो इसे खराब (bad range of CIBIL score) की श्रेणी में गिना जाता है। वहीं अगर आपका सिबिल स्कोर 500 से लेकर 650 के बीच है तो इसे एवरेज सिबिल माना जाता है। अगर आपका सिबिल स्कोर 650-750 के बीच होता है तो इसे एक बेहतरीन सिबिल स्कोर माना जाता है। अगर आपका स्कोर (good CIBIL score) 750-900 के बीच है, तो यह एक्सिलेंट स्कोर होता है। जिसका भी स्कोर 750 से अधिक होता है, उसे लोन मिलने या क्रेडिट कार्ड मिलने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है। यानी अगर आपका सिबिल स्कोर (CIBIL score above 750) 750 से ज्यादा है तो इस परिस्थिति में आपको क्रेडिट कार्ड काफी आसानी से मिल जाता है।


अच्छा सिबिल स्कोर होने के लाभ-


अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो इसकी वजह से आपको कई तरह के लाभ हो सकते है। जब भी कोई बैंक आपको लोन देता हैं तो इसके लिए सबसे पहले वो सिबिल स्कोर (benefits of having good CIBIL score) को ही चेक करता है। ऐसे में अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा हैं तो आपको काफी सस्ते में लोन मिल जाता है। यहां तक कि आपको कई बार प्री-अप्रूव्ड लोन भी ऑफर कर दिया जाता है यानी आपको इंस्टेंट लोन (how to take instant loan) यानी चंद मिनटों में खाते में पैसे आने की सुविधा भी दी जा सकती है।

खराब सिबिल स्कोर से ये होंगे नुकसान -


खराब सिबिल स्कोर होने पर लोन मिलने में दिक्कत पेश आती है।  सिबिल स्कोर खराब (effects of bad cibil score) होता है तो किसी भी बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक या एनबीएफसी (NBFC) या तो लोन ही नहीं देंगे या फिर महंगी ब्याज दरें लगेंगी। इतना ही नहीं सिबिल स्कोर खराब होने पर कई बार इंश्योरेंस कंपनियां भी अधिक प्रीमियम वसूले जाने की बात कहती हैं।  हो सकता है कि कंपनी इंश्योरेंस देने से भी मना कर दे। इसके अलावा खराब सिबिल स्कोर (cibil score kaise sudhare) पर होम लोन व कार लोन सहित अन्य लोन मिलने में भी आपको परेशानी होगी। 


समय पर नहीं मिल पाता लोन-


सिबिल स्कोर खराब होने पर लोन मिलने में भी देरी हो सकती है, क्योंकि खराब सिबिल स्कोर होने पर अधिक कागजातों की जांच लंबे समय तक चलती है और लोन की प्रक्रिया में ही इतना समय बीत जाता है कि आपको जरूरत के समय पैसा नहीं मिल पाता। इसके अलावा बिजनेस के लिए प्रॉपर्टी लीज पर लेने में खराब सिबिल स्कोर  आड़े आता है। इस स्थिति में लोन के लिए आपको कुछ न कुछ गिरवी रखना पड़ सकता है।

इस वजह से खराब हो जाता है सिबिल स्कोर-


Cibil Score की मदद से कोई भी बैंक (latest bank update) इस बात की जांच करता है कि आपको लोन उपलब्ध हो सकता है या नहीं। हर बैंक लोन देने से पहले सिबिल स्कोर की जांच जरूर करता है। इसकी वजह से बैंक ये समझ पाता है कि आप लोन (loan repayment rule) को समय पर चुका पाएंगे या फिर नहीं। कई बार तो कुछ गलतियों की वजह से भी आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है। आइए जानते हैं इस बारे में।

किस्तों का समय पर भुगतान न करने पर-


अगर आपके नाम पर पहले से ही कोई लोन चल रहा है और आप उस लोन की कोई भी किस्त को मिस कर देते हैं तो इसका सीधा प्रभाव आपके सिबिल स्कोर पर ही पड़ता है। कई बार तो इसकी वजह से आपका सिबिल स्कोर भी घट जाता है। अगर आप ज्यादा ईएमआई का भुगतान नहीं करते हें या फिर लोन का डिफॉल्ट कर देते हैं तो इसकी वजह से भी आपका सिबिल स्कोर खराब (how to improve cibil score) हो जाता है।

इस वजह से भी बिगड़ सकता है सिबिल स्कोर - 


अगर आपने कोई बड़ा लोन को लिया हुआ है तो इसकी वजह से भी आपके सिबिल स्कोर पर प्रभाव (loan effects on CIBIL score) पड़ जाता है। इसकी वजह से ये दिखता है कि आपके ऊपर पहले से ही बहुत सारा कर्ज है, जिसे चुकाना फिलहाल बाकी है। ऐसे में अगर बैंक आपको और कर्ज दे देता है तो शायद आप इस कर्ज का भुगतान न कर पाएं। आमतौर पर ऐसा होम लोन लेने के बाद ही होता है। 


कई बार लोन का आवेदन करने से-


अगर एक ही शख्स कई बार लोन के लिए आवेदन करता है और अलग-अलग बैंकों में लोन (best bank for loan) के लिए अप्लाई करता है, इसके बाद जिस बैंक में उसे कम ब्याज दर पर लोन मिलता है, वहां से वो कर्ज को लेता है तो ऐसे में आपको ध्यान देना चाहिए कि अगर आपने कई बैंकों में लोन (CIBIL score for loan) के लिए आवेदन किया हुआ है तो हर बैंक की ओर से आपके सिबिल स्कोर को चेक किया जाएगा और ये हार्ड इन्क्वायरी के तहत होता है। जानकारी के लिए बता दें कि जब भी कोई बैंक या फिर NBFCs आपके क्रेडिट स्कोर को चेक करता है तो इसे हार्ड इन्क्वायरी (what is Hard Inquiry) कहा जाता है। वहीं जब आप खुद से ऑनलाइन तरीके से सिबिल स्कोर को चेक करते हैं तो इसे सॉफ्ट इन्क्वायरी कहा जाता है। हार्ड इन्क्वायरी की वजह से आपका सिबिल स्कोर घटने लगता है।

लिमिट से ज्यादा क्रेडिट कार्ड का यूज-


अगर आप क्रेडिट कार्ड (Credit cards rules) की मदद से कोई बड़ी खरीदारी को करते हैं तो इसका प्रभाव आपके सिबिल स्कोर पर भी पड़ता है। इसकी वजह से आपका क्रेडिट कार्ड का यूटिलाइजेशन रेश्यो (Utilization Ratio) बढ़ जाता है, जोकि आपके सिबिल स्कोर को घटाता है। आपको अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट (Credit cards limit) का 30 फीसदी से कम अमाउंट की शॉपिंग में लगाना चाहिए। वरना आपका सिबिल स्कोर खराब हो सकता है।  

क्रेडिट कार्ड के आवेदन से भी पड़ता है प्रभाव-


अगर आप कई बार क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन (Credit card apply) करते हैं तो इसका सीधा प्रभाव आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है। यह ठीक वैसा ही है, जैसे आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं और आपका सिबिल प्रभावित होने लग जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बैंक आपके कार्ड देने से पहले सिबिल स्कोर की हार्ड इन्क्वायरी (Hard Inquiry in cibil score) करता है। इसकी वजह से सिबिल घटने लग जाता है। ये पूरी तरह से अस्थाई होता है और कुछ समय में ही सिबिल फिर से ठीक होने लग जाता है।

क्रेडिट कार्ड बंद करने की वजह से असर-


अगर आप किसी क्रेडिट कार्ड को बंद करते हैं तो इसकी वजह से भी आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score) प्रभावित होने लग जाता है। जब कोई क्रेडिट कार्ड बंद होता है तो इसकी वजह से आपके कार्ड की पूरी लिमिट (loan ki limit) घट जाती है, इसकी वजह से आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बढ़ जाता है। इस रेश्यो (credit ratio kya h) की वजह से सिबिल स्कोर पर उल्टा असर पड़ने लग जाता है और सिबिल स्कोर कम हो जाता है। 


समय से पहले लोन का भुगतान करने पर-


अगर आप किसी भी लोन का समय से पहले भु्गतान (loan prepayment rules) करते हैं तो इसकी वजह से आपका लोन समय से पहले बंद हो जाता है और इसका प्रभाव सिबिल स्कोर पर भी पड़ता है। बैंक की ओर से आपको दो तरह के लोन दिये जाते हैं। इसमें से पहला सिक्योर्ड लोन होता है और दूसरा अनसिक्योर्ड लोन (what is Unsecured Loan) होता है। अगर आप सिक्योर्ड लोन लेते हैं और उसे समय से पहले बंद कराते हैं तो उससे आपका सिबिल थोड़ा घट सकता है। हालांकि, यह अस्थाई होता है और कुछ ही समय में वह फिर ठीक हो जाता है।

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