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Sona और कितना होगा महंगा, आ गई बड़ी रिपोर्ट

Gold silver price : लगातार बढ़ रही सोने की कीमतों की वजह से अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में भी सोने की कीमतों में उछाल (Gold silver price Hike) का दौर बरकरार रहने वाला है। हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि आने वाले दिनों में सोना कितना और महंगा होगा। आइए जानते हैं इस बारे में।

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Sona और कितना होगा महंगा, आ गई बड़ी रिपोर्ट

HR Breaking News (Gold Price Update) सोने की कीमतों में आए दिन उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिल जाता है। पिछले काफी समय की बात करें तो इस दौरान सोने की कीमतों (Gold Price on Diwali) में तेजी का सिलसिला जारी है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमत में और भी तेजी देखने को मिलेगी। इसको लेकर एक रिपोर्ट भी सामने आई है। खबर में जानिए इस बारे में।


फिलहाल इस रेट मिल रहा है सोना 

सोने के एक्सपर्ट्स ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर मौजूदा रुझान जारी रहता है तो सोने और चांदी की कीमतों में तगड़ा उछाल दर्ज किया जा सकता है। एक्सपर्ट्स ने बताया कि अब सोने ने 4,000 डॉलर (Gold Price in Dollar) प्रति औंस पार कर लिया है। इसके अलावा चांदी की कीमत साल की शुरुआत से अब तक 60 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुकी है। यह पिछले कुछ दशक की सबसे तेज रैलियों में शमिल है।

MCX पर सोने का भाव 

भारत में MCX पर सोने की कीमत (Gold Price on MCX) फिलहाल 1,26,650 रुपये प्रति 10 ग्राम पर जा पहुंची है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड की स्पॉट प्राइस 4,241 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है।


सोने और चांदी की कीमत को लेकर एक्सपर्ट्स का ये है मानना 

बता दें कि शॉर्ट टर्म में सोने की कीमत में थोड़ी गिरावट आ सकती है। हालांकि लॉन्ग टर्म के हिसाब से रुझान मजबूत होता नजर आ रहा है। इसको लेकर बताया गया है कि सोने और चांदी की कीमतों (Silver Price Today) में थोड़ी गिरावट दर्ज की जा सकती है। हालांकि सोना और चांदी सेंट्रल बैंक की खरीद, ETF इनफ्लो और एशिया की मजबूत मांग से सपोर्टेड रहने वाला है।


इस वजह से सोने की कीमत में आया उछाल

 

इस बार की रैली पिछले बुल रन से अलग रहने वाली है। जोकि अक्सर पश्चिमी संकटों से चलती आ रही थी। एशिया इस बार वैश्विक बुलियन (Gold Price) मांग का केंद्र बन गया है। वहीं चीन, भारत, तुर्की और मध्य पूर्व के देश इसे सेफ-हेवन और रिजर्व के तौर पर खरीद कर सकते हैं। 


इतने सोने चांदी का हुआ आयात 

जनवरी से सितंबर 2025 के बीच सेंट्रल बैंकों ने 600 टन सोने की खरीदी कर ली है। हालांकि गोल्ड ETF में 450 टन का इनफ्लो हुआ है, जोकि 2020 के बाद सबसे मजबूत स्तर (Gold Price Hike) पर बनाता नजर आ रहा है। भारत ने इसी अवधि में 300 टन सोना और 3,000 टन चांदी का आयात कर दिया है। इसके अलावा सेंट्रल बैंक की रणनीति बुलियन मार्केट (Bullion Market) को नया रूप देती दिख रही है। लंबे समय से हो रही मांग की वजह से सोना मजबूत हो रहा है।


सोने-चांदी की कीमत में उछाल का कारण 

सोने और चांदी की कीमतों में तेजी आने के पीछे कई वजह बताई जा रही है। आइए जानते है इसके पीछे के अहम कारण :

-डॉलर इंडेक्स 100 से भी नीचे आ गया है। रुपये के कमजोर (Gold Price in Dollar) होने की वजह से सोना-चांदी की कीमत भारत में ज्यादा बढ़ी है।
-अमेरिका में फेडरल रिजर्व की संभावित दर कटौती और कमजोर रोजगार डेटा ने गोल्ड-सिल्वर को सहयोग कर दिया है। 
-जापान में राजनीतिक अनिश्चितता और चीन की सोने में वैश्विक भूमिका निभाने की तैयारी की वजह से कीमतों को समर्थन देता नजर आ रहा है।
-निवेशक बॉन्ड और जोखिम भरे एसेट (Gold Investment) से पैसा निकालकर सोना और चांदी में निवेश कर रहे हैं, इसकी वजह से तेजी और मजबूत हो गई है।
-भूराजनीतिक तनाव ने हमेशा की तरह गोल्ड और सिल्वर की डिमांड और प्राइस को बढ़ावा दिया है।


डिमांड-सप्लाई की ये है स्थिति 

सोने की सप्लाई में गिरावट दर्ज की जा रही है क्योंकि खनिज ग्रेड (Gold Price) कम हो रहे हैं और उत्पादन लागत बढ़ती दिख रही है। इसके साथ ही, पर्यावरण नियम सख्त हो गए हैं। रीसाइक्लिंग की रफ्तार में भी कमजोरी आ रही है।


वहीं दूसरी ओर, चांदी की मांग सोलर, इलेक्ट्रिक व्हीकल और AI जैसी इंडस्ट्रीज में लगातार बढ़ती नजर आ रही है। यह लगातार पांचवें साल ग्लोबल (Gold Price in Global Market) सप्लाई डेफिसिट में रहा है। गोल्ड-सिल्वर रेशियो साल की शुरुआत में 110 के करीब था, वह अब 81-82 तक आ पहुंचा है। यह इंडस्ट्रियल खरीद में मजबूती को दर्शता है।


दिवाली से पहले बाजार में मिली मजबूती

 

भारत में घरेलू मांग उच्च कीमतों के बावजूद मजबूत बनती नजर आ रही है। पिछले दस सालों में दिवाली सीजन में सात बार सोने की कीमत (Sone ki Kemat) में तेजी आई है और त्योहार से पहले की बढ़ोतरी अक्सर त्योहार के बाद की तुलना में ज्यादा रहती है।


सांस्कृतिक भावना और निवेशक उत्साह ने बाजार को सपोर्ट कर है। एक्सपर्ट का मानना है कि ऊंची कीमतों (Gold Price Hike) होने के बावजूद त्योहारी सीजन में गोल्ड और सिल्वर की मजबूत डिमांड बरकरार रहने वाली है।