SBI, PNB, HDFC और ICICI बैंक ग्राहकों के लिए जरूरी अपडेट, जानिये बैंक अकाउंट में कितना रखना होगा मिनिमम बैलेंस
HR Breaking News (ब्यूरो)। सेविंग खाते (savings accounts) चालू रखने के लिए हर खाताधारक को कम से कम कुछ राशि अपने खाते में रखनी होती है, जिसे आमतौर पर एवरेज मंथली बैलेंस (AMB) या न्यूनतम शेष राशि कहा जाता है। इस सीमा से नीचे अकाउंट बैलेंस होने पर आप पर बैंक की ओर से पेनल्टी (Penalty from bank) लगाई जाती है। यह हर बैंक और क्षेत्र के हिसाब से अलग- अलग होती है।
आज हम अपनी इस रिपोर्ट में देश के चार बड़े बैकों की न्यूनतम शेष राशि (minimum balance of banks) के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे इस सीमा के पास आपका अकाउंट बैलेंस आने पर आप सतर्क हो जाए। आइए जानते हैं।
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI bank)
आईसीआईसीआई बैंक में मेट्रो और शहरी क्षेत्र के ग्राहकों को औसत न्यूनतम बैलेंस 10,000 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों के ग्राहकों को 5,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों को 2,000 रुपये का औसत न्यूनतम बैलेंस रखना होता है।
एचडीएफसी बैंक (HDFC bank)
निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक के शहरी खाता धारकों को अपने सेविंग अकाउंट में न्यूनतम 10,000 रुपये का औसत बैलेंस रखना जरूरी है। वहीं, अर्ध-शहरी इलाकों और ग्रामीण इलाकों के लिए न्यूनतम बैलेंस की सीमा 5,000 रुपये और 2,500 रुपये निर्धारित की गई है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI bank)
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने न्यूनतम बैलेंस की सीमा को मार्च 2020 में समाप्त कर दिया था। इससे पहले शहरी क्षेत्र के ग्राहकों को 3,000 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्र के ग्राहकों को 2,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों को 1,000 रुपये का न्यूनतम बैलेंस रखना होता था।
पंजाब नेशनल बैंक(PNB Bank)
पंजाब नेशनल बैंक में मेट्रो और शहरी क्षेत्र के ग्राहकों को औसत न्यूनतम बैलेंस 2,000 रुपये रखना होता है। वहीं, अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए ये सीमा 1,000 रुपये और ग्रामीण इलाकों के लिए 500 रुपये निर्धारित की गई है।
बैंक क्यों रखती है न्यूनतम बैलेंस की सीमा
बैंकों की ओर से न्यूनतम बैलेंस रखने का सबसे बड़ा कारण बैंकिंग परिचालन में आने वाली लागत है। अगर ग्राहक न्यूनतम बैलेंस नहीं रखेंगे, तो बैंक को इससे नुकसान होता है।