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Income Tax की उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में बड़ी कार्रवाई, मच गया हड़कंप

Income Tax - एक बार फिर से देश में पड़े बड़े छापों की चर्चा शुरू हो गई है. एक रेड ऐसी भी रही जब एक ही शख्स के अलग-अलग ठिकानों पर आयकर विभाग ने 90 से अधिक छापे मारे थे. छापेमारी की कहानियां में कानपुर की एक वो रेड चर्चा भी में है जहां 250 करोड़ से अधिक की नगदी बरामद की गई-

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Income Tax की उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में बड़ी कार्रवाई, मच गया हड़कंप

HR Breaking News, Digital Desk- (Income tax) अजय देवगन की फिल्म 'रेड-2' बड़े पर्दे पर रिलीज होने के बाद ही आयकर विभाग के ऐतिहासिक छापों की कहानियां एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं. यह फिल्म, जो कि 2018 की हिट 'रेड' का सीक्वल है, 1 मई 2025 को रिलीज हुई है.

इस क्राइम थ्रिलर (crime thriller) ने अपनी ओपनिंग डे कलेक्शन से कई फिल्मों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था, जिसने न केवल बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई है बल्कि उन सच्ची घटनाओं को भी लोगों के ज़ेहन में ताज़ा कर दिया है जिनकी कहानियां सालों तक याद रखी जाती हैं.

इस फिल्म के साथ ही एक बार फिर से देश में पड़े बड़े छापों की चर्चा शुरू हो गई है. एक रेड ऐसी भी रही जब एक ही शख्स के अलग-अलग ठिकानों पर आयकर विभाग ने 90 से अधिक छापे मारे थे. छापेमारी की कहानियां में कानपुर की एक वो रेड चर्चा भी में है जहां 250 करोड़ से अधिक की नगदी बरामद की गई और उसे ले जाने के लिए ट्रक बुलाना पड़ा था. आइए जान लेते हैं ऐसी पांच बड़ी इनकम टैक्स रेड, जिसने पूरे देश को चौंका दिया था.

सरदार इंदर सिंह के 90 ठिकानों पर रेड-

यह साल 1981 की 16 जुलाई की बात है. जाने-माने बिजनेसमैन, पंजाब के पूर्व विधानसभा सदस्य (Former Member of the Punjab Legislative Assembly) और राज्यसभा सांसद सरदार इंदर सिंह के कानपुर स्थित ठिकानों पर एक साथ 90 से अधिक इनकम टैक्स ऑफिसर्स ने रेड डाली थी. इन ऑफिसर्स के साथ लगभग 200 पुलिस वाले भी थी. यह रेड तीन रात और दो दिन तक चली थी. इंदर सिंह दो बार कानपुर के मेयर भी रहे थे. इस रेड के दौरान भारी मात्रा में छिपाई गई संपत्ति और नकदी (assets and cash) का पता चला था, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा था. कानपुर स्थित तिलक नगर, लाजपत नगर और आर्यनगर स्थित सरदार इंदर सिंह के करीबियों के ठिकानों और पनकी व फजलगंज में स्थित सिंह इंजीनियरिंग वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड की फैक्टरियों पर भी छापेमारी की गई थी.

इन सबको सील कर दिया गया था. कानपुर, मसूरी और दिल्ली में स्थित लॉकर्स खओले गए थे. रेड के पहले ही दिन कानपुर में 92 लाख रुपये नकद मिले थे. इसके अलावा सोना, गहने और फिक्स्ड डिपॉजिट भी पाए गए थे. इस रेड का दायरा दिल्ली तक पहुंचा तो 72 हजार रुपये नकद, 1.1 लाख रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposit) की रसीद भी मिली थी. इसके साथ ही कुल 1.3 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे. अगले दो दिनों में 30 लाख रुपये कीमत की सोने की छड़ें बरामद की गई थीं. इन सबकी काउंटिंग में रिजर्व बैंक (reserve bank) की स्थानीय शाखा को तब 18 घँटे लगे थे. इस रेड को ही साल 2018 में आई अजय देवगन की फिल्म रेड में फिल्माया गया था. इस रेड से मिली रकम आज भले ही देखने में छोटी लगे पर अपने दौर में यह काफी बड़ी रकम थी और राजनीतिक गलियारों ही नहीं, पूरे देश में इसको लेकर हल्ला मच गया था.

धीरज साहू के यहां एकल कार्रवाई के दौरान सबसे बड़ी रिकवरी-

साल 2023 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income tax department) ने एक और बड़ी रेड डाली. यह रेड कांग्रेस के सांसद धीरज साहू के झारखंड और ओडिशा में स्थित ठिकानों पर डाली गई थी. 6 दिसंबर 2023 को शुरू हुई इस रेड से 351 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और करीब तीन किलो सोने के गहनों का पता चला था.

इस रेड के जरिए भारत में किसी भी जांच एजेंसी द्वारा किसी एक कार्रवाई के दौरान की गई सबसे बड़ी रिकवरी सामने आई थी. वास्तव में इस रेड की शुरुआत ओडिशा में एक डिस्टलरी से हुई थी, जिसका संबंध धीरज साहू से था.

इत्र कारोबारी के यहां मिले ट्रकों से ढोए गए थे-

कांग्रेस सांसद धीरज साहू के यहां रेड से पहले कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के किदवईनगर स्थित आवास पर दिसंबर 2021 में रेड डाली गई थी. बेहद लो प्रोफाइल रहने वाले पीयूष जैन का कारोबार वैसे तो कन्नौज में था पर वह कानपुर में रहता था. उसके यहां जैसे-जैसे कार्रवाई बढ़ती गई, अफसरों की आंखें भी चौंधियाने लगीं. देखते ही देखते जैन के आवास से 250 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद हुई थी, जबकि पीयूष जैन खुद एक पुराने स्कूटर से चलता था. इसके अलावा तमाम संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए थे. अफसरों को नकदी गिनने के लिए बड़ी संख्या में मशीनें मंगानी पड़ी थीं. बड़े-बड़े बक्सों में भर कर रुपये ट्रकों से ढोए गए थे.

पीयूष जैन के यहां 120 घंटे से भी अधिक समय तक रेड चली और इस दौरान जिन 16 संपत्तियों के दस्तावेजों का पता चला, उनमें से कई दुबई में स्थित थीं. इस रेड के बाद जांच आगे बढ़ी तो पीयूष जैन को टैक्स चोरी के आरोपों में सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था.

सहारा समूह पर रेड से मिले थे 135 करोड़-

दिल्ली और नोएडा में सहारा समूह के दफ्तरों पर आयकर विभाग की बड़ी छापेमारी की गई थी. इस कार्रवाई में 135 करोड़ रुपये नकद और 1 करोड़ रुपये मूल्य के गहने जब्त किए गए थे. यह रेड टैक्स चोरी के मामलों की जांच के दौरान डाली गई थी. इस रेड के बाद ही सहारा समूह की कानूनी लड़ाई शुरू हुई, जिसके परिणामस्वरूप समूह के मुखिया सुब्रत रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया था. यह देश की बड़ी रेड्स में से एक मानी जाती है.

बेंगलुरु से भारी मात्रा में मिले थे नए और बंद हो चुके नोट-

साल 2016 में बेंगलुरु में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दो इंजीनियरों और दो ठेकेदारों के ठिकानों पर हाई-प्रोफाइल छापेमारी की थी।इस ऑपरेशन में कुल ₹5.7 करोड़ बरामद हुए, जिसमें ₹4.8 करोड़ नए नोटों की शक्ल में थे। इसके साथ ही, लगभग ₹5 करोड़ मूल्य के 7 किलो सोना और 9 किलो गहने भी मिले। छापेमारी के दौरान पीडब्ल्यूडी इंजीनियर एससी जयचंद्र के घर से Porsche limousine और Lamborghini जैसी लग्जरी गाड़ियाँ भी जब्त की गईं, जो बड़े पैमाने पर अवैध संपत्ति का संकेत था।