Income Tax Calculation : 50 हजार कमाई वालों को कितना देना होगा टैक्स, टैक्सपेयर्स जान लें काम की बात
Income Tax :अपनी कमाई पर सभी को टैक्स भरना होता है। अधिकतर सैलरी पाने वाले लोगों को टैक्स जमा करना अनिवार्य होता है। अगर आप भी पहली बार आइटीआर (income tax return) फाइल करने वाले हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसे में कई लोग इस बात को लेकर कन्फयूज रहते हैं कि कितनी सैलरी पर कितना टैक्स (how to calculate income tax) लगेगा। टैक्सपेयर्स के मन में ये सवाल चलते रहते हैं कि कौन सी इनकम टैक्स छूट में आती है या फिर किस पर कितना टैक्स चुकाना होगा।
HR Breaking News - (Income tax rules)। अधिकतर नौकरीपेशा लोग ऐसे हैं जिन्हें अपनी इनकम पर लगने वाले टैक्स या टैक्स से छूट प्राप्त करने को लेकर पूरी जानकारी नहीं है। यही कारण है कि अधिकतर लोग अपनी आईटीआर (ITR)भी अन्य लोगों से दाखिल करवाने पर निर्भर होते हैं। आपके लिए सबसे पहले ये जान लेना जरूरी है कि कितनी इनकम टैक्स (Income Tax Calculation kaise kren) के दायरे में आती है और कितना टैक्स अदा करते हुए आप छूट प्राप्त कर सकते हैं। आइये जानते हैं इस सभी सवालों के जवाब इस खबर में।
टैक्स में छूट के लाभ के लिए जरूरी है यह जानना-
टैक्स में मिलने वाली छूट का लाभ (Benefit of tax exemption) लेने के लिए जरूरी है कि आप इसकी कैलकुलेशन को अच्छी तरह से जान व समझ लें। खासकर तब जब आप टैक्स पर छूट चाहते हों। क्योंकि अगर टैक्स छूट के लिए क्लेम (how to claim for tax exemption)नहीं किया तो रिफंड का इंतजार करना बेकार है। आपको बता दें कि अलग-अलग कैटेगरी के तहत लोगों को टैक्स भरना होता है। अगर टैक्स छूट का लाभ उठाना हो तो इसका कैलकुलेशन भी टैक्सपेयर्स को जानना जरूरी होता है।
इस तरह के सवाल बनते हैं समस्या-
आमतौर पर अधिकतर टैक्सपेयर्स की समस्या यही होती है कि कितनी इनकम पर कितना टैक्स (income tax department rules)लगेगा, कौन सी इनकम पर टैक्स में छूट मिलेगी और सालभर की आय पर कितना इनकम टैक्स अदा करना पड़ता है। दरअसल, भारत में अपनी कुल टैक्स योग्य इनकम (taxable income in India) के बारे में जानने के लिए कई स्टेप हैं, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए, ताकि आप सभी तरह के लाभ उठाने के लिए कम से कम अपनी टैक्सेबल इनकम (taxable income kitni hoti hai)के गणित को समझ सकें और ज्यादा से ज्यादा टैक्स कम कर सकें। इन नियमों को जानने के बाद आपकी कई समस्या कम होंगी और इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR kaise bhren) करने में भी आसानी होगी।
ग्रॉस सैलरी ऐसे करें कैलकुलेट-
टैक्स कैलकुलेट करने से पहले आपको सबसे पहले अपनी ग्रॉस इनकम (gross income rules) के बारे में जानना चाहिए। अगर आप एक साथ कई जगहों से आय कमा रहे हैं तो आपको सभी को कैलकुलेट करना चाहिए और ग्रॉस इनकम यानी सभी स्रोतों से होने वाली कुल आय जोड़ लेनी चाहिए। वहीं अगर कोई व्यक्ति नौकरीपेशा यानी एम्प्लाई है और वेतन लेता है तो उसके लिए आपकी बेसिक सैलरी, दूसरे लाभ व भत्ते, बोनस आदि जोड़कर ग्रॉस इनकम (gross salary kaise calculate kren) निकाल लेनी चाहिए।
टैक्स छूट का नियम-
किसी व्यक्ति की आय अगर हाउस रेंट अलाउंस (HRA), स्टैंडर्ड डिडक्शन और लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) से भी है तो इन पर टैक्स से छूट मिलती है, इसलिए ये आप भी ले रहे हैं तो अपनी ग्रोस सैलरी में इनको न जोड़ें। इसके बाद आप टैक्स (Tax exemption rules)में मिलने वाली छूट को भी काफी हद तक समझ सकेंगे।
कटौती यानी डिडक्शन का नियम-
टैक्स छूट वाली चीजों को चेक करके उन्हें ग्रोस सैलरी से हटाने के बाद आप और भी कई तरीके से राहत पा सकते हैं और अपनी टैक्सेबल इनकम (kitni income par tax lagta hai) को कम कर सकते हैं। इनमें टैक्स डिडक्शन (Tax Deduction) का तरीका है, पीएफ या इंश्योरेंस। इनके तहत आप अपने टैक्सेबल इनकम को कम कर सकते हैं। इसके तहत आयकर अधिनियम (income tax act)की अलग-अलग धाराओं के तहत कुछ कटौती पेश की जाती हैं। सैलरी पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए सबसे आम कटौती में जैसे अलग-अलग निवेशों के लिए धारा 80C, होम लोन और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए धारा 80D शामिल हैं।
इस आधार पर टैक्सेबल इनकम का करें पता-
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अगर आप इन सब चीजों का ब्योरा ठीक प्रकार से करते हैं तो उनको ग्रोस सैलरी में घटा लेने से आपको पता चल जाएगा कि आपकी कितनी इनकम पर टैक्स लगेगा। आप चाहें तो अपनी इनकम पर लागू कुल इनकम टैक्स की कैलकुलेशन (Income tax calculation rules)को अलग-अलग टैक्स स्लैब के आधार पर तय कर सकते हैं। इससे आप इस निर्णय पर पहुंच सकते हैं कि आपकी टैक्सेबल इनकम कितनी बची है यानी आपकी टैक्सेबल इनकम 10, 20, 30 हजार है या फिर 50 हजार रुपये है। इस समय पर लागू नियमों के अनुसार न्यू टैक्स रिजीम (New tax regime me tax ke niyam)के तहत 7 लाख तक की सालाना इनकम पर टैक्स की छूट है तथा ओल्ड टैक्स रिजीम (old tax regime me tax ke niyam) में इनकम टैक्स से छूट का दायरा 5 लाख रुपये तक की इनकम पर है।
रिफंड पाने का नियम-
अगर आपकी ग्रॉस सैलरी इनकम टैक्स के दायरे से बाहर होने के बावजूद टैक्स काट लिया जाए तो आप रिफंड पाने के हकदार होते हैं। आपका जो टैक्स कटा है वो आपको रिफंड (how to get tax refund) के रूप में मिल जाएगा। इसके लिए आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरके रिफंड के लिए क्लेम करना होगा। कुछ समय बाद इस पैसे को आप अपने खाते में चेक कर लें।