Income Tax Department : टैक्सपेयर्स हो जाएं सावधान, इस तरीके से बचा रहे हैं टैक्स तो आयकर विभाग लेगा एक्शन
Income Tax Department :आयकर विभाग देश में धन के लेन देन पर नजर रखता है। साथी ही तय सीमा के बाद की इनकम पर टैक्स वसूलने का काम भी करता है। कई लोग ज्यादा चलाक बनते हुए टैक्स को गलत तरीकों से बचाने का प्रयास करते हैं, जिनको आयकर विभाग (Income Tax Department) अपनी जांच के दौरान फेल कर देता है। आयकर विभाग ने कुछ स्पेशल प्रकार से बचाए गए टैक्स पर टैक्सपेयर्स पर एक्शन लेगा।

HR Breaking News (Income Tax Department) अगर आप आयकर विभाग की नजरों में धूल झोंक कर किसी खास तरीके से टैक्स बचाने का प्रयास कर रहे हैं तो आप परेशानी में घिर सकते हैं। आयकर विभाग (Income Tax Department) इन मामलों पर जांच के बाद एक्शन लेने वाला है। आयकर विभाग के कई मामले ऐसे भी हैं, जिनमें आयकर विभाग के साथ पूरी तरह से गलत तरीके से धोखा करने का प्रयास किया गया है।
इस प्रकार से ली गई छूट पड़ेगी महंगी
आयकर विभाग (Income Tax rules) की ओर से खेती के नाम पर गलत तरीके से इनकम टैक्स बचाने वालों पर एक्शन लिया जाना है। अगर आप भी इस गलत तरीके से टैक्स बचाते हैं तो आप पर भी कार्रवाई हो सकती है। आयकर विभाग के रडार पर वो लोग हैं जो खेती के नाम पर गलत तरीके से आयकर बचा रहा है। खेती की आय इनकम टैक्स और जीएसटी फ्री होती हैं।
कई राज्यों में मामले आए सामने
दशकों से खेती की आय (Income Tax on Farming) और जमीन बेचने के नाम पर टैक्स नहीं लगता है। परंतु, इसका इस्तेमाल ब्लैक मनी को सफेद करने और टैक्स बचाने के लिए कई टैक्सपेयर्श कर रहे हैं। ऐसे मामलों में इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) पूरे देश में छानबीन कर रहा है। देश के कई राज्यों में मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों और कंपनियों ने बिना जमीन के ही 50 लाख रुपये और उससे अधिक की आय को खेती की आय दिखा दिया है।
इन मामलों पर नजर रखे हैं आयकर विभाग
आयकर विभाग (Income Tax Department News) की ऐसे कई मामलों पर नजर है, जो 5 लाख रुपये प्रति एकड़ गलत तरीके से खेती की आय दिखा रहे हैं। आम तौर पर ऐसे आंकड़े मेल भी नहीं खा रहे हैं। एक एकड़ में पांच लाख की आमदनी करना संभव सा नहीं लगता और विभाग इस मामले की गहराई से जांच करेगा तो कई जगहों पर बवाल मच जाएगा। इसमें नेता लोग भी जांच में फंस सकते हैं।
ऐसे शुरू हुई इन मामलों की जांच
ऐसे मामलों की जांच जयपुर के कुछ मामलों के चलते शुरू की गई है। कुछ मामलों में लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) में 50 लाख रुपये से अधिक की खेती की कमाई दिखाई थी। इन मामलों को विभाग ने हाई-रिस्क केस की लिस्ट में रखा है। आम तौर पर चिन्हित इन मामलों में विभाग टैक्स भरने वालों के दावों की जांच कर रहा है। यह मामले 2020-21 के हैं।
सेटेलाइट से जांच की जाएगी
आयकर विभाग ने जिन मामलों की जांच की है उनमें, टैक्सपेयर्स (Income Tax Department) को साबित करना होगा कि उन्होंने अपनी जमीन खेती के लिए इस्तेमाल की है। ऐसे मामलों में सेटेलाइट के माध्यम से खेती की जमीन की जांच हो सकती है।
ये हैं खेती की आमदनी से बाहर
आयकर विभाग (Income Tax Department) के नियमों के तहत इसमें जमीन की प्लॉटिंग और बिक्री, शहर की जमीन बेचना, फार्म हाउस को किराए पर उठाना, मुर्गी फार्म और इसी प्रकार की अन्य गतिविधियां खेती की आमदनी में शामिल नहीं हैं। लोगों को इन जमीनों पर टैक्स देना होगा। खेती की आमदनी में फसल बेचने से होने वाली आय और जमीन का किराया शामिल हो सकता है। खेती की जमीन बेचने पर भी टैक्स नहीं लगता है।
ऐसे मामलों में लगेगा टैक्स
कैपिटल असेट के तौर पर खेती की जमीन गांव की भी हो सकती है और शहर की भी हो सकती है। गांव की जमीन पर कैपिटल गेन टैक्स (Income Tax Department) नहीं लगता है। वहीं, शहरी खेती की जमीन पर कैपिटल गेन टैक्स लगाया जाता है। किसानों के अलावा भी खेती की जमीन लोग खरीदते हैं। जो इनका प्रयोग अन्य कामों में करते हैं। इसके लिए जरूरी मंजूरियां और शुल्क भरना होता है।