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Income Tax : घर खरीदते वक्त बिल्कुल भी न करें ये गलती, वरना 100 प्रतिशत आएगा इनकम टैक्स का नोटिस

Income Tax : आपने संपत्ति की खरीद में 20,000 से अधिक की सीमा के भीतर नकद खर्च किया है, तो आयकर विभाग आपको सीधे नोटिस भेज सकता है.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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Income Tax : घर खरीदते वक्त बिल्कुल भी न करें ये गलती, वरना 100 प्रतिशत आएगा इनकम टैक्स का नोटिस

HR Breaking News (नई दिल्ली)।   अगर आप घर खरीदने जा रहे हैं, या भविष्य में खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपको रियल्टी सेक्टर के नियम के बारे में अच्छे से जान लेना चाहिए. क्योंकि आप घर खरीदने के लिए 20,000 से ज्यादा का कैश ट्रांजैक्शन नहीं कर सकते हैं. यदि आपने संपत्ति की खरीद में 20,000 से अधिक की सीमा के भीतर नकद खर्च किया है, तो आयकर विभाग आपको सीधे नोटिस भेज सकता है.


इतना ही नहीं, आईटी एक्ट की धारा 269टी के मुताबिक अगर संपत्ति का लेन-देन रद्द किया जाता है तो रकम लौटाने के बाद भी 20 हजार रुपए से ज्यादा होने पर लेनदेन चेक से करना होगा. यदि यहां भी पुनर्भुगतान नकद में किया जाता है, तो यहां भी आपसे राशि पर 100% जुर्माना लगाया जा सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे किसान जिन पर किसी अन्य आय पर टैक्स नहीं लगता है, अगर वे अपनी जमीन बेच रहे हैं, तो वे इस धारा के अंतर्गत नहीं आते हैं. दूसरा, अगर 30 लाख रुपए या उससे अधिक की अचल संपत्ति के लिए कोई लेन-देन हो रहा है, तो आपको इसकी सूचना आयकर अधिकारियों को देनी होगी. नहीं तो आपके पास आयकर विभाग का नोटिस आ सकता है.


 

नकद लेन-देन की सीमा


बता दें कि यदि आपने संपत्ति की खरीद में 20,000 रुपए से अधिक की सीमा के भीतर कैश में खर्च किया है, तो आयकर विभाग आपको सीधे नोटिस भेज सकता है. और काले धन पर अंकुश लगाने के लिए अचल संपत्तियों के सौदे में नकदी के इस्तेमाल पर अलग से आयकर नियम हैं.

टैक्स सेविंग स्कीम


अगर आप टैक्स में बचत का लाभ लेना चाहते हैं तो आप कभी भी स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम कैश में डिपॉजिट न करें. आयकर कानून के मुताबिक अगर बीमा की किस्त कैश में चुकाई जाती है तो आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत टैक्स छूट का फायदा नहीं मिलेगा. एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम हमेशा बैंक के जरिए ही जमा किया जाना चाहिए.

कैश पाने वाले पर लगेगा भारी जुर्माना


कई मामले ऐसे भी है जिसमें व्यक्ति कैश में भुगतान ले रहा होता है, तो उसकी जिम्मेदारी बनती है कि वह नकद में भुगतान प्राप्त न करें. ऐसी स्थिति में अगर किसी तरह का जुर्माना लगाया जाता है तो जुर्माना भरने की उसी की जिम्मेदारी होगी. कैश में पैसे न लेने की जिम्मेदारी पैसा पाने वाले की है क्योंकि नकद भुगतान करने वाला व्यक्ति मुकर भी सकता है. इसलिए आपको हमेशा बैंक के जरिए या फिर चेक के माध्यम से लेन-देन करना चाहिए.