Income Tax : भारत में इस जगह टैक्स नहीं लेती सरकार, जानिये क्या है कारण
Tax free state : टैक्स के नियमों में समय-समय पर कुछ न कुछ बदलाव होता रहता है, लेकिन भारत में एक जगह ऐसी है, जहां के लोगों को इन टैक्स नियमों (income tax rules) से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें कोई इनकम टैक्स नहीं चुकाना पड़ता, बेशक उनकी कमाई करोड़ों में ही क्यों न हो। यह अपने आप में एक बड़ा कारण है कि एक और जहां देश के करोड़ों लोग टैक्स (Income Tax News) भरते हैं और दूसरी ओर इस जगह कोई टैक्स नहीं लिया जाता। आइये जानते हैं इसके पीछे क्या कारण है।

HR Breaking News - (Income Tax alert)। एक व्यक्ति जिसकी आय टैक्स के दायरे में आती है, उसे इनकम व टैक्स स्लैब के अनुसार अपनी कमाई का कुछ प्रतिशत हिस्सा इनकम टैक्स विभाग को देना होता है, लेकिन भारत का एक ऐसा राज्य (tax free state) भी है, जहां के लोग एक दिन में लाखों रुपये भी कमा लें तो भी उन्हें किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं देना होता। यह विशेष प्रकार की छूट केवल इस राज्य को ही दी गई है और इसके पीछे का कारण भी काफी गंभीर है।आइए जानते हैं कौन सा है यह राज्य।
इस राज्य के लिए है विशेष छूट -
सिक्किम एक विशेष स्थिति में है, जहां के लोग भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 10 (26AAA) के तहत कुछ कर लाभ प्राप्त करते हैं। इस राज्य को जब 22वें राज्य (22nd state of India) के रूप में 1975 में भारत में मिलाया गया था तो उस समय कई नियम व शर्तें तय की गई थी। यह राज्य भारतीय संघ में शामिल होने से पहले 330 से अधिक वर्षों तक एक स्वतंत्र रियासत था। इस विलय के साथ एक शर्त जोड़ी गई थी कि सिक्किम के पुराने कर नियम विलय होने के साथ नहीं बदलेंगे और आगे भी सिक्किम (sikkim tax free state) निवासियों को इसका लाभ मिलता रहेगा। यही कारण है कि सिक्किम के निवासी अपनी आय पर केंद्र सरकार को कोई कर नहीं देते।
संविधान में भी है यह प्रावधान -
सिक्किम के निवासियों को Section 10 (26AAA) के तहत कुछ विशेष कर लाभ मिलते हैं, जो अन्य राज्यों के लोगों से अलग होते हैं। 1975 से पहले वहां रहने वाले व्यक्तियों को आयकर से राहत दी जाती है। इस छूट का कारण सिक्किम (sikkim tax free rule) की विशेष स्थिति है, जिसे संविधान में मान्यता प्राप्त है। इसके अलावा, सिक्किम के नागरिकों के लिए म्यूचुअल फंड (mutual funds) में निवेश करने के लिए भी पैन कार्ड की आवश्यकता नहीं होती। यह सुविधा उन्हें करों में छूट और निवेश की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए प्रदान की जाती है।
सिक्किम को यह खास छूट भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371(एफ) (sikkim tax free rights) के तहत दी गई है। इस कारण, सिक्किम (tax free state in india) का कर ढांचा अलग है और यहां के नागरिकों को विशेष राहत दी जाती है, जो देश के बाकी हिस्सों से भिन्न है। यह स्थिति सिक्किम के ऐतिहासिक और संवैधानिक महत्व को दर्शाती है। ऐसी छूट सिक्किम के लोगों को विशेष रूप से मिलती है, जो अन्य राज्यों में नहीं है।
कब नहीं मिलेगी टैक्स से राहत -
सिक्किम में रहने वाले लोगों को कर में राहत दी जाती है, लेकिन यह छूट या सुविधा राज्य के बाहर से मिलने वाली आय या संपत्ति से संबंधित नहीं होती। 2008 के बाद सिक्किम (tax free state kon sa hai) की महिला अगर किसी गैर-स्थानीय व्यक्ति से शादी करती है तो उसे भी यह राहत नहीं मिलती। इस नियम को अदालत में चुनौती दी गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट (supreme court)ने इसे सही ठहराया। इसके कारण, यहां के लोगों को कर से छूट तो मिलती है, लेकिन कुछ खास शर्तों के तहत। यह व्यवस्था केवल राज्य के अंदर रहने वाले लोगों के लिए है। इनकम टैक्स अधिनियम (Income Tax Act) की धाराओं में भी इसका प्रावधान है।
इन राज्यों में है कर छूट का यह है प्रावधान -
भारत में कुछ जगहों के निवासियों को कर भरने से छूट मिली हुई है। सिक्किम और पूर्वोत्तर के कुछ अन्य क्षेत्रों के लोग, जैसे त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश के आदिवासी समुदायों को आयकर (Income tax rules) से छूट प्राप्त है। इन क्षेत्रों के लोग 31 जुलाई तक अपनी आय का विवरण यानी कोई आईटीआर (income tax rules) नहीं जमा करते हैं। इसके अलावा, लद्दाख और जम्मू-कश्मीर (jammu kashmir tax discount) के आदिवासी निवासियों को भी कर भुगतान से राहत मिली है। यह विशेष नियम इन इलाकों में रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं।