Income Tax : इन पांच तरीकों से पा सकते है टैक्स में मोटी छूट

HR Breaking News : (Income Tax) इनकम टैक्स भरने की जब बारी आती है तो लोग टैक्स में छूट आने के लिए कई तरह के तरीके ढूंढते रहते हैं। इस बीच जल्दबाजी में लोग कई बार नुकसान भी खा लेते हैं। आपको बता दे की इनकम टैक्स में छूट पाने के कई लीगल तरीके भी है। चलिए आज खबर में आपको बताते हैं उन पांच तरीकों के बारे में जिनके तहत आप इनकम टैक्स (tax deductions ways) में काफी छूट पा सकते हैं।
जुलाई का महीना शुरू होते ही इनकम टैक्स रिटर्न भरने की रफ्तार भी तेज हो जाती है। 30 जून 2025 तक 67 लाख ITR भरे जा चुके हैं। इस बार इनकम टैक्स रिटर्न (income tax return) भरने की आखिरी तारिख15 सिंतबर 2025 है। हालांकि, आपको आखिरी तारीख तक इंतजार नहीं करना चाहिए और जितना जल्दी हो सके ITR फाइल कर देनी चाहिए।
अगर आप पुरानी टैक्स रिजीम के तहत ITR भरने वाले है तो आप कई तरह के डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। जिससे आप टैक्स में भारी छूट पा सकते है। आइए आपको गहराई से बताते है इन डिडक्शंस से जुड़ी पूरी जानकारी।
1) Health Insurance Premium के लिए डिडक्शन
अगर आपकी उम्र 60 साल से कम है, तो आप सेक्शन 80डी के तहत अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए 25,000 रुपये तक की टैक्स छूट पा सकते हैं।
यह टैक्स छूट (tax exemption) आपको वित्त वर्ष के दौरान अपने और अपने डिपेंडेंट्स (पत्नी, बच्चों) के हेल्थ इंश्योरेंस के लिए किये गए भुगतान के लिए मिलेगी।
अगर आपके पेरेंट्स 60 साल से कम उम्र के हैं, तो उनके इंश्योरेंस प्रीमियम (insurance premium) पर भी आप 25,000 रुपये तक की अतिरिक्त छूट पा सकते हैं। अगर आपके पेरेंट्स 60 साल या इससे अधिक उम्र के हैं, तो यह डिडक्शन 50,000 रुपये तक जा सकता है।
इसके अलावा भी प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप्स के लिए 5000 रुपये का अतिरिक्त डिडक्शन (additional deduction) भी मिलता है। हालांकि, यह 5000 रुपये का डिडक्शन पेरेंट्स की उम्र के हिसाब से 25 हजार या 50 हजार रुपये की ओवरऑल लिमिट में शामिल रहता है।
अगर आप सीनियर सिटीजंस के बीमा प्रीमियम (Insurance premium for senior citizens) पर रकम खर्च नहीं कर रहे हैं, तो आप सीनियर सिटीजन पेरेंट्स पर हुए मेडिकल खर्च पर 50,000 रुपये का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
2) ईपीएफ स्कीम के लिए डिडक्शन
कई वेतनभोगी कर्मचारी EPF Scheme में कवर होते हैं। टैक्स भरने वाले सेक्शन 80सी के तहत EPF में स्वयं द्वारा किये गए योगदान पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। ध्यान रखें कि अगर कर्मचारी का EPF और VPF अकाउंट में योगदान एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपये से अधिक जाता है, तो बढ़े हुए अमाउंट पर अर्जित ऋण टैक्सेबल होता है।
3) पीपीएफ में निवेश के लिए डिडक्शन
अगर आप PPF या टैक्स सेविंग FD में इन्वेस्ट करते हैं, तो धारा 80सी के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन (Ways to make tax deductions) क्लेम कर सकते हैं।
4) ELSS म्यूचुअल फंड में निवेश पर डिडक्शन
ELSS यानि इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स में 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। आप इस स्कीम में निवेश (investment tips) करके सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। हालांकि, आप धारा 80सी के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक का ही क्लेम कर सकते हैं।
5) सेविंग बैंक खाते के ऋण पर टैक्स डिडक्शन
आयकर अधिनियम के सेक्शन (Sections of Income Tax Act) 80TTA के तहत 60 साल से कम उम्र के निवासी और HUF बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक या पोस्ट ऑफिस के सेविंग खाते से प्राप्त ऋण पर 10,000 रुपये तक की टैक्स छूट (Ways to get tax exemption) पा सकते हैं। वहीं, सीनियर सिटीजंस FD, सेविंग अकाउंट, पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट से प्राप्त ऋण के लिए 50,000 रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।