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Income Tax : आयकर विभाग ने मजदूर के पास भेजा 68 लाख का नोटिस, असल मामला जानकर रह गए हैरान

Income Tax Rules : आयकर विभाग की ओर से हर प्रकार के ट्रांजेक्शन और लेन-देन पर कड़ी नजर रहती है। अगर किसी लेन-देन में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो आयकर विभाग उसे नोटिस भेजने का अधिकार रखता है। अब हाल ही में आयकर विभाग (Income Tax Department)ने एक मजदूर के पास 68 लाख का नोटिस भेजा है। एक मजदूर के पास लाखों का नोटिस भेजने के पीछे की वजह आपको हैरान कर देगी। आइए जानते हैं इस बारे में।

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Income Tax : आयकर विभाग ने मजदूर के पास भेजा 68 लाख का नोटिस, असल मामला जानकर रह गए हैरान

HR Breaking News - (tax notice)। आयकर विभाग हर प्रकार की ट्रांजेक्शन पर निगाहें टिका कर रखता है। अगर कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो आयकर विभाग उसे नोटिस भेज सकता है।

 

 

अब हाल ही में एक ऐसा  मामला सामने आया है, जिसमे आयकर विभाग (IT Tax Notice) की ओर से एक  मजदूर  के पास 68 लाख का नोटिस भेजा गया है। आइए खबर में जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में।

 

 

जानिए  क्या है पूरा मामला
 

मामले की बात करें तो किठौर के बोंद्रा गांव निवासी 35 वर्षीय आसिफ अली एक मजदूर है, जो मजदूरी कर  दो कमरों के मकान में अपनी पत्नी तमन्ना और दो बेटों के साथ जीवनयापन करता है और मेरठ के किठौर निवासी मजदूर आसिफ अली  के डॉक्यूमेंटस का यूज (Pan card misuse) कर कंपनी बनाई गई है।

 

मजदूर के आधार कार्ड और पैनकार्ड का यूज कर दिल्ली में एक कंपनी बना ली गई। कंपनी ने आधार कार्ड और पैनकार्ड का यूज (use of pan card) कर कारोबार किया और इसके चलते आयकर विभाग की ओर से मजदूर के घर 67.90 लाख रुपये का आयकर वसूली का नोटिस भेजा गया। 

 

कैसी है मजदूर की आर्थिक स्थिती
 

जैसे ही मजदूर को इस बात का पता चला, उन्होंने आयकर विभाग(Notice from Income Tax Department ) में इस बात को लेकर शिकायत की और जैसे ही असलियत का पता चला तो एसएसपी के आदेश पर उन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की जांच के लिएसाइबर क्राइम थाना पुलिस को भी इन्वोल्व किया गया।

मामले की जांच की गई तो यह पता चला कि आसिफ अली के एक कमरे में पशुओं के चारा काटने की मशीन लगी है और दूसरे कमरे में परिवार रहता है।

आसिफ कभी आरा मशीन पर काम करता है और इसके साथ ही  शहर से बाहर भी किसी फैक्ट्री में मजदूरी  (IT sent notice to laborer)करने चला जाता है। इससे पता चलता है कि उसकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है।

आयकर विभाग ने कब भेजा नोटिस
 

जैसे ही मामले की जांच की गई तो पता चला कि आसिफ अली के आधार कार्ड और पैनकार्ड का यूज कर 2018 में दिल्ली के हैदरपुर में ऋद्धि सिद्धि इंटरप्राइजेज (Riddhi Siddhi Enterprises)नाम से एक कंपनी बनाई गई और इस कंपनी का करोड़ों का कारोबार दिखाया गया।

इसके बाद 2023 को आयकर विभाग (Income Tax Department) ने वसूली का एक नोटिस आसिफ अली को भेजा। इसके बाद दूसरा नोटिस 67.90 लाख रुपये का 2024 और 2025 में भी भेजा गया। आसिफ को जब कुछ समझ नहीं आया तो वह आयकर विभाग पहुंचा। 

पूरी प्लानिंग के साथ हुई धोखाधड़ी
 

आयकर विभाग जाकर उसने बताया कि वह तो मजदूरी करता है और किसी कंपनी का मालिक नहीं है। आयकर विभाग (Income Tax Department) के अफर आसिफ का हाल देख चौंक गए और जांच का आश्वासन दिया।

इसके बावजूद भी न तो नोटिस वापस किया गया और न ही इसे लेकर कोई छानबीन हुई। आसिफ ने इसकी शिकायत मेरठ को 26 अप्रैल को की। जांच में यह पाया गया कि शायद किसी गिरोह द्वारा पूरी प्लानिंग के साथ दस्तावेज का गलत यूज कर धोखाधड़ी की गई हे। 

साइबर टीम को लगाया कार्रवाई पर
 

एसएसपी मेरठ के  डॉ। ने कहा कि साइबर टीम को कार्रवाई के लिए लगाया गया। आयकर विभाग द्वारा कार्यवाई के दौरान कंपनी का रिकार्ड मांगा गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कंपनी में करोड़ों का लेनदेन दिखाया है।

धोखाधड़ी (Income tax fraud India) का पकका प्रूफ मिलने के बाद ही साइबर क्राइम थाने में आसिफ अली की शिकायत पर इन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाने समेत कई धारा में मुकदमा चलाया गया है।

एसएसपी ने जताई आशंका
 

बताया जा रहा है कि इस तरह की कंपनी का यूज कर काले धन का इस्तेमाल कई कार्यों में किया गया है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कंपनी का लेनदेन किन बैंक खातों से रहा है। इसके साथ ही जिन अन्य कंपनियों से आसिफ अली के नाम पर रजिस्टर्ड कंपनी की ट्रांजेक्शन (Transaction of registered company)हुई है, उस पूरे गिरोह पता किया जा रहा है।


मेरठ एसएसपी डॉ. ने बताया कि किठौर निवासी के आधार कार्ड, पैन कार्ड का यूज गलत तरीके से करते हुए एक कंपनी दिल्ली में बनाई गई थी और इस कंपनी के चलते आयकर विभाग(IT notice) ने पीड़ित को नोटिस दिया। मामले की जांच में धोखाधड़ी का खुलासा किया, जिसके बाद मुकदमा दर्ज हुआ।