home page

Income Tax Notice : मटकी बेचने वाले निकला करोड़पति, आयकर विभाग ने भेजा 10.50 करोड़ का नोटिस

Income Tax Notice : आयकर विभाग की ओर से लोगों को धड़ाधड़ नोटिस भेजे जा रहे हैं। देश के वित्त को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ आयकर विभाग नोटिस जारी कर रहा है। आयकर विभाग की ओर से टैक्स चोरी के हर मामले पर पैनी नजर रखी जा रही है। टैक्स चोरी को पकड़ने के लिए विभाग की ओर से नई तकनीकों का भी प्रयोग किया जा रहा है मामले संज्ञान में आते ही नोटिस (Income tax Notice) जारी किए जा रहे हैं।

 | 
Income Tax Notice : मटकी बेचने वाले निकला करोड़पति, आयकर विभाग ने भेजा 10.50 करोड़ का नोटिस

HR Breaking News (Income Tax Notice) आयकर विभाग की नोटिस भेजने की कार्रवाई में एक मामला सामने आया है, जिसमें कागजों के अनुसार आयकर विभाग को एक मटकी बेचने वाला करोड़पति मिला है। आयकर विभाग ने उक्त व्यक्ति को साढ़े दस करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया है। 

 


राजस्थान का है मामला


राजस्थान के बूंदी जिले में झाली जी का बराना निवासी है, जिसको आयकर विभाग का नोटिस (Income Tax Notice) मिला है। वह मटकी बना कर बेचने वाला युवक है, जिसको आयकर विभाग ने साढ़े दस करोड़ रुपए जमा करवाने का नोटिस दिया है। 

 

नहीं मिल रही युवक को राहत


इतने रुपयों का नोटिस मिलने के बाद युवक परेशान है और दावा है कि वह आयकर विभाग के चक्कर लगा कर थक चुका है, लेकिन उस को कोई राहत नहीं मि रही है। युवक ने नोटिस (Income Tax Notice) को लेकर थाने में परिवाद दाखिल किया है। 


मार्च में आया आयकर का नोटिस


राजस्थान के विष्णु कुमार प्रजापत को 11 मार्च को आयकर विभाग बूंदी से नोटिस (Income Tax Notice) मिला। डॉक्यूमेंट्स के अनुसार बताया गया है कि सुरेंद्र सिंह बाबेल नाम के व्यक्ति को 10,61,83,000 रुपये का विक्रय लेनदेन 2020-21 में किया गया है। वहीं, विष्णू का दावा है कि वह इस नाम के ना किसी व्यक्ति को जानता और न ही कभी मिला है। 

फर्म का कराया गया था रजिस्ट्रेशन


विष्णु की ओर से आयकर विभाग, जीएसटी विभाग की वेबसाइट पर तथ्यों को जांचा गया तो पाया कि कि 19 मार्च 2020 को गिरगांव मुंबई महाराष्ट्र में भूमिका ट्रेडिंग के फर्म का जीएसटी रजिस्ट्रेशन हुआ है।

इसके लिए उसके पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज भी प्रयोग हुए हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनका इससे उसका कोई लेना देना नहीं है। 


वित्तीय लेन देन है करोड़ों में


जांच में सामने आया कि उक्त कथित फर्जी फर्म की एक अन्य कंपनी के साथ 2,83,22,195 रुपये का वित्तीय लेनदेन है। जबकि व्यक्ति का कहना है कि उसका इसमें कोई लेना देना नहीं है।

कंपनी के दो डायरेक्टर भी ऑनलाइन शो हो रहे हैं। फिलहाल जीएसटी रजिस्ट्रेशन विभाग की ओर से रिटर्न नहीं भरने के कारण रद्द कर दिया है। 

विष्णू को नहीं कोई जानकारी


सामने आया है कि उक्त फर्म के नाम पर 19 मार्च 2020 से लेकर एक फरवरी 2021 तक लेनदेन पाया गया है। इसकी विष्णु को कोई जानकारी नहीं है। आयकर विभाग ने व्यक्ति को नोटिस का जवाब देने का मार्च 31 तक का समय दिया था। यह समय निकल चुका है। उनकी आय आईटीआर के अनुसार 95 हजार रुपये है। 

News Hub