Income Tax Notice : आयकर विभाग की तरफ से टैक्सपेयर्स को भेजे जा रहे नोटिस, जानिए कारण

HR Breaking News : (Income Tax Department) इनकम टैक्स विभाग ने देश भर के टैक्सपेयर्स को लेकर कई तरह के नियम और कानून बनाए है। जिनका उल्लंघन करने पर टैक्स विभाग की तरफ से लोगो को नोटिस भेजा जाता है। अब फिर लोगो को आयकर विभाग की तरफ से नोटिस मिल रहे है। तो चलिए आपको बताते है कि टैक्स पर छूट कब दी जाती है, कब नही दी जाती और टैक्सपेयर्स को नोटिस मिलने पर क्या करना चाहिए...
हाल ही में बजट 2025 ने नई टैक्स रिजीम (New tax regime) के तहत रिबेट लिमिट को बढ़ाकर 12 लाख रुपए कर दिया है। लेकिन इस बात पर अभी भी तस्वीर साफ नहीं है कि क्या यह तब लागू होता है, जब टैक्सपेयर के पास रेग्युलर इनकम (जैसे सैलरी) और स्पेशल रेट इनकम (जैसे STCG, शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स) दोनों हों।
क्या है समस्या?
नई रिजीम (Tax Regime) के तहत 7 लाख रुपए तक की कुल इनकम वाले टैक्सपेयर्स छूट का दावा कर सकते हैं, जिससे उनकी टैक्स लायबिलिटी जीरो हो जाएगी। हालांकि, एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह साफ नहीं है कि कैपिटल गेन्स जैसी स्पेशल रेट इनकम पर यह लागू होगा या नहीं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि धारा 87A रिबेट के एप्लीकेशन में एक समस्या है, खास तौर पर उन टैक्सपेयर्स के लिए जो रेग्युलर इनकम और एसटीसीजी जैसी स्पेशल रेट इनकम दोनों रखते हैं।
इस बात पर कंफ्यूजन बना हुआ है कि रिबेट की कैलकुलेशन (Calculation of Tax Rebate) कुल इनकम पर की जानी चाहिए या केवल रेग्युलर इनकम वाले हिस्से पर।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने ITR यूटिलिटी पोर्टल के जरिए रिटर्न प्रोसेस करते समय शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) को छूट से बाहर रखा है, जिसके कारण कई टैक्सपेयर्स को टैक्स नोटिस भेजे जा रहे हैं।
फोर्विस मजार्स के डायरेक्ट टैक्स पार्टनर ... ने कहा कि सीबीडीटी ने ITR यूटिलिटी पोर्टल पर खुद संज्ञान लेते हुए इस तरह के शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स पर धारा 87A के तहत छूट का फायदा देने से इनकार कर दिया है, जिससे विवाद पैदा हो गया है।
टैक्स पर छूट कब दी जाती है
जब नॉर्मल इनकम पर स्लैब दरों के हिसाब से टैक्स लगाया जाता है।
धारा 112 के अंतर्गत लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (लिस्टेड इक्विटी शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के अलावा दूसरे कैपिटल एसेट्स पर)।
धारा 111A के अंतर्गत शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स (लिस्टेड इक्विटी शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर 15% टैक्स)।
टैक्स पर छूट कब नहीं दी जाती
धारा 112A के अंतर्गत लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (इक्विटी शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर 10% टैक्स)।
जैन ने कहा कि कुछ टैक्सपेयर्स का मानना है कि धारा 87A के तहत छूट कैपिटल गेन्स सहित कुल इनकम पर उपलब्ध होनी चाहिए। कुछ सीआईटी (ए) रुलिंग्स ने इसे सपोर्ट किया है। जब तक मामला विधायी या न्यायिक रूप से हल नहीं हो जाता, तब तक टैक्सपेयर्स को इनकार का विरोध करना चाहिए और उचित जवाब फाइल करना चाहिए।
अगर मिल जाए विभाग की तरफ से नोटिस तो क्या करना चाहिए?
1) नोटिस को रिव्यू करें - चेक करें कि छूट का दावा टैक्स प्रावधानों के अनुसार है या नहीं।
2) टैक्स एक्सपर्ट से सलाह लें - क्लेम को वैलिडेट करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) से सलाह लें।
3) सुधार या अपील दायर करें - अगर गलत तरीके से रिजेक्ट किया गया है, तो सुधार अनुरोध दायर करें या नोटिस का विरोध करें।