home page

Income Tax Notice : इन टैक्सपेयर्स को धड़ाधड़ भेजे जा रहे नोटिस, देना होगा 200 फीसदी जुर्माना, ITR भरते वक्त कहीं आपने तो नहीं दी है ये स्लीप

Income Tax Notice :  अगर आप भी टैक्सपेयर्स हैं तो ये खबर आपके लिए है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से कुछ टैक्सपेयर्स को धड़ाधड़ नोटिस भेजे जा रहे हैं। इन टैक्सपेयर्स को 50 फिसदी से लेकर 200 फिसदी तक जुर्माना देना पड़ेगा।

 | 

HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)।  इनकम टैक्स विभाग का एक्शन प्लान शुरू हो गया है। आयकर की पु​रानी व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स (Income Tax) बचाने के लिए सरकार ने कई उपाय दिए हैं। 

 

ये भी जानें : लगातार गिर रहे सोने के रेट, आज भी हुआ सस्ता, ज्वैलर्स के पास जाने से पहले जान लें नए रेट


इसी में घर का किराया भी एक बेहतर विकल्प होता है। इसके लिए आपको अपने इंप्लायर को फरवरी या मार्च में हाउस रेंट रिसीट (House Rent Receipt) जमा करनी होती है। इसके अलावा नौकरीपेशा वाले अन्य दूसरे दस्तावेज भी जारी करते हैं। अधिकांश मामलों में देखा गया है कि लोग इसमें मकान मालिक से रिसीट लेने की बजाए खुद ही फर्जी House Rent Receipt तैयार कर अपनी कंपनी में जमा कर देते हैं। लेकिन आपकी ये चालाकी अब आपको भारी मुसीबत में डालने वाली है। 

 

 

टैक्सपेयर्स से मांगे जा रहे दस्तावेज

 


Income Tax Department इस प्रकार के फर्जीवाड़े पर नजर रखने के लिए एक खास सॉफ्टवेयर की मदद ले रहा है। इस सॉफ्टवेयर से करदाताओं (Taxpayers) द्वारा जमा किए गए फर्जी डॉक्यूमेंट्स को पकड़ना आसान हो गया है। हालिए रिपोर्ट के अनुसार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ऐसे टैक्सपेयर्स को नोटिस भेज रहा है। उनसे टैक्स छूट के दावों से जुड़े दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। 

 

ये भी जानें : एक दिन में कितने ML शराब पीनी चाहिए, पीने वाले जरूर जान लें ये बात

 

इन डॉक्यूमेंट की हो रही जांच 


इनकम टैक्स विभाग फर्जी डॉक्यूमेंट पर काफी सख्ती बरत रहा है। आयकर विभाग की जिन फर्जी डॉक्यूमेंट पर नजर है उसमें हाउस रेंट रिसीट, ऑफिशियल ड्यूटी करने के लिए हेल्पर हायर करने और होम लोन पर चुकाए गए ब्याज की रिसीट शामिल हैं। 
ये नोटिस एसेसमेंट ईयर 2022-23 से संबंधित हैं और ये नोटिस आईटी कानून की धारा 133(6) के तहत भेजे जा रहे हैं। इस कानून से टैक्स एसेसिंग ऑफिसर को किसी खास अवधि के दौरान किए गए ट्रांजैक्शन्स के कुछ डिटेल्स की जानकारी मांगने का अधिकार होता है। 

ये भी जानें : अब किसानों को 1 लाख 60 हजार का लोन लेने के लिए नहीं देना पड़ेगा कोई कागज

एक लाख से कम किराए में है ये छूट

सैलरीड क्लास वालों को इनकम टैक्स विभाग की ओर से आईटी एक्ट की धारा 10 (13A) के तहत घर के किराए पर भी टैक्स बेनिफिट मिलता है। इस कानून के तहत यदि आपके मकान का किराया सालाना एक लाख रुपये से अधिक है तो आपको मकान मालिक का पैन कार्ड देना होता है। 
यदि किराया 1 लाख रुपये से कम है तो मकान मालिक के PAN का खुलासा करने की जरूरत नहीं  है। ऐसे में लोग 1 लाख से कम किराया दिखाकर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम से फर्जी House Rent Receipt तैयार कर देते  है। 

इनकम विभाग ने पकड़ा ये फर्जीवाड़ा

वहीं इनकम टैक्स विभाग को एक अन्य प्रकार का फर्जीवाड़ा भी देखने को मिला है, जिसमें वे लोग जिनका अपना घर है, वे भी रेंट स्लिप (House Rent Sleep) लगाकर टैक्स छूट ले रहे हैं। आयकर विभाग की कंप्यूटर डेटा जांच में ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है, ऐसे में इन्हें नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है। 
CBDT के सेंट्रल एक्शन प्लान के मुताबिक फील्ड ऑफिसर्स टैक्स बेस को बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रही है।  

एचआरए पर फर्जीवाड़ा क्यों होता है?


हाउस रेंट (tax on house rent) को लेकर फर्जीवाड़ा होने की सबसे बड़ी वजह ये है कि इससे बहुत सारा टैक्स बच सकता है।  मान लीजिए कि आपने अपने घर का किराया 20 हजार रुपये महीना मतलब 2.40 लाख रुपये सालाना दिखाया तो सीधे इतने रुपये पर आपका कोई टैक्स नहीं लगेगा। 
बशर्ते कंपनी की तरफ से आपको कम से कम 2.40 लाख रुपये का हाउस रेंट अलाउंस मिल रहा हो। हालांकि, अगर आपने कम रेंट चुकाया है तो आपको इस पूरी रकम पर क्लेम नहीं मिलता।   

एक्सट्रा अलाउंस की भी देनी होती है डिटेल


इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म में इनकम टैक्स भरने वालों को एक्सट्रा अलाउंस की भी डिटेल्स भरनी होगी होती है। ITR फॉर्म में एक ड्रॉप डाउन कॉलम दिया जाता है, जिसमें टैक्स भरने वाले अतिरिक्त भत्तों की डिटेल आसानी से दर्ज करनी होती है। इससे अन्य भत्ते जैसे एचआरए, एलटीए, पेंशन लीव सैलरी अलग रहेंगे।  

क्या है जुर्माना?


टैक्स देनदारी घटाने के लिए अगर कर्मचारी रीइंबर्समेंट के नकली बिल संस्थान को जमा करता है तो ये इनकम को छुपाने का मामला बनता है।  इस मामले में आकलन अधिकारी (income tax officer) जांच शुरू कर सकते हैं।  इसके बाद करदाता को बिलों की वास्तविकता का सबूत देना होता है।
अगर बिल नकली पाए जाते हैं तो पेनाल्टी बनेगी।  इनकम को कम बताए जाने पर सेक्शन 270ए (1) के तहत ये 50 फीसदी तक हो सकती है।  अगर व्यक्ति जानबूझकर नकली बिल जमा कर इनकम की गलत जानकारी देता है तो इस पर 200 तक जुर्माना देना पड़ता है।