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Income Tax Raid Rule : इनकम टैक्स के छापे में जब्त कैश-ज्वैलरी और प्रॉपर्टी का क्या होता है, कम लोग ही जानते हैं ये हकीकत

Income Tax Raid Hidden Facts : आपने यह तो सुना ही होगा कि इनकम टैक्स के छापे में भारी नकदी और सोना-चांदी पकड़ा गया। तब यह भी सवाल मन में आया होगा कि छापे (income tax Raid) में जब्त किया गया इतना सारा माल जाता कहां पर है। इस बारे में कम ही लोगों को सच्चाई का पता है। आइये जानते हैं इस बारे में खबर में।

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Income Tax Raid Rule : इनकम टैक्स के छापे में जब्त कैश-ज्वैलरी और प्रॉपर्टी का क्या होता है, कम लोग ही जानते हैं ये हकीकत

HR Breaking News - (IT raid rules)। गलत तरीके से टैक्स की सेविेंग करना किसी को भी भारी पड़ सकता है। यह टैक्स चोरी की श्रेणी में आता है और आयकर विभाग इसका अंदेशा होते ही रेड (Income Tax Raid Rules ) डाल सकता है। सूचना मिलने पर भी आयकर विभाग के अधिकारी संबंधित व्यक्ति के बिजनेस ठिकानों, कार्यालयों या घर पर छापा (IT raid ke niyam ) मार सकते हैं।

बेशक इस स्थिति में भी जिसके ठिकाने पर रेड की जाती है, उसके भी कुछेक अधिकार (taxpayer's rights in IT raid) होते हैं, लेकिन गौर करने की बात तो यह है छापे (income tax raid process) में पकड़ा गया कैश व सोना कहां जाता है। चलिये खबर में जान लेते हैं इस सवाल का भी जवाब।

रडार पर आने पर विभाग करता है कार्रवाई-


टैक्स भरने (income tax rules) और सालाना कमाई में अंतर मिलने पर आप आयकर विभाग के रडार पर आ जाते हैं। आय को छिपाना, टैक्स चोरी (tax evasion) करना, काला धन जमा करने, फर्जी तरीके से टैक्स की बचत करने की सूचना पर आयकर विभाग, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) कभी भी छापा मार सकते हैं। यह आयकर कानून की धारा-132 के तहत की जाती है।

पूरे मामले को रखा जाता है गुप्त-


इनकम टैक्स की रेड (income tax raid rules) जहां भी पड़ती है, तो इस बारे में सभी बातें गुप्त रखी जाती हैं। आयकर टीम के सदस्यों को भी पता नहीं होता कि रेड (IT raid kab lagti h) कहां लगेगी। मौके पर पहुंचने के बाद ही सब राज खुलता है। संबंधित व्यक्ति को संभलने का कोई मौका न मिले, इसके लिए टीम पूरी चौकसी से कर कदम उठाती है। 

रेड मारने का टाइम-


इनकम टैक्स की रेड (IT raid kyo hoti h) अचानक ही आ धमकती है। इसका कोई टाइम फिक्स नहीं होता। आमतौर पर रेड (IT raid time) बहुत सुबह या फिर देर रात मारी जाती है। आयकर टीम घर की तलाशी के लिए वारंट (IT raid ka warrant) साथ लेकर चलती है। इसे छापा मारने से पहले संबंधित व्यक्ति को दिखाया जाता है, जिसके यहां छापा लगता है। 


अंदर बाहर आने जाने पर होती है रोक-


आयकर अधिकारियों के साथ पुलिस  और अन्य सुरक्षा कर्मी भी हो सकते हैं। रेड के दौरान (income tax ki raid) घर, ऑफिस या प्रतिष्ठान में मौजूद लोग वहां से इधर उधर नहीं जा सकते। न कोई अंदर आ सकता और न कोई बाहर जा सकता। इसके लिए उन्हें परमिशन लेनी होगी। रेड कितनी भी देर तक चल सकती है और टीम को वहां पर मौजूद हर व्यक्ति या महिला की तलाशी लेने का अधिकार होता है। 

यह सामान नहीं किया जा सकता जब्त- 


जहां पर इनकम टैक्स की टीम छापा मारती है, वहां रखे कैश, सोने या अन्य कीमती सामान का पूरा रिकॉर्ड है और इसे आईटीआर (income tax return) में शो किया गया है तो छापा मारने वाली टीम इसे जब्त नहीं कर सकती। इसके अलावा वहां पर बेचने के लिए रखे सामान को भी जब्त नहीं किया जा सकता है, उसे नोट किया जा सकता है और उस सामान से जुड़े कागजात जब्त किए जा सकते हैं।


संबंधित व्यक्ति के क्या होते हैं अधिकार-


ऐसा नहीं है कि रेड के दौरान उस व्यक्ति का कोई अधिकार नहीं होता जिसके यहां छापा पड़ता है। उसके भी कई अधिकार (taxpayer's rights) होते हैं। संबंधित व्यक्ति आयकर विभाग की टीम व अफसरों से वारंट और पहचान पत्र दिखाने के लिए कह सकता है। 


पुरुष कर्मचारी नहीं ले सकता महिला की तलाशी-


छापामार टीम का कोई भी कर्मचारी रेड (income tax raid ke niyam) के दौरान संबंधित व्यक्ति या बच्चों को खाना खाने या स्कूल बैग देखने के बाद बच्चों को स्कूल जाने से नहीं रोक सकता। टीम की सिर्फ महिला कर्मचारी को ही किसी अन्य महिला की तलाशी लेने का अधिकार है, बेशक उस महिला ने कपड़ों में कुछ कागजात आदि छिपा भी रखे हों। पुरुष कर्मचारी महिला की तलाशी नहीं ले सकता। 


जब्त सामान व कैश का क्या होता है -


आयकर टीम की ओर से मारे गए छापे के दौरान जो सामान व कैश जब्त किया जाता है, जांच के बाद वह आयकर विभाग (income tax department) के आयुक्त से जुड़े बैंक खाते में जमा होता है।

इस कैश व सामान की कैलकुलेशन और इसका आकलन  करके एक टैक्स राशि (tax amount) तय की जाती है जो छिपाई गई हो। यह टैक्स राशि इसी कैश व सामान से काट ली जाती है। इसके बाद जो राशि और सामान बचता है, संबंधित उसी व्यक्ति को लौटा दिया जाता है, जिसके यहां से छापा मारकर लाया जाता है।

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