Income Tax Rule 2025 : शादी में मिले गिफ्ट पर कितना लगेगा टैक्स, जानिए इनकम टैक्स के नियम
Income Tax Rule 2025 : भारत में शादियां महज़ एक सामाजिक रस्म नहीं, बल्कि उपहारों और खर्चों का एक बड़ा अवसर हैं। अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या शादी में मिले तोहफों पर इनकम टैक्स लगता है? ऐसे में आपको विशिष्ट नियमों के तहत बता दें कि कुछ उपहार कर-मुक्त होते हैं, जबकि अन्य पर कर लग सकता है-

HR Breaking News, Digital Desk- (Marriage Gift Tax) भारत में शादियां महज़ एक सामाजिक रस्म नहीं, बल्कि उपहारों और खर्चों का एक बड़ा अवसर हैं। अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या शादी में मिले तोहफों पर इनकम टैक्स लगता है? इसका जवाब 'हां' और 'नहीं' दोनों है, क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि उपहार किसने, कब और किसे दिया है। विशिष्ट नियमों के तहत, कुछ उपहार कर-मुक्त होते हैं, जबकि अन्य पर कर लग सकता है।
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 56(2)(x) के तहत गिफ्ट्स पर टैक्स का प्रावधान मौजूद है। हालांकि, शादी के अवसर पर कुछ खास छूट दी गई हैं, लेकिन सभी स्थितियों में नहीं।
शादी में मिले तोहफे पर टैक्स नियम क्या हैं?
भारत में, 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य के उपहार (नकद, संपत्ति, आदि) एक वित्तीय वर्ष में आयकर योग्य होते हैं। हालांकि, शादी में मिले उपहारों पर यह नियम पूरी तरह से लागू नहीं होता, जिससे वे आमतौर पर टैक्स-मुक्त रहते हैं। यह प्रावधान कुछ अन्य विशेष परिस्थितियों में भी छूट देता है।
इन गिफ्ट्स को मिलती है छूट?
दूल्हा या दुल्हन को मिले उपहारों पर टैक्स नहीं लगता, चाहे देने वाला कोई रिश्तेदार हो या गैर-रिश्तेदार।
यह छूट सिर्फ विवाह के अवसर तक सीमित है, उससे पहले या बाद में उपहार टैक्स के दायरे में आएगा।
यह प्रावधान केवल दूल्हा-दुल्हन के लिए मान्य है, न कि परिवार के अन्य सदस्यों के लिए।
मिसाल के लिए, अगर किसी दोस्त ने शादी के दिन दूल्हे को 5 लाख का गिफ्ट दिया है, तो वह टैक्स-फ्री (tax free) रहेगा। लेकिन वही दोस्त अगर दूल्हे के पिता को 1 लाख रुपये का तोहफा दे, तो वह टैक्सेबल (taxable) माना जा सकता है।
कौन-से गिफ्ट्स टैक्स के दायरे में आते हैं?
शादी के मौके से अलग अगर कोई व्यक्ति 50,000 रुपये से अधिक का गिफ्ट लेता है और वह व्यक्ति नजदीकी रिश्तेदार नहीं है, तो उसे गिफ्ट इनकम के रूप में टैक्स देना पड़ सकता है। रिश्तेदारों की परिभाषा में माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी, सास-ससुर, पति-पत्नी, बेटा-बेटी और उनके जीवनसाथी आते हैं।
अगर आपको शादी के अलावा किसी गैर-रिश्तेदार से 50,000 रुपये से ज़्यादा का कोई भी तोहफा मिलता है, तो आपको उस पर गिफ्ट इनकम टैक्स देना पड़ सकता है। नजदीकी रिश्तेदारों में माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी, सास-ससुर, पति-पत्नी, बेटा-बेटी और उनके जीवनसाथी शामिल हैं। इनसे मिले तोहफों पर टैक्स नहीं लगता।
एक्सपर्ट के मुताबिक, स्टॉक्स, गहने, जमीन, मकान या गाड़ी जैसे मूल्यवान गिफ्ट्स भी टैक्स छूट में शामिल होते हैं, बशर्ते वे शादी के अवसर पर दूल्हा या दुल्हन को मिले हों।
ITR में देनी होती है डिटेल-
भले ही शादी में दूल्हा-दुल्हन को मिला गिफ्ट टैक्स के दायरे में न आता हो, फिर भी टैक्स एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि बड़े मूल्य वाले गिफ्ट्स का ब्यौरा इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में दिया जाए। इससे भविष्य में संपत्ति बेचते समय कैपिटल गेन टैक्स (capital gain tax) के कैलकुलेशन में सहूलियत होती है।
सावधानी क्यों जरूरी है?
आयकर विभाग हाल के वर्षों में गिफ्ट आय पर कड़ी निगरानी रख रहा है। टैक्स-मुक्त उपहारों (tax-free gifts) के बहाने बेहिसाब नकदी या संपत्ति दिखाना कर चोरी माना जा सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, यदि आप अपने आईटीआर (ITR) में कर योग्य उपहारों का खुलासा नहीं करते हैं, तो उपहार की राशि का तीन गुना तक जुर्माना लग सकता है।
इसलिए एक वित्त वर्ष में 50 हजार रुपये से अधिक के सभी उपहारों का खुलासा करना चाहिए, जो आयकर अधिनियम (Income tax Act) की धारा 56(ii) के तहत कर योग्य हैं। सभी गिफ्ट्स का सही रिकॉर्ड रखना और जरूरत पड़ने पर टैक्स विशेषज्ञ से सलाह लेना समझदारी भरा कदम होगा।