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Income Tax Rule 2025 : इनकम टैक्स के नोटिस का जवाब नहीं देने पर क्या होगा एक्शन, टैक्सपेयर्स जान लें ये जरूरी बात

Income tax new rules : इनकम टैक्स विभाग टैक्स नियमों के उल्लंघन व टैक्स भरने में गड़बड़ी मिलने पर करदाताओं को नोटिस (notice rules for taxpayers) भेजता है। विभाग की ओर से भेजे गए किसी भी नोटिस का जवाब न देने पर विभाग की ओर से एक्शन भी लिया जाता है। अधिकतर करदाता नोटिस का जवाब (how to reply income tax notice) न देने पर विभाग की ओर से की जाने वाली कार्रवाई से अनजान होते हैं। जानकारी का यह अभाव उन्हें भारी मुश्किल में फंसा सकता है। इसलिए यह जरूर जान लें कि नोटिस (Income tax ka notice) का जवाब न देने पर क्या कार्रवाई हो सकती है।

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Income Tax Rule 2025 : इनकम टैक्स के नोटिस का जवाब नहीं देने पर क्या होगा एक्शन, टैक्सपेयर्स जान लें ये जरूरी बात

HR Breaking News - (income tax notice)। आयकर विभाग देश में कर व्यवस्था का जिम्मा संभाले हुए है। इसके लिए कई तरह के नियम भी तय किए गए हैं। इन नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर विभाग संबंधित व्यक्ति को नोटिस भी भेजता है।

अगर तय समय में नोटिस (IT notice rules) का जवाब नहीं मिलता है तो विभाग की ओर से कार्रवाई भी की जाती है। हर टैक्सपेयर्स (taxpayers update) के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि अगर समय सीमा के भीतर नोटिस का जवाब नहीं दिया तो इनकम टैक्स विभाग (IT department) क्या एक्शन ले सकता है।

अलग अलग धारा के अनुसार आते हैं नोटिस -


करदाताओं को आयकर विभाग की ओर से  (Income Tax Notice types) अलग अलग तरह के नोटिस आयकर कानून की विभिन्न धाराओं के तहत भेजे जाते हैं। इन सभी के अलग अलग कारण और महत्व होता है। करदाता के लिए इन नोटिसों (IT notice) को जवाब देना आवश्यक होता है।


जिस कारण आए नोटिस, उसी अनुसार दें जवाब -


आयकर विभाग का नोटिस (Income Tax Notice rules)  आने पर घबराने या हड़बड़ाने के बजाय सोच समझकर उसका जवाब देना चाहिए। इसके लिए इनकम टैक्स विभाग (Income Tax rules) के नोटिस को समझना जरूरी है।  नोटिस देने के कारण को समझते हुए उसी अनुसार सही जवाब देना चाहिए। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) न भरने को लेकर नोटिस (Income Tax ITR Notice)  है तो इसका कारण बताएं कि क्यों नहीं भर रहे। 


टैक्स रिफंड से रह जाएंगे वंचित -


लोगों की ओर से भरी गई आईटीआर में कुछ खामी मिलने पर जब कोई नोटिस आता है तो आयकर विभाग इनकम टैक्स एक्ट (income tax rules) की धारा 139(9) के तहत नोटिस भेजता है, ताकि उस गलती को सुधारा जा सके।

इस नोटिस का जवाब (how to reply income tax notice) नहीं देंगे तो आप टैक्स रिफंड की राशि नहीं पा सकेंगे। इस नोटिस को अनदेखा करने पर विभाग (Income Tax department) मानता है कि आईटीआर भरी ही नहीं गई। गलत भरी गई आईटीआर को अवैध करार दे दिया जाएगा।

गलती सुधारते हुए निर्धारित समय में दें जवाब-


आयकर कानून की धारा 139(9) के तहत नोटिस (Income Tax Notice) मिलने का मतलब है कि आईटीआर डिफेक्टिव है यानी गलत भरी गई है या इसमें कोई जानकारी छूट गई है। 15 दिनों में गलती सुधारते हुए इस नोटिस (Income Tax Notice rules) का जवाब देना होता है।  आप इस नोटिस का जवाब तय समय में नहीं  दे सकते तो अवधि बढ़वाने के लिए आयकर विभाग (income tax department) के एसेसिंग ऑफिसर के पास आवेदन कर सकते हैं और अवधि बढ़वा सकते हैं। 

आइटीआर भरने में न करें गलती-


डिफेक्टिव रिटर्न का नोटिस डिफेक्टिव रिटर्न या डिफेक्टिव आईटीआर (Defective ITR) होने पर मिलता है। डिफेक्टिव आईटीआर वह है जब भरे गए टैक्स की जानकारी न दी गई हो। टीडीएस क्लेम (TDS claim) करने पर टैक्स के लिए इनकम को नहीं दिखाना भी डिफेक्टिव आईटीआर के अंतर्गत आता है।

इसके अलावा आईटीआर (income tax return) में भरे गए टैक्स व इनकम में अंतर हो तो भी आईटीआर डिफेक्टिव होती है।  अधूरी रिपोर्ट, खाते की अधूरी जानकारी होना भी अधूरी आईटीआर यानी डिफेक्टिव आईटीआर (notice on Defective ITR) कही जाती है। इसलिए आईटीआर भरते समय पूरी तरह से सावधानी बरतें।