Income Tax Rule : घर में इस लिमिट से ज्यादा कैश मिला तो चुकाना होगा 137 प्रतिशत टैक्स, जान लें इनकम टैक्स के नियम
Income Tax Rule : मौजूदा समय में लोग आज भी घर पर काफी कैश रखते हैं. लेकिन टैक्स चोरी और कालेधन जैसी समस्याओं को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने कैश को लेकर कई तरह के नियम बनाए हैं. ऐसे में एक सवाल है जो कई बार जेहन में आता है कि आखिर घर पर आप कितना कैश रख सकते हैं-
HR Breaking News, Digital Desk- (Income Tax Rule) कोरोना काल के बाद डिजिटल ट्रांजैक्शन में तेजी आई है और बड़ी आबादी ऑनलाइन लेन-देन करना पसंद कर रही है. हालांकि, कई लोग अब भी कैश का उपयोग करते हैं. खासकर, जो इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं जानते, वे अपने रोजमर्रा के कामों के लिए कैश पर ही निर्भर रहते हैं.
इस वजह से लोग आज भी घर पर काफी कैश रखते हैं. लेकिन टैक्स चोरी और कालेधन जैसी समस्याओं को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने कैश को लेकर कई तरह के नियम बनाए हैं. ऐसे में एक सवाल है जो कई बार जेहन में आता तो है, लेकिन इस पर हम चर्चा नहीं करते और वो है कि घर पर आप कितना कैश रख सकते हैं? यहां जानिए इसके बारे में-
कैश रखने का क्या है नियम-
इंकम टैक्स के नियमों के अनुसार, घर पर कैश रखने के लिए कोई निर्धारित सीमा नहीं है. आप आर्थिक रूप से सक्षम होने पर घर में जितना भी कैश रख सकते हैं, लेकिन उसके लिए आपको उस रकम का सोर्स पेश करना होगा. यदि जांच एजेंसी द्वारा पूछताछ की जाती है, तो आपको सोर्स और आईटीआर डिक्लेरेशन दिखाना आवश्यक होगा. इसका अर्थ है कि यदि आपने सही तरीके से पैसा कमाया है, तो आपको कैश रखने में कोई समस्या नहीं होगी.
इन स्थितियों में लिया जा सकता है एक्शन-
अगर आप जांच एजेंसी को रुपये के स्रोत नहीं बता पाते हैं, तो यह आपके लिए मुश्किल हो सकता है. जांच एजेंसी इस मामले की जानकारी इकट्ठा करती है, और इसके बाद इनकम टैक्स विभाग आपकी टैक्स भरे गए राशि की जांच करता है. यदि जांच में कोई अनडिस्क्लोज्ड कैश मिलता है, तो विभाग आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है. ऐसी स्थिति में, आपसे अनडिस्क्लोज्ड राशि का 137 प्रतिशत तक टैक्स वसूला जा सकता है। यह आपके वित्तीय भविष्य के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है.
कैश के मामले में और क्या हैं नियम-
- सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (Central Board of Direct Taxes) के मुताबिक आप एक बार में 50 हजार रुपए से ज्यादा कैश निकालते हैं तो आपको अपना पैन कार्ड दिखाना होगा. आयकर अधिनियम की धारा 194N के तहत अगर कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में 20 लाख रुपए से अधिक रकम निकालता है तो उसे टीडीएस (TDS) देना पड़ेगा. हालांकि यह नियम सिर्फ उन लोगों के लिए है, जिन्होंने लगातार 3 साल से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया है.
- जिन लोगों ने आईटीआर (ITR) है, उन्हें इस मामले में थोड़ी राहत मिल जाती है. ऐसे लोग बिना टीडीएस का भुगतान किए बैंक, पोस्ट ऑफिस या को-ऑपरेटिव बैंक के खाते से एक फाइनेंशियल ईयर में 1 करोड़ रुपए तक कैश निकाल सकते हैं. इस स्थिति में साल में 1 करोड़ से ज्यादा कैश बैंक से निकालने पर दो प्रतिशत टीडीएस भरना होगा. अगर आपने पिछले तीन साल से आईटीआर फाइल (ITR file) किया है तो 20 लाख रुपए के ट्रांजैक्शन (transaction) पर दो प्रतिशत और 1 करोड़ रुपए से अधिक के ट्रांजैक्शन पर 5 फीसदी तक टीडीएस देना पड़ जाएगा.
- क्रेडिट-डेबिट कार्ड (credit debit card) से एक बार में 1 लाख रुपए से ऊपर का ट्रांजैक्शन करने पर जांच हो सकती है. इसके अलावा कुछ भी खरीदने के लिए 2 लाख से ज्यादा कैश में पेमेंट (cash payment) नहीं कर सकते. करना है तो यहां भी पैन और आधार दिखाना होगा.
