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Income Tax Rule : कौन सी कमाई पर नहीं देना पड़ता टैक्स, जान लें इनकम टैक्स के नियम

Income Tax Rule : हर कोई अपनी मेहनत की कमाई पर टैक्स बचाना चाहता है, और इसके लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। हालांकि, कुछ खास तरह की इनकम पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता... चलिए आइए नीचे खबर में जान लेते है इन कमाईयों के बारे में-

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Income Tax Rule : कौन सी कमाई पर नहीं देना पड़ता टैक्स, जान लें इनकम टैक्स के नियम

HR Breaking News, Digital Desk- हर कोई अपनी मेहनत की कमाई पर टैक्स बचाना चाहता है, और इसके लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। हालांकि, कुछ खास तरह की इनकम पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता। इसके लिए आपको कुछ करने की जरूरत नहीं होती, बस आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि यह कमाई टैक्स के दायरे में नहीं आती।

विरासत या वसीयत में मिली दौलत-

यदि आपको अपने माता-पिता से कोई भी दौलत, जेवर या नकदी विरासत (Inheriting jewelry or cash) में मिलती है, तो उस पर कोई टैक्स (tax) नहीं लगता है। इसी तरह, वसीयत के ज़रिए मिली रकम पर भी टैक्स नहीं देना होता है। हालांकि, आपको विरासत में मिली हुई किसी भी संपत्ति से होने वाली आय पर टैक्स देना होगा।

शादी में मिलने वाला उपहार-

आपको शादी में दोस्त या रिश्तेदारों से जो भी उपहार (Gift) मिलता है, उस पर कोई टैक्स नहीं देना होता। लेकिन, यह गिफ्ट आपको शादी के आसपास ही मिला होना चाहिए। ऐसा नहीं है कि आपकी शादी आज है और आपको छह महीने बाद गिफ्ट मिले, तो उस पर टैक्स (tax) नहीं लगेगा। अगर गिफ्ट की वैल्यू 50 हजार रुपये से अधिक हो, तब भी टैक्स लगेगा।

पार्टनरशिप फर्म से मिला मुनाफा-

अगर आप किसी कंपनी में साझीदार हैं और आपको शेयर ऑफ प्रॉफिट (share of profit) के तौर पर कोई रकम मिलती है, तो उस पर भी टैक्स नहीं देना होगा। दरअसल, इस रकम पर आपकी पार्टनरशिप वाली फर्म पहले ही टैक्स (tax) चुका चुकी होती है। हालांकि, यह छूट सिर्फ फर्म के मुनाफे पर है। अगर आपको फर्म से सैलरी (salary) मिलती है, तो उस टैक्स देना होगा।

जीवन बीमा क्लेम या मैच्योरिटी वाली रकम-

जीवन बीमा पॉलिसी (life insurance policy) से मिलने वाली क्लेम या मैच्योरिटी (maturity) राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है। हालाँकि, यह छूट तभी मिलती है जब पॉलिसी का सालाना प्रीमियम सम एश्योर्ड के 10% से अधिक न हो। यदि प्रीमियम इस सीमा से अधिक होता है, तो अतिरिक्त राशि पर टैक्स (tax) लगता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में, यह छूट सीमा 15% तक हो सकती है।

शेयर या इक्विटी MF से मिला रिटर्न-

शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड (mutual fund) बेचने पर ₹1 लाख तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स-फ्री होता है। यह रिटर्न LTCG के तहत कैलकुलेट (calculate) किया जाता है। हालांकि, ₹1 लाख से अधिक के रिटर्न पर LTCG टैक्स लगता है।

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