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Income Tax Rule : पत्नी को कैश देने पर भी मिल सकता है इनकम टैक्स का नोटिस, जानिये नियम

Income Tax Rule :आयकर विभाग देश में रुपयों के लेन देन पर नजर रखता है। इसमें कैश ट्रांजेक्शन और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन दोनों आते हैं। कैंश ट्रांजेक्शन पर आयकर विभाग (Income Tax Rules) की पैनी नजर होती है, क्योंकि इसमें गड़बड़ होने की आशंका होती है। यहां तक की अपनी पत्नी को कैश देने पर भी आयकर का नोटिस आपको मिल सकता है। आइए जातने हैं आयकर विभाग के नियम-

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Income Tax Rule : पत्नी को कैश देने पर भी मिल सकता है इनकम टैक्स का नोटिस, जानिये नियम

HR Breaking News (Income Tax Rule) आयकर विभाग के नियम काफी सख्त हैं। आयकर विभाग के नियमों का पालन न करने पर विभाग अपनी सख्ती दिखाता है और अपना चाबुक वहां चलाता है जहां देश के राजस्व को बढ़ाने वाले टैक्स में गड़बड़ी की गई हो। 

 

 

नियमों को न समझें तो होगी परेशानी
 

इनकम टैक्स के नियम कैश लेन-देन पर काफी सख्त हैं। देश में इनकम टैक्स कानून के अनुसार अगर पति-पत्नी के बीच कैश (Income tax Notice) लेन-देन पर सीधा कोई टैक्स देनदारी नहीं है। परंतु, इसके लिए कुछ नियम हैं, इनको आप नहीं समझोगे तो आपकी परेशानी बढ़ सकती है और आपको मुसिबतों का सामना करना पड़ सकता है। 

आ सकता है आयकर विभाग का नोटिस
 

कैश लेन-देन (Cash transaction) पर आयकर विभाग की मॉनिटरिंग रहती है। अगर पति-पत्नी के बीच धन का लेन देन होता है वैसे तो यह आम बात है, लेकिन सोचे-समझे बगैर ये किया हे तो आयकर विभाग का नोटिस (Income tax Notice) आ सकता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में पति पत्नी कैश लेन देन नहीं कर सकते हैं।  

पति की इनकम के तौर पर होगी काउंट
 

टैक्स विशेषज्ञों के अनुसार अगर पति की ओर से  पत्नी को घर खर्च के लिए या फिर गिफ्ट के लिए रकम दी जाती है तो यह रकम पति की आय (Income) के तौर पर काउंट होगी। इसका टैक्स पत्नी नहीं, पति पर ही लग सकता है। 

भारतीय आयकर अधिनियम (Income Tax Act) अनुसार पति और पत्नी के बीच किए गए लेन-देन पर खास नियम लागू होते हैं। पति अगर पत्नी को कैश देता है तो इसके लिए इनकम टैक्स के नियमों और धारा 269एसएस और 269टी का पालन करना होगा। 

इन मामलों में नहीं लगेगा टैक्स
 

अगर पति की ओर से पत्नी को कैश घर खर्च के लिए या गिफ्ट के रूप में दिए हों तो इस पर इनकम टैक्स नोटिस (Income tax Notice) नहीं आता है। इसे पति की ही इनकम माना जाता है। पत्नी पर कोई टैक्स दायित्व नहीं बनता है। 

ऐसे में पत्नी पर लगेगा टैक्स
 

अगर पति की ओर से दिए गए पैसे को पत्नी कहीं बार-बार निवेश करती है और इस की आमदनी पर पत्नी को टैक्स देना होगा। पत्नी को इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में यह आय दिखानी होगी। इसी को क्लबिंग ऑफ इनकम के रूप में पति की आय में भी जोड़ा जा सकता है। इससे टैक्स बढ़ सकता है। 

नकदी लेन देन पर आयकर के नियम
 

सबसे पहले बात करते हैं धारा 269 एसएस की, इसमें 20 हजार रुपये से ज्यादा का कैश एकमुश्त नहीं दिया जा सकता है। पति पत्नी के बीच 20,000 से ज्यादा का लेन-देन बैंकिंग (Income tax Notice) माध्यम से करना आवश्यक है। वहीं, बात करें धारा 269 की तो 20,000 से अधिक कैश वापस करना हो तो यह भी ऑनली बैंकिंग के माध्यम से ही किया जाएगा।  

नहीं लगेगी पेनल्टी
 

पति-पत्नी का संबंध बहुत करीबी होता है। इसके चलते नजदीकी संबंध होने की वजह से इन धाराओं के तहत पेनल्टी नहीं लगाई जाती है। इन नियमों का पालन पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जरूरी किया हुआ है। 

कितना कैश पत्नी को दे सकते हैं
 

आयकर (Income tax) के नियमों के अनुसार घर खर्च के लिए कोई सीमा नहीं है। इसके लिए कितने भी रुपये दिए जा सकते हैं। इस राशि पर टैक्स नहीं लगता है। यह पति की आय में जुड़ता है। वहीं अगर पत्नी को दिए गए पैसे निवेश किए जाते हैं तो इसकी इनकम पर टैक्स लगेगा। अगर पत्नी साल में 1,00,000 की इनकम करती है तो उसे पति की आय में जोड़कर टैक्स वसूला जाएगा। वहीं, अगर पति ने पत्नी को गिफ्ट दिया तो इसपर कोई टैक्सनहीं लगता है।  

कैसे बचें टैक्स के नोटिस से
 

अगर टैक्स के नोटिस (Income tax Notice) से बचना है तो 20,000 से अधिक का कैश लेन-देन न करें। बैंकिंग के माध्यम का प्रयोग करें। वहीं, अगर पत्नी निवेश कर रही है तो इसकी जानकारी में पारदर्शिता रखें।  


कब आ सकता है नोटिस
 

आयकर विभाग को यह शक हुआ कि पति ने पत्नी को टैक्स बचाने के लिए रुपये दिए हैं तो इस राशि का इस्तेमाल टैक्स बचाने के लिए होने पर नोटिस आ सकता है। वहीं, अगर इस पैसे से प्राप्त की गई आय का खुलासा नहीं किया है, तो विभाग नोटिस (Income tax Notice) जारी कर सकता है। 

ऐसे तो लगेगा जुर्माना
 

अगर किसी ने 20 हजार रुपये से अधिक कैश लेन-देन किया है तो पति-पत्नी के रिश्ते में नहीं है, तो टैक्स डिपार्टमेंट पेनल्टी के तौर पर उतनी ही रकम जुर्माने के रूप में वसूल सकता है। यह गड़बड़ी मिलने पर होता है। वहीं, पति पत्नी के रिश्ते में ऐसा नहीं होता है। वहीं कृषि से संबंधित आय और लेन-देन पर कोई टैक्स नहीं लगता है। 
 

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