Income Tax : सैलरी क्लास वालों को मिलते हैं 7 तरह के इनकम टैक्स नोटिस, जानिये कितने दिन में देना होगा जवाब
Income Tax Notice : आयकर विभाग करदाताओं, बिजनेसमैन आदि को समय समय पर जरूरत अनुसार नोटिस (IT notice to employees) भेजता रहता है, जो कई तरह के होते हैं। लेकिन नौकरीपेशा लोगों को खासतौर से 7 तरह के नोटिस अधिकतर भेजे जाते हैं। इन नोटिसों का जवाब (how to reply IT notice) देने के लिए भी समयसीमा तय की गई है। आप भी सैलरी क्लास पर्सन हैं तो जान लें कि कौन से 7 खास नोटिस विभाग आपको भेज सकता है।
HR Breaking News - (IT notice rules)। अधिकतर नौकरीपेशा लोग अपनी आय और बचत को लेकर तो कैलकुलेशन (tax calculation) करते रहते हैं, लेकिन इनकम टैक्स के मामलों में कई बातों की अनदेखी कर जाते हैं। ऐसे में आयकर विभाग की ओर से उनको नोटिस मिल सकता है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (income tax department) खासतौर से 7 तरह के नोटिस नौकरीपेशा लोगों को भेजता है, जिनका निर्धारित समय में जवाब देना होता है। आइये जानते हैं इनकम टैक्स एक्ट (income tax act) की विभिन्न धाराओं के तहत भेजे जाने वाले इन नोटिसों के बारे में इस खबर में।
1. धारा 143(1)(a) के तहत नोटिस -
आईटीआर प्रोसेस होने पर आईटीआर (Income Tax Return) के टैक्स कैलकुलेशन को आयकर विभाग ने स्वीकार किया या नहीं, इस बात को इनकम टैक्स एक्ट की धारा 143(1)(a) के तहत नोटिस देकर बताया जाता है। आईटीआर (ITR rules) में कोई मिसमैचिंग है तो यह जानकारी इस नोटिस में दी जाती है। इस मिसमैचिंग को सही करने के लिए आयकर विभाग करदाता (taxpayers news) को 30 दिन का समय देता है।
2. धारा 139 (9) के तहत यह मिलेगा नोटिस-
आईटीआर डिफेक्टिव (defective ITR notice) होने पर विभाग यह नोटिस किसी करदाता को भेजता है। अधूरी जानकारी के साथ आईटीआर सबमिट करने पर यह नोटिस आता है। गलत आईटीआर फॉर्म (ITR format) चुनने पर भी धारा 139 (9) के तहत नोटिस मिल सकता है। 15 दिन में इसका जवाब आपको देना होगा।
3. धारा 142(1) के तहत नोटिस -
टैक्सेबल इनकम (taxable income) को जब छिपाने का अंदेशा होता है या आईटीआर में उसे न भरे जाने पर विभाग धारा 142 (1) के तहत नोटिस भेजता है। विभाग इसमें सवाल करता है कि टैक्स छूट (tax exemption) की सीमा से अधिक इनकम होने के बावजूद आईटीआर क्यों नहीं भरी। 15 दिन में करदाता को इस नोटिस (ITR) का जवाब देना होगा।
4. धारा 143 (2) के तहत मिलेगा ये नोटिस -
आईटीआर की स्क्रूटनी (ITR Scrutiny) के दौरान यह चेक किया जाता है कि करदाता की ओर से किए गए डिडक्शन या क्लेम (tax deduction rules) कितने सही हैं। आयकर विभाग धारा 143 (2) के तहत भेजे गए नोटिस (IT notice) को भेजकर आपसे कुछ सबूत भी मांग सकता है ताकि क्लेम आदि सही से चेक किए जा सकें।करदाता को 15 दिन में इस नोटिस (tax notice rules) का जवाब देना होता है।
5. Section 148 के अनुसार नोटिस -
जब आपकी कोई असेसमेंट (tax assessment) यानी आकलन से बाहर रह जाती है, तो धारा 148 के तहत नोटिस भेजा जाता है। आयकर विभाग (income tax department) का असेसमेंट ऑफिसर इसका सबूत भी भेजता है। विभाग यह भी पूछ सकता है कि आपके मामले का री-असेसमेंट (Re-Assessment rules) क्यों नहीं किया जाना चाहिए। एक माह में इस नोटिस का जवाब देना होता है।
6. धारा 245 के तहत इसलिए आता है नोटिस-
टैक्स रिफंड (tax refund) को पिछले आउटस्टैंडिंग टैक्स (outstanding tax) के साथ एडजस्ट करने के दौरान इस धारा के तहत नोटिस भेजा जाता है। आयकर विभाग इसमें सूचना देता है कि रिफंड (tax refund rules) को आउटस्टैंडिंग ड्यू से एडजस्ट कर दिया है। इस नोटिस का आप 30 दिन में जवाब दे सकते हैं।
7. धारा 154 के तहत नोटिस -
आयकर विभाग की ओर से इनकम टैक्स रिटर्न (income tax return) स्वीकार कर लेने के बाद कोई गड़बड़ी या चूक सामने आती है तो इनकम टैक्स की धारा 154 के तहत नोटिस (income tax notice) आता है। यह नोटिस आईटीआर फाइल करने के 4 साल बाद तक आ सकता है। इसमें आइटीआर (ITR rules) में रही गलती को सुधारने या ठीक करने के लिए कहा जाता है।
