Income Tax : सीनियर सिटीजन को मिलेगी लाखों रुपये की टैक्स छूट, जानिये क्लेम करने का तरीका
Tax Savings in FY25, SCSS: SCSS का मकसद रिटायरमेंट के बाद सीनियर सिटीजन को एक रेगुलर इनकम उपलब्ध कराना है. इस स्कीम में टैक्सपेयर्स हर साल सेक्शन 80C के अंतर्गत 1.5 लाख तक डिपॉजिट पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
HR Breaking News (नई दिल्ली)। सरकारी स्कीम सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) सीनियर सिटीजन की टैक्स सेविंग्स के लिए एक बेहतर स्कीम है. यह स्कीम 60 साल से ज्यादा उम्र के भारतीय नागरिकों के लिए है. SCSS का मकसद रिटायरमेंट के बाद सीनियर सिटीजन को एक रेगुलर इनकम उपलब्ध कराना है. स्कीम में टैक्सपेयर्स हर साल सेक्शन 80C के अंतर्गत 1.5 लाख तक डिपॉजिट कर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है. बता दें, अभी देश में दो तरह की टैक्स रिजीम हैं. न्यू टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम. सेक्शन 80C का टैक्स डिडक्शन ओल्ड टैक्स रिजीम में ही क्लेम कर सकते हैं.
SCSS सरकारी/प्राइवेट क्षेत्र के बैंकों और पोस्ट ऑफिस में उपलब्ध है. सरकारी स्कीम होने के चलते इस पर मिलने वाले रिटर्न गारंटीड है. SCSS खाता खोलने की तारीख से 5 साल के बाद जमा राशि मैच्योर होती है, लेकिन यह टेन्योर एक ही बार 3 और साल के लिए बढ़ाई जा सकती है. 1 जनवरी 2024 से इस स्कीम पर सालाना 8.2 फीसदी ब्याज मिल रहा है.
SCSS के अंतर्गत, ब्याज का भुगतान हर तीन महीनों में किया जाता है, जो आपके निवेश में अवधि के भुगतान को सुनिश्चित करता है. ब्याज प्रत्येक अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर और जनवरी के पहले दिन जमा किया जाएगा.
SCSS: कितना बचेगा टैक्स
SCSS में टैक्स छूट की बेहतर स्कीम है. SCSS में 1.5 लाख रुपये तक सालाना डिपॉजिट पर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के अतर्गत टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है. SCSS पर मिलने वाले ब्याज पर इंडिविजुअल पर लागू टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स देनदारी बनेगी. अगर एक फाइनेंशियल ईयर में ब्याज से इनकम 50,000 रुपये से ज्यादा है, तो उस टैक्स डिडक्ट एट सोर्स (TDS) कटेगा. SCSS में इन्वेस्टमेंट TDS कटौती तक 2020-21 के बाद से लागू है. अगर ब्याज की इनकम तय लिमिट से ज्यादा नहीं है तो फॉर्म 15G/15H जमाकर TDS से राहत ले सकते हैं.
कहां खुलेगा अकाउंट, कितना मैक्सिमम डिपॉजिट
SCSS में मिनिमम डिपॉजिट 1,000 रुपये है. जबकि मैक्सिमम 30 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. सीनियर सिटीजन सेविंगस स्कीम अकाउंट देश के किसी भी अधिकृत बैंक या सभी भारतीय पोस्ट ऑफिस में खोल सकते हैं. इसके लिए अकाउंट खोलने का फॉर्म भरना होगा और KYC डॉक्यूमेंट की कॉपी के साथ जमा करना होगा, जिसमें पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ और एज प्रूफ के साथ पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ शामिल हैं.
SCSS के तहत 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र का व्यक्ति अकाउंट खुलवा सकता है. अगर कोई 55 साल या उससे ज्यादा का है लेकिन 60 साल से कम का है और VRS ले चुका है तो वह भी SCSS में अकाउंट खोल सकता है. लेकिन शर्त यह है कि उसे रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलने के एक माह के अंदर यह अकाउंट खुलवाना होगा और इसमें डिपॉजिट किया जाने वाला अमाउंट रिटायरमेंट बेनिफिट्स के अमांउट से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
जान लें मैच्योर, प्री-मैच्योर नियम
जान लें, SCSS अकाउंट मैच्योर होने पहले अकाउंट होल्डर की मृत्यु की स्थिति में बंद कर दिया जाएगा और सभी मैच्योर इनकम कानूनी वारिस/नामिनी को ट्रांसफर कर दी जाएगी. डेथ क्लेम के लिए, नामिनी या कानूनी वारिस को अकाउंट बंद करने की सुविधा के लिए डेथ सर्टिफिकेट के साथ निर्धारित फॉर्मेट में लिखित अप्लीकेशन देनी होगी.
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम्स में अकाउंट खोलने और बंद करवाने के समय नॉमिनेशन फैसिलिटी उपलब्ध है. इस अकाउंट को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर किया जा सकता है. इसमें अकाउंट होल्डर प्रीमैच्योर क्लोजर कर सकते हैं. लेकिन पोस्ट ऑफिस अकाउंट ओपनिंग के 1 साल के भीतर बंद करने पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा. अगर ब्याज का भुगतान किया गया होगा तो उसकी रिकवरी प्रिंसिपल अमाउंट से कर ली जाएगी. 1 साल के बाद और 2 साल के पहले अकाउंट क्लोज करने पर डिपॉजिट का 1.5 फीसदी काटेगा. वहीं अकाउंट खुलवाने के 2 साल बाद और 5 साल से पहले बंद करने पर डिपॉजिट की 1 फीसदी रकम प्रिंसिपल अमाउंट से डिडक्ट की जाएगी.