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Income Tax : नई टैक्स रिजीम में जबरदस्त होम लोन टैक्स छूट, इस नियम से बचेंगे पूरे 2 लाख रुपये

New Tax Regime : टैक्सपेयर्स के लिए सरकार नए-नए अपडेट जारी करता रहता है। अब इस नए फाइनेंशियल ईयर में कई टैक्सपेयर्स टैक्स भूगतान के लिए नई टैक्स रिजीम में शिफ्ट हुए हैं, लेकिन अभी भी वो टैक्सपेयर्स नई टैक्स रिजीम के तहत होम लोन टैक्स छूट (Home Loan Tax Exemption) के फायदे से वाकिफ नहीं है। अगर आप भी इस छूट का फायदा उठाना चाहते हैं तो इस नियम का यूज करके पूरे 2 लाख रुपये बचा सकेंगे।
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Income Tax : नई टैक्स रिजीम में जबरदस्त होम लोन टैक्स छूट, इस नियम से बचेंगे पूरे 2 लाख रुपये

HR Breaking News : (Tax Planning) अगर आप भी इस नए फाइनेंशियल ईयर में नई टैक्स प्लानिंग (Tax Planning) कर रहे हैं तेा न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) को अपना सकते हैं। नई टैक्स रिजीम में टैक्सपेयर्स को कई फायदे मिलेंगे।

सबसे पहला फायदा तो यह कि 12 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं।इसके साथ ही आप इस नियम को अपनाकर पूरे 2 लाख रुपये की बचत कर सकते हैं । आइए खबर के माध्यम से जाने हैं इस बारे में पूरा केलकुलेशन।

ऐसे पा सकते हैं होम लोन के ब्याज में छूट -


 नई टैक्स रिजीम (New tax regime) चुनने का दूसरा बड़ा फायदा यह है कि अगर NPS है तो कॉरपोरेट अकाउंट के जरिए डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं। स्टैंडर्ड डिडक्शन भी ज्यादा है। इसके साथ ही फ्लैक्सी पे कंपोनेंट्स के साथ ज्यादा सैलरी टैक्स के दायरे में जाने से बचा सकते हैं।

इस हिसाब से देखा जाए तो न्यू टैक्स रिजीम में ज्यादा फायदा मिल रहा है और सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि न्यू टैक्स रिजीम (New tax regime) में होम लोन के ब्याज (Home Loan Tax Exemption) में भी छूट मिलेगी। हालांकि इसके लिए आपको इनकम टैक्स के एक नियम को फॉलो करना होगा। आपको आसानी से और सीधे तौर पर ये छूट नहीं मिलेगी। 


जानिए Old या New Regime किसमे है ज्यादा फायदा-


अगर आप एक टैक्सपेयर है और इस चीज को लेकर कन्फयूज है कि आपको पुरानी टैक्स रिजीम (Old tax regime)में रहना चाहिए या नई टैक्स रिजीम को अपनाना चाहिए तो आपको बता दें कि नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो गया है और हम आपके कन्फयूशन को इस खबर के  माध्यम से दूर करने वाले हैं।

कई लोग ऐसा मानते हैं कि नई टैक्स रिजीम (New tax regime) में ज्यादातर टैक्स डिडक्शन क्लेम नहीं कर सकते। ऐसे में आइए जानते हैं कि Old या New टैक्स रिजीम किसमे सबसे  ज्यादा फायदा है।

नई टैक्स रिजीम के फायदे-


हालांकि New Tax Regime को चुनने का सबसे बड़ा फायदा यह है, क्योंकि इसमे 12 रुपये लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो सकती है, इसमे शायद स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) और रिबेट मिलाकर टैक्स फ्री हो सकती है, जबकि ओल्ड में डिडक्शन के बाद भी 10 लाख रुपये तक की रकम ही टैक्स फ्री कर पाते हैं।


कैसे मिलेगी होम लोन ब्याज दरों पर छूट-


इसके साथ ही आपको बता दें कि New Tax Regime में एक और जबरदस्त फायदा (Benefits of New Tax Regime ) यह है कि होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट मिलगी। हालांकि ये सीधी छूट नहीं है, इस छूट का फायदा लेने के लिए आपको खास नियम मानना होगा।

ऐसा होने पर ही मिलेगी छूट-


आप जानते ही है कि सरकार ने 2020 में New Tax Regime की शुरुआत की। इस रिजीम में होम लोन ब्याज पर छूट मिल सकती है, लेकिन यह छूट तभी मिलेगी, जब प्रॉपर्टी 'लेट आउट' (Let out property) यानी किराए पर दी गई हो। अगर प्रोपर्टी सेल्फ-ऑक्यूपाइड (Self-Occupied property)पर दी गई होगी तो यह छूट नहीं मिलेगी।

जानिए क्या है दोनों रिजीम में मुख्य छूटें-


कोई भी रिजीम चुनने से पहले ये जान लेना बेहद जरूरी है कि दोनों रिजीम में किस तरह की छूट (Relaxation in the regime) का फायदा मिलता है और किस तरह की छूट का फायदा नहीं मिल पाता है। दरअसल, आपको बता दें  कि स्टैंडर्ड डिडक्शन दोनों में है, लेकिन इसके फायदे अलग-अलग है। इसके साथ ही डिडक्शंस(Tax Deductions) न्यू टैक्स रिजीम में नहीं हैं। 

कितना मिलेगा स्टैंडर्ड डिडक्शन & 80C का फायदा-


Standard Deduction Old Regime में 50,000 रुपये सैलरी और New Regime में 75,000  रुपये स्टेंडर्ड डिडक्शन जोकि सैलरी 2023 से अपडेटेड है का फायदा मिलता है। Section 80C में Principal Repay Old Regime में मिलता है और  New Regime में नहीं मिलता है।

 जानिए क्या है ब्याज छूट 24-


ब्याज छूट की बात करें तो Section 24(b) (Interest) Old Regime में 2 लाख रुपये तक की छूट मिलेगी और New Regime में नहीं मिलता हैं। और Section 80EE/EEA (Extra Int.) Old Regime में अलग से छूट संभव थी और New Regime में बंद या मर्ज हो चुका है।

जानिए क्या है नई टैक्स रिजीम में ब्याज छूट का सच-


इसके साथ ही आपको कई बातकों को जान लेना चाहिए। दरअसल, बता दें कि Self-Occupied पर 24(b) छूट नहीं, New Tax Regime में सेक्शन 24(b) के तहत सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी के ब्याज पर कोई सीधी कटौती का फायदा नहीं मिलता है और सिर्फ स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standar Deduction), NPS एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन आदि ही मान्य हैं।

 इसके साथ ही अगर आप होम लोन वाला घर किराए (Let-Out) पर देते हैं  तो आप 'इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी'(Income from House Property) की केलकुलेशन करते समय ब्याज के कारण हुए नेट लॉस को एडजस्ट कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको बता दें कि होम लोन का पूरा ब्याज और किराए से होने वाली आय के बीच जो फर्क आता है उसे लॉस कहा जाता है। इसे आप अपनी दूसरी इनकम से घटाकर (Set-off) सकते हैं।

होम लोन ब्याज पर कैसे होगा फायदा-


हम आपको एक उदाहरण के माध्यम से  समझाते हैं। जैसे कि  मान लें कि किराया 1 लाख रुपये है और ब्याज 3 लाख  रुपये, उस पर होम लोन ब्याज (Home Loan Interest)चुकाया = 3,00,000 रुपये किराए से सालाना आय = 1,00,000 नेट लॉस है, जो कि हाउस प्रॉपर्टी (House Property) से =  2,00,000 रुपये यह लॉस ब्याज से रेंटल इनकम घटाने के बाद आया है। इसका फायदा है कि यह 2 लाख रुपये का लॉस आप New Tax Regime में एडजस्ट कर सकते हैं।

जानिए  किस पर कितनी मिलेगी छूट-


जो घर खुद इस्तेमाल किया (Self-Occupied)  हो, उस पर ब्याज पर कोई टैक्स छूट नहीं (New Tax Regime में)और जो घर किराए पर है (Let-Out) उसमे  रेंटल इनकम के लॉस को दूसरी आय से Set-off किया जा सकता है। गौर करें कि आप एक साल में हाउस प्रॉपर्टी से हुए लॉस (Property loss) को दूसरी इनकम से अधिकतम 2 लाख रुपये तक ही Set-off कर सकते हैं, हालांकि आपका वास्तविक लॉस जोकि ब्याज के कारण भी है, इससे ज्यादा क्यों न हो।

एक्सपर्ट ने दी अपनी राय-


एक्सपर्ट ने भी इस बारे में अपनी राय दी है। एक्सपर्ट का कहना है कि New Tax Regime में होम लोन ब्याज (Home loan tax exemption) पर सीधी छूट नहीं मिलती है, पर लेट-आउट प्रॉपर्टी पर लॉस सेट-ऑफ का फायदा तो है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नियम है। आप कुछ  भी फैसला लें, उससे पहले अपने वित्तीय सलाहकार से जरूर बात करें।

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