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Income Tax : आईटीआर-2 फॉर्म में हुए ये बदलाव, 1 करोड़ हुई यह लिमिट, टैक्सपेयर्स जान लें

Income Tax : देश में हर व्यक्ति पर नियम लागू है कि एक सीमित आय के बाद उसपर टैक्स देना होता है। टैक्स भरने के लिए आईटीआर भरी जाती है। आईटीआर भरने के लिए अलग अलग नियम हैं। इन नियमों के अनुसार अलग अलग फॉर्म भी बने हुए हैं। फिलहाल आईटीआर फॉर्म दो जारी कर दिया गया है। इसमें काफी बदलाव हुए हैं, आइए जानते हैं-

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Income Tax : आईटीआर-2 फॉर्म में हुए ये बदलाव, 1 करोड़ हुई यह लिमिट, टैक्सपेयर्स जान लें

HR Breaking News (Income Tax) आयकर विभाग की ओर से फॉर्म दो जारी कर दिया है। आईटीआर भरने के लिए लिए टैक्सपेयर्स को इस फॉर्म में बदलावों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। यह फॉर्म काफी करदाताओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं आईटीआर-2 फॉर्म क्या है और इसमें क्या बदलाव हुए हैं।

 

 

1 अप्रैल से ही प्रभावी होगा फॉर्म
 

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आईटीआर-2 फॉर्म जारी किया गया है। इसका नोटिफिकेशन आ गया है। इस फॉर्म को भी 1 अप्रैल 2025 से ही प्रभावी माना जाएगा। इस फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत से ही इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।  आईटीआर-1, 3, 4, 5 फॉर्म पहले जारी किए जा चुके हैं। 

 

 

किन लोगों के लिए है फॉर्म
 

आईटीआर-2 फॉर्म सबसे जरूरी तो सैलरी व पेंशन से आय प्राप्त करने वालों के लिए हैं। इसके साथ ही जिनकी एक से अधिक हाउस प्रॉपर्टी है वहां भी यह लगता है।

 

साथ ही शेयर, म्यूचुअल फंड, प्रॉपर्टी अन्य चीज बेचकर कैपिटल गेन भी आईटीआर 2 फॉर्म से भरा जाएगा। इसके अलावा किसी की सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक और विदेश में संपत्ति है, तो आईटीआर-1 की जगह आईटीआर-2 फॉर्म भरा जाएगा। 

फॉर्म में हुए ये बदलाव
 

आईटीआर-2 फॉर्म में पहले 50 लाख रुपये से अधिक की आय पर एसेट व लायबिलिटी की जानकारी देनी पड़ती थी। परंतु, इस सीमा को अब 1 करोड़ कर दिया गया है। इसके साथ ही अब इसमें टीडीएस किस सेक्ट में काटा है, इसकी भी जानकारी देनी होगी।  

यह बातें भी अनिवार्य रूप से बतानी
 

आईटीआर-2 फॉर्म के अंदर आपको बताना होगा कि आपने संपत्ति का ट्रांसफर 23 जुलाई 2024 से पहले किया है या बाद में किया गया है। इससे टैक्स रेट पर असर होगा। 

शेयर बायबैक नुकसान पर भी बदलाव
 

नियमों में बताया गया है कि अगर किसी ने शेयर के बायबैक पर नुकसान उठाया है तो उससे मिली डिविडेंड इनकम भी बतानी होगी। इससे नुकसान एडजेस्ट हो सकता है। फॉर्म के अंदर फॉरन एसेट्स (FA), विदेशी आय (FSI) और डिजिटल ऐसेट्स (VDA) से संबंधित जानकारी डालनी होगी।