Income Tax : टैक्सपेयर्स के लिए अब कौन सी टैक्स रिजीम होगी बेहतर, जानिये कहां बचेगा ज्यादा टैक्स
Income Tax :देश में 72 प्रतिशत लोग नई टैक्स रिजीम को अपना चुके हैं। वहीं, सरकार ने नई टैक्स रिजीम की तरफ लोगों को आकर्षित करने के लिए टैक्स (Income Tax) में बंपर छूट दी है। सीधी पांच लाख रुपये तक की छूट से अब सवाल आता है कि आयकर देने वालों के लिए नई टैक्स (Income Tax) रिजीम बेहतर है या पुरानी।

HR Breaking News (Old vs New Tax Regime) नई टैक्स रिजीम में सरकार ने आयकर स्लैब (Income Tax) में बड़े बदलाव किए हैं। इसमें टैक्सपेयर्स के लिए इनकम पर छूट को एक बार फिर बड़ा दिया गया है। वहीं, पुरानी रिजीम में इस बजट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वहीं, अब सवाल आता है कि कौन सी टैक्स रिजीम टैक्सपेयर्स को अपनानी चाहिए।
24 लाख रुपये तक की आय पर बचेंगे 1 लाख 10 हजार रुपये
देश में 1997 के बाद आयकर स्लैब (Income Tax slab) में बड़ा बदलावा हुआ है। वित्तमंत्री निर्मला सीतरमण ने बजट में मध्यम वर्ग परिवारों को बड़ी खुशखबरी दी है। आयकर में इतनी छूट पहली बार दी गई है। मध्यम वर्ग के लिए 12 लाख रुपये तक की कमाई की इनकम को आयकर (Income Tax) के दायरे से बाहर रखा गया है। वहीं, 24 लाख रुपये तक की आय वालों को भी 1 लाख 10 हजार रुपये की बचत होगी। अब, इससे ऊपर वालों के लिए नई या पुरानी कौनसी टैक्स रिजीम ठी है। आइए जानते हैं।
नई रिजीम में ही दी हैं आयकर में नई छूट
सरकार ने आयकर में सारी छूट केवल नई रिजीम में ही दी हैं। पुरानी टैक्स रिजीम को वैसा ही रखा गया है। नई और पुरानी टैक्स रिजीम (Income Tax) में अब काफी अंतर हो गए हैं, लेकिन पुरानी टैक्स रिजीम को खत्म नहीं किया गया है। सरकार ने पुरानी टैक्स रिजीम को कंटिन्यु रखा है और लोगों पर छोड़ दिया है कि वह कौनसी टैक्स (Income Tax) रिजीम अपनाएं।
पुरानी रिजीम में निवेश छूट का फायदा
जहां, एक और नई टैक्स रिजीम में सीधे टैक्स पर छूट दी गई है, वहीं पुरानी रिजीम में निवेश आदि पर एडिशनल छूट बरकरार है। अब सवाल आता है कि नई रिजीम (Income Tax) का प्रयोग करें या पुरानी में ही चलते रहें। आइए कुछ आसान उदाहरणों के साथ समझते हैं।
अगर इनकम 30 लाख तो कितना देना होगा कर
4 लाख रुपये तक की आय को नई रिजीम (New Tax Regime) में निल रखा गया है। वहीं, नौकरी पेशा के लिए 75 हजार रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन भी दिया गया है। ऐसे में अगर नौकरी पेशा को ही देखें तो उसको 30 लाख में से 25 लाख 25 हजार रुपये पर टैक्स देना होगा। ऐसे में पहले 4 से 8 लाख रुपये पर 5 प्रतिशत का टैक्स यानी 20 हजार रुपये देने होंगे, इसी में जुड़ेंगे दूसरे आयकर स्लैब के 8 से 12 लाख रुपये के 10 प्रतिशत रुपये यानी, 40 हजार रुपये।
अब इसमें आगे जुड़ेंगे 12 से 16 लाख के 15 प्रतिशत रुपये, जोकि 60000 रुपये बनेंगे। वहीं, 16 से 20 लाख तक के स्लैब के लिए 20 प्रतिशत टैक्स है, इसमें चाल लाख का 20 प्रतिश हुआ 80000 रुपये। 20 से 24 लाख के आयकर स्लैब (Income Tax slab) पर 25 प्रतिशत टैक्स के हिसाब से हुआ 1 लाख रुपये टैक्स। वहीं 24 लाख से ऊपर स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद 5 लाख 25 हजार रुपये बचते हैं, इसपर लगेगा 30 प्रतिशत टैक्स। मतलब की 1 लाख 57 हजार 500 रुपये टैक्स और जुड़ेंगे। इन सबको जोड़ने के बाद 4 लाख 57 हजार 500 रुपये टैक्स बनेगा, जोकि 30 लाख रुपये की इनकम पर लगेगा।
अब जानते हैं पुरानी रिजीम का हिसाब
अगर आप 30 लाख रुपये सालाना आय रखते हैं और सैलरी क्लास हैं तो पुराने रिजीम (old regime) के अनुसार कई प्रकार की टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। इनकम टैक्स (Income Tax) की धारा 80सी के अनुसार डेढ़ लाख रुपये की छूट, होम लोन लिया है तो उसके ब्याज पर 2 लाख रुपये की छूट आपको मिल सकती है। इसके अलावा एनपीएस में 50000 रुपये की छूट ले सकते हैं। अपने हेल्थ इंश्योरेंस में 25000 रुपये की छूट ले सकते हैं। मां बाप के स्वास्थ्य बीमा में 50000 की छूट ली जा सकती है। वहीं, पुरानी रिजीम में 50 हजार की स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलती है। एचआरए पर भी छूट मिलती है। यह बेसिक सैलरी पर निर्भर करती है।
अगर आपकी सैलरी सालाना 30 लाख रुपये हैं और बेसिक सैलरी (basic salary) 8 लाख रुपये है तो महानगरों में बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत एचआरए ले सकते हैं। वहीं, छोटे शहरों में 40 प्रतिशत यानी 3 लाख 20 लाख रुपये एचआरए के रूप में छूट ले सकते हैं। अगर 4 लाख रुपये एचआरए (HRA) मिल जाता है तोकुल छूट 9 लाख 25 हजा रुपये बनती है। मतलब अब 30 लाख में से 9 लाख 25 हजार कम करके, 2075000 रुपये पर टैक्स देना होगा।
22500 हजार रुपये पुरानी रिजीम में बचेंगे ज्यादा
वहीं, पुराने टैक्स रिजीम में 2.5 लाख रुपये टैक्स फ्री (Income Tax free) हैं। इससे ऊपर 2.5 लाख से 5 लाख तक 5 प्रतिशत टैक्स 12 हजार 500 रुपये बनता है। वहीं, 5 से 10 लाख रुपये पर सीधा 20 प्रतिशत यानी 1 लाख रुपये यहां हो गए। वहीं, 10 लाख से ऊपर 10 लाख 75 हजार रुपये का टैक्स 30 प्रतिशत बनता है। मलतब टैक्स (Income Tax) की अमाउंट 3 लाख 22 हजार 500 रुपये बनेगी। इन सबको जोड़ने पर कुल टैक्स 4 लाख 35,000 रुपये देना होगा। वहीं, नई रिजी में 4 लाख 57500 रुपये टैक्स लगेगा। मतलब 22 हजार 500 रुपये की बचत पुरानी रिजीम में है।